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बाबा विश्वनाथ की नगरी को 1780 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात, सेवक भाव से काशी, यूपी और देश की सेवा कर रहा हूं: PM MODI

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1780 करोड़ रूपये के विकास कार्यों की सौगातें दीं। इस मौके पर उन्होंने 28 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करते हुए कहा कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से आज काशी में पुरातन और नूतन, दोनों स्वरूपों के दर्शन एक साथ हो रहे हैं। यहां हुए विकास कार्यों से देश ही नहीं, विदेश के पर्यटक भी मंत्रमुग्ध हैं। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि निराशा की पुरानी छवि से बाहर निकलकर प्रदेश आशा और आकांक्षा की नई दिशा में बढ़ चला है। पीएम मोदी ने कहा कि यूपी आज विकास के हर क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर रहा है। बता दें कि कल 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ की दूसरी पारी का एक वर्ष पूरा हो रहा है।डबल इंजन सरकारों के विकास के रास्ते में मानवीय संवेदनाएं सबसे ऊपर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुरानी छवि से बाहर निकलकर यूपी अब उन्नति के पथ पर अग्रसर है। क्योंकि सुरक्षा और सुविधा जहां बढ़ती है वहां समृद्धि आना तय है। यही उत्तर प्रदेश में होता हुआ दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केन्‍द्र और यूपी में जो सरकार है, इन्होंने विकास का जो रास्ता हमने चुना है, उसमें मानवीय संवेदनाएं सबसे ऊपर हैं। वह गरीब की चिंता करने वाली सरकारें हैं। गरीब की सेवा करने वाली सरकार है और आप लोग भले प्रधानमंत्री बोले, सरकार बोलें, लेकिन मोदी तो अपने को आपका सेवक ही मानता है। इसी सेवा भाव से मैं काशी, यूपी और देश की सेवा कर रहा हूं।काशी के पुनर्निर्माण को देखने इस साल 7 करोड़ पर्यटक आए
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे देश-विदेश में मिलने वाले लोग बताते हैं कि वो किस तरह बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पुनर्निर्माण से मंत्रमुग्ध हैं। लोग गंगा घाट पर हुए काम से प्रभावित हैं। हाल ही में जब दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज यहां से चला, उसकी भी बहुत चर्चा हुई है। एक समय था जब गंगा जी में इसके बारे में सोचना भी असंभव था। लेकिन बनारस के लोगों ने ये भी करके दिखा दिया। आप लोगों के इन्हीं प्रयासों की वजह से एक साल के भीतर 7 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए हैं। बनारस आने वाले ये लोग अपने साथ बनारस के हर परिवार के लिए, आय के साधन ला रहे हैं। यहां आने वाले पर्यटक रोज़गार के, स्वरोज़गार के नए अवसर बना रहे हैं। महादेव के आशीर्वाद से ये बहुत बड़ा काम हुआ है। काशी में स्मार्ट सिटी मिशन के कामों से सुविधाएं और बढ़ेंगी
उन्होंने कहा कि आज बनारस की एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में भी बड़ा काम हुआ है। नया एटीसी टावर बनने से ये क्षमता बढ़ जाएगी। इससे भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार करना आसान होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में आप गंगा के बदले हुए घाटों के साक्षी बने हैं। अब गंगा के दोनों तरफ पर्यावरण से जुड़ा बड़ा अभियान शुरू होने वाला है। काशी में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जो काम हो रहे हैं, उनसे भी सुविधाएं बढ़ेंगी और आने-जाने के साधन बेहतर हो जाएंगे। नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा किनारे के शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार हुआ है। आज यहां पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है और नई परियोजनाओं पर काम भी शुरु हुआ है।केंद्र और यूपी में आज गरीबों की सेवा करने वाली सरकारें हैं
आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो गरीब की चिंता करने वाली सरकार है, गरीब की सेवा करने वाली सरकार है। इसी सेवाभाव से मैं देश की, यूपी की और काशी के लोगों की सेवा कर रहा हूं। स्वस्थ दृष्टि, समृद्ध काशी अभियान के तहत कई लोगों का मोतियाबिंद का मुफ्त इलाज हुआ है। मुझे संतोष है कि आज बनारस के हजारों लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। आज गरीब से गरीब के परिवार के पास भी जनधन बैंक खाता है। उसके हक का पैसा, सरकारी मदद आज सीधे बैंक खाते में आता है। आज छोटा किसान हो, छोटा व्यवसाई हो, हमारी बहनों के स्वयं सहायता समूह हों, सबको मुद्रा जैसी योजनाओं के तहत आसानी से ऋण मिलते हैं।टीबी उन्मूलन के लिए भारत नए मॉडल पर कर रहा है काम
इससे पहले पीएम मोदी ने काशी टीबी समिट में भी भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीते 9 वर्षों से भारत अभूतपूर्व सोच और अप्रोच के साथ टीबी उन्मूलन के लिए काम कर रहा है। भारत के ये प्रयास, आज पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये TB के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने TB के खिलाफ इस लड़ाई में अनेक मोर्चों पर एक साथ काम किया है। इस दौरान जनभागीदारी, पौषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, खेलो इंडिया, योग जैसे अभियानों पर जोर दिया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी, हमारे देश में 10-12 साल के बच्चे भी ‘नि-क्षय मित्र’ बनकर टीबी के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे कितने ही बच्चे हैं जिन्होंने अपना ‘पिगी बैंक’ तोड़कर टीबी मरीजों को adopt किया है।भारत को टीबी मुक्त बनाने में ‘टीबी-मुक्त पंचायत’ अभियान की अहम भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य में ‘टीबी-मुक्त पंचायत’ अभियान की भी अहम भूमिका होने वाली है। कोई भी टीबी मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया। टीबी के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए, हमने उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। टीबी की मुफ्त जांच के लिए हमने देशभर में लैब्स की संख्या बढ़ाई है। ऐसे स्थान जहां टीबी के मरीज ज्यादा है, वहां पर हम विशेष रूप से फोकस कर रहे हैं। आज इसी कड़ी में ‘टीबी मुक्त पंचायत’ अभियान भी शुरू किया गया है। हम टीबी की रोकथाम के लिए 6 महीने के कोर्स की जगह केवल 3 महीने का ट्रीटमेंट भी शुरू कर रहे हैं। अब नई व्यवस्था में मरीज को हफ्ते में केवल एक बार दवा लेनी होगी। ऐसे ही प्रयासों की वजह से आज भारत में टीबी के मरीजों की संख्या कम हो रही है।

गुजरात में leprosy रेट 23% से घटकर एक परसेंट पर आया
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की इस लोकल अप्रोच में बड़ा ग्लोबल potential मौजूद है, जिसका हमें साथ मिलकर इस्तेमाल करना है। आज टीबी के इलाज के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती हैं। भारत की फ़ार्मा कंपनियों का ये सामर्थ्य, टीबी के खिलाफ वैश्विक अभियान की बहुत बड़ी ताकत है। संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने बरसों पुराना वाकया याद करते हुए कहा कि क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने, leprosy को समाप्त करने के लिए बहुत काम किया था। एक बार उन्हें अहमदाबाद के एक leprosy हॉस्पिटल का उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया था। गांधी जी ने तब लोगों से कहा कि मुझे खुशी तब होगी जब उस leprosy हॉस्पिटल पर ताला लगाने के लिए मुझे बुलाया जाएगा। साल 2001 में सीएम बनने के बाद leprosy के खिलाफ अभियान को नई गति दी गई। इसी का नतीजा है कि गुजरात में leprosy का रेट, 23 परसेंट से घटकर 1 परसेंट से भी कम हो गया। साल 2007 में मेरे मुख्यमंत्री रहते वो leprosy हॉस्पिटल बंद हुआ, उस पर ताला लगा। इसमें बहुत से सामाजिक संगठनों ने, जनभागीदारी ने बड़ी भूमिका निभाई।

 

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