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दिवाली से पहले देशवासियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा: जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार, जरूरी चीजों पर टैक्स कम या खत्म

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले देशवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने माल एवं सेवा कर- जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार करते हुए तमाम जरूरी वस्तुओं पर टैक्स या तो खत्म कर दिया है या फिर काफी कम कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से जीएसटी सुधारों की घोषणा की। इसी को लेकर नई दिल्ली में बुधवार, 3 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक हुई। जिसके बाद जीएसटी व्यवस्था में बड़े बदलाव को मंजूरी देते हुए त्योहारों से पहले देशवासियों को बड़ी सौगात दे दी गई है।

जरूरी घरेलू वस्तुओं पर टैक्स में भारी कमी
जरूरी घरेलू वस्तुओं जैसे हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, साइकिल, टेबलवेयर और किचनवेयर पर जीएसटी दर को 12% या 18% से घटाकर केवल 5% कर दिया गया है। साथ ही, यूएचटी दूध, पनीर और भारतीय ब्रेड (जैसे रोटी, पराठा) पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दी गई है। इससे रोजमर्रा की इन आवश्यकताओं की कीमतों में गिरावट आएगी और आम जनता की जेब पर टैक्स का बोझ कम होगा। इसके अलावा, चॉकलेट, कॉफी, पैकेज्ड नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स जैसे खाद्य पदार्थों पर भी टैक्स दर को 12% या 18% से घटाकर 5% किया गया है, जिससे ये वस्तुएं अधिक सस्ती और सुलभ होंगी।

स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र को बड़ी राहत
स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र में भी बड़ी राहत मिली है। अब सभी निजी जीवन बीमा पॉलिसियों और उनके पुनर्बीमा पर जीएसटी छूट दी गई है, जिससे बीमा खरीदना आम लोगों के लिए सस्ता और आसान होगा। निजी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी टैक्स नहीं लगेगा, जिससे परिवार और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा। यह कदम आम जनता के स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

घरेलू उपकरण और वाहनों पर टैक्स में कटौती
महंगे घरेलू उपकरणों और वाहनों पर भी टैक्स दरों में कटौती की गई है। एयर कंडीशनर, 32 इंच तक के टीवी, डिशवॉशिंग मशीन, छोटी कारें और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है। इसी तरह बस, ट्रक और एंबुलेंस जैसे भारी वाहन भी 28% की बजाय 18% की दर पर टैक्स देंगे। यह बदलाव न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा।

कृषि और हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा
कृषि क्षेत्र और हस्तशिल्प उद्योग को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। खेती-बाड़ी में उपयोग होने वाली ट्रैक्टर, मशीनरी, कटाई-थ्रेसिंग उपकरण आदि पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। साथ ही, हस्तशिल्प, संगमरमर, ट्रैवर्टीन ब्लॉक और मध्यम चमड़े के सामान पर भी टैक्स घटाकर 5% किया गया है। उर्वरक उद्योग के लिए भी इन्वर्टेड ड्यूटी संरचना में सुधार करते हुए सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर टैक्स 18% से घटाकर 5% किया गया है। इससे किसानों को खेती के लिए जरूरी सामान सस्ते में उपलब्ध होंगे और हस्तशिल्प कलाकारों को बाजार में प्रतिस्पर्धा का फायदा मिलेगा।

तंबाकू उत्पादों और अन्य सेवाओं पर नया नियम
पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और जर्दा जैसे तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी अब खुदरा बिक्री मूल्य (RSP) के आधार पर लागू होगा, जिससे टैक्स संग्रह और नियंत्रण में सुधार होगा। होटल आवास सेवाओं में 7,500 रुपये प्रति यूनिट प्रतिदिन तक पर टैक्स दर को भी 12% से घटाकर 5% किया गया है, जिससे पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र जैसे स्वास्थ्य एवं सौंदर्य सेवा प्रदाताओं पर भी टैक्स दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे ये सेवाएं आम लोगों के लिए अधिक सुलभ होंगी।

जीएसटी प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना
इन सब बदलावों के साथ जीएसटी प्रणाली को भी सरल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। अब तक की चार टैक्स दरों की जगह सिर्फ दो मुख्य दरें 5% और 18% होंगी, जिससे टैक्स प्रणाली आसान और कम जटिल होगी। कुछ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष डिमेरिट रेट 40% भी निर्धारित किया गया है। साथ ही, जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) को सितंबर 2025 तक सक्रिय करने का फैसला लिया गया है, जिससे कर विवादों का निपटारा तेजी से होगा और करदाताओं को अधिक निश्चितता मिलेगी। लंबित अपीलों के लिए समय सीमा 30 जून 2026 तक बढ़ाई गई है।

लागू होने की तारीख और आगे के कदम
जीएसटी परिषद ने यह निर्णय लिया है कि अधिकतर टैक्स दरों में बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे, जबकि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और जर्दा जैसे तंबाकू उत्पादों पर मौजूदा दरें तब तक लागू रहेंगी जब तक सरकार के पुराने लोन और ब्याज का भुगतान पूरा नहीं हो जाता। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि ये सुधार आम जनता को राहत देने, कारोबार में आसानी लाने और देश की आर्थिक विकास यात्रा को गति देने के लिए जरूरी थे। साथ ही, जीएसटी व्यवस्था में पारदर्शिता और भरोसेमंद प्रशासन के लिए भी कई प्रक्रिया सुधार किए जाएंगे।

देश की समृद्धि और आम जनता की खुशहाली की ओर
इस पूरे सुधार के जरिए सरकार ने यह संदेश दिया है कि उनका लक्ष्य सिर्फ राजस्व संग्रह नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की जीवन गुणवत्ता सुधारना है। टैक्स दरों की इस बड़े पैमाने पर समीक्षा से आम आदमी की रोजमर्रा की खर्चों में कमी आएगी, स्वास्थ्य और बीमा सेवाएं सस्ती होंगी, और व्यापारिक माहौल में सुगमता बढ़ेगी। यह कदम निश्चित तौर पर देश की आर्थिक ताकत को मजबूत करेगा और नई उम्मीदें जगाएगा। दिवाली के इस शुभ अवसर पर यह सरकार की तरफ से देशवासियों को एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है।

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