किसान आंदोलन के जरिए मोदी सरकार को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ है। दिल्ली बॉर्डर के पास जारी किसान आंदोलन के समर्थन में अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, पॉर्न स्टार मिया खलीफा के साथ कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट के बाद दुनियाभर में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। लेकिन 3 फरवरी को एनवायरमेंट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की एक गलती ने भारत को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश की पोल खोल कर रख दी।
आप भी देखिए गूगल डॉक्स-
डॉक्स से यह भी पता चलता है कि यह अभियान 25 जनवरी से पहले से चल रहा है। ग्रेटा के डॉक्स फाइल में खासतौर पर जो बातें लिखी गई थीं, उसमें कुछ इस तरह से है-
* प्रदर्शन स्थल पर जाकर आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे। एकजुटता प्रदर्शन करने वाली तस्वीरें ई मेल करें।
* डिजिटल स्ट्राइक- #AskIndiaWhy हैशटैग के साथ फोटो/वीडियो मैसेज 26 जनवरी तक या उससे पहले ट्विटर पर पोस्ट कर दिए जाएं। इसमें प्रमुख लोगों को टैग किया जाय।
* 4-5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लाने की योजना- किसान आंदोलन से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो मैसेज हैशटैग के साथ 5 फरवरी तक शेयर कर दिए जाएं।
* स्थानीय प्रतिनिधियों से संपर्क कर भारतीय सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश करें।
* दूतावासों, स्थानीय सरकारी दफ्तरों के साथ अडानी और अंबानी की कंपनियों के बाहर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं।