केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोरोना काल में किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में धान सहित कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि कर दी गई है। धान का एमएसपी पिछले साल के 1868 रुपये प्रति क्विंटल से 72 रुपये बढ़ाकर साल 2021-22 के लिए 1940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार पिछले सात साल से किसानों के हित में फैसले ले रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा करने के लिए हर वक्त तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि इस साल तिल के भाव में सबसे अधिक 452 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जबकि तुअर (अरहर) और उड़द दाल के भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। मूंगफली और नाइजरसीड के मामले में, बीते साल की तुलना में 275 रुपये और 235 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को को किसानों के हित में उठाया गया कदम बताया है। अपने ट्वीट संदेश में उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं के हित में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। कई फसलों के एमएसपी में वृद्धि से किसान भाई-बहनों की आय बढ़ने के साथ उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
अन्नदाताओं के हित में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। कई फसलों के एमएसपी में वृद्धि से किसान भाई-बहनों की आय बढ़ने के साथ उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा।https://t.co/iRnR3vgRjf
— Narendra Modi (@narendramodi) June 9, 2021
सीजन 2021-22 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी का उद्देश्य किसानों के लिए तार्किक रूप से उचित लाभ सुनिश्चित करना है। किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे ज्यादा अनुमानित रिटर्न बाजरा पर 85 प्रतिशत, उसके बाद उड़द पर 65 प्रतिशत और तुअर पर 62 प्रतिशत होने की संभावना है। बाकी फसलों के लिए किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न होने का अनुमान है।