भारत विश्वगुरु बनेगा। मगर कैसे? यह सवाल भारत के विपक्षी दल और लेफ्ट लिबरल गैंग के सदस्य गाहे-बगाहे उठाते रहे हैं। लेकिन आज अगर यूरोप को देखें तो पता चलेगा कि वह भारत का अनुसरण करते हुए उसकी राह पर चल पड़ा है। अपने को सबसे विकसित मानने यूरोपीय देशों की जनता ने भारतीय जनता का अनुसरण करते हुए राष्ट्रवादी पार्टियों को सत्ता सौंपना शुरू कर दिया है। भले ही यूरोप आज भी अपने को तथाकथित कुलीन सभ्यता का मानने का गुमान करता रहे लेकिन वहां की जनता अब राष्ट्रवादी पीएम नरेंद्र मोदी की तरह अपना नेता चुनना चाहती थी। पीएम मोदी ने देश की संस्कृति के उत्थान के साथ देश के विकास की राह दुनिया को दिखाई है। यूरोप के देश आज अप्रवासी समस्या से जूझ रहे हैं और उनके देश पर अराजकता का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे वक्त में भारत ही उन्हें राह दिखा रहा है। आज यूरोप एक नई राजनीतिक करवट ले रहा है। वहां दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी पार्टियों का उदय हो रहा है। पोलैंड, इटली, स्वीडन और फ़िनलैंड में धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों का शासन है। वहीं अब नीदरलैंड में दक्षिणपंथी पार्टी का उभार एक अलग ही संदेश दे रहा है। नीदरलैंड में धुर दक्षिणपंथी नेता गीर्ट वाइल्डर्स अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। एग्जिट पोल में उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया गया है। ये वही गीर्ट वाइल्डर्स हैं जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर विवाद के बीच नूपुर शर्मा का समर्थन किया था।
नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले गीर्ट बन सकते हैं नीदरलैंड के पीएम
नीदरलैंड के मौजूदा पीएम मार्क रुटे की 2010 से अब तक लगातार चार मध्यमार्गी विचारधारा वाली सरकारें रही और अब उसके बाद दक्षिणपंथी गीर्ट की जीत नीदरलैंड की राजनीति में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। नीदरलैंड्स की आबादी 1.7 करोड़ है और वहां के चुनाव की चर्चा भारत में हो रही है। चर्चा इसलिए हो रही है कि भारत में नुपूर शर्मा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के कारण जब विवादों में थीं तब उन्हें गीर्ट ने समर्थन दिया था। इस चुनाव के एग्जिट पोल में धुर दक्षिणपंथी नेता गीर्ट वाइल्डर्स की पार्टी को जीत मिली है। गीर्ट की फ्रीडम पार्टी (PVV) को 37 सीटें मिली हैं। हालांकि उनकी पार्टी को बहुमत नहीं मिला लेकिन सिंगल लार्जेस्ट पार्टी है। ऐसे में PVV के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनने की उम्मीद है। नीदरलैंड्स की संसद में 150 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए PVV को 76 सांसदों का समर्थन चाहिए। अगर गीर्ट विल्डर्स नीदरलैंड की सत्ता में आते हैं तो यह देश के साथ ही पूरे यूरोप के लिए एक अलग ट्रेंड होगा। क्योंकि गीर्ट को उनके इस्लाम विरोधी रुख के कारण जाना जाता है।
MP Geert Wilders is all set to become next PM of Netherlands
This is how he had supported BJP leader Nupur Sharma saying whatever she had said was absolutely correct.He frequently receives threats from Islamic terrorists for his views opposing Sharia and Islamic Immigration pic.twitter.com/NkcptnsH5f
— GyanGanga (@sarinmall85) November 23, 2023
गीर्ट ने नुपुर शर्मा को बताया था हीरो
अरब देश जब नुपूर शर्मा और भारत के खिलाफ थे, तब इंटरनेशनल लेवल पर गीर्ट ने बचाव किया था। नुपूर शर्मा का जब भारत के साथ-साथ अरब देशों में विरोध हो रहा था तब गीर्ट ने उन्हें एक हीरो बताया था। तब उन्होंने एक्स पर लिखा था, ‘नुपूर शर्मा एक हीरो हैं, जिन्होंने सच के अलावा कुछ नहीं बोला। पूरी दुनिया को उन पर गर्व होना चाहिए। वह नोबेल पुरस्कार की हकदार हैं। भारत एक हिंदू राष्ट्र है और भारत सरकार इस्लामी नफरत और हिंसा के खिलाफ हिंदुओं की दृढ़ता से रक्षा करने के लिए बाध्य है।’ भारत सरकार से अपील करते हुए ग्रीट वाइल्डर्स ने कहा था कि तुष्टिकरण से कभी कोई फायदा नहीं होता, इससे चीजें खराब होती हैं। इसलिए इस्लामिक देशों के दबाव में ना आएं और नूपुर शर्मा की अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में खड़े हों।
गीर्ट ने कहा था- भारत सरकार के नेतृत्व में तरक्की करेगा कश्मीर
गीर्ट वाइल्डर्स ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर भी भारत सरकार का समर्थन किया था। वाइल्डर्स ने कहा था- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जबकि पाकिस्तान में आतंक का राज है। आर्टिकल 370 को हटाना सही फैसला है और दुनिया को इसका समर्थन करना चाहिए। ये भारत का आंतरिक मसला है। हमें कश्मीर के घर वापसी पर स्वागत करना चाहिए। भारत के नेतृत्व में वहां के लोगों का बेहतर विकास होगा।
मुस्लिम देशों पर भड़के थे गीर्ट
अरब देश जब नुपूर शर्मा मामले में भारत का विरोध कर रहे थे तब विल्डर्स ने इन देशों को आड़े हाथों लिया था। इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा था, ‘मैं कहना चाहूंगा भारत या किसी अन्य देश के बारे में आप क्या सोचते हैं, यह तय करने से पहले खुद को आईने में देख लें। ये देश भारत पर हमला कर रहे हैं, जो शरिया कानून को लोकतंत्र और मानवाधिकारों से ऊपर रखते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा था कि OIC देश सबसे ज्यादा असहिष्णु हैं, जिनका मानवाधिकार का रिकॉर्ड सबसे खराब है। सांसद के तौर पर गीर्ट कहा था कि भारत की एक नेता नुपूर शर्मा ने पैगंबर के बारे में जो कहा है, वह पूरी तरह सच है। इस बयान के बाद विवादों में आए गीर्ट ने कहा था कि हां वो इस्लाम की विचारधारा को पसंद नहीं करते हैं।
यूरोपियन यूनियन को भी बेकार बता चुके गीर्ट
गीर्ट वाइल्डर्स ने कई बार इस्लाम विरोधी टिप्पणी कर चुके हैं और वह यूरोपियन यूनियन को भी बेकार बता चुके हैं। वे नीदरलैंड की सीमाओं को नियंत्रित करने और यूरोपियन यूनियन को दिए जाने वाले भुगतान को काफी कम करने की बात कहते रहे हैं। साथ ही, वे इस यूनियन में किसी भी नए सदस्य को शामिल नहीं करना चाहते हैं।
नीदरलैंड्स के चुनावों में शरणार्थी अहम मुद्दा
नीदरलैंड्स के चुनावों में शरणार्थी एक अहम मुद्दा थे। वाइल्डर्स ने चुनाव कैंपेन के दौरान ये स्पष्ट कर दिया था कि वो शरण मांगने वाले प्रवासियों को देश में नहीं आने देंगे। पिछले साल नीदरलैंड आने वाले शरणार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 2.20 लाख तक पहुंच गई थी। रूस-यूक्रेन जंग इसकी एक बड़ी वजह थी। वाइल्डर्स की इस्लाम विरोधी बयानबाजी PVV के चुनावी अभियान का हिस्सा रही है। गीर्ट वाइल्डर्स ने देश में आवास की कमी, बढ़ती महंगाई और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच पर अपने चुनाव प्रचार अभियान को केंद्रित रखा था।
गीर्ट इजराइल के कट्टर समर्थक
गीर्ट वाइलडर्स इजराइल के कट्टर समर्थक हैं। नीदरलैंड के दूतावास को यरूशलम ट्रांसफर करने तथा रामल्ला में नीदरलैंड राजनयिक पद को समाप्त करने के भी पक्ष में हैं।
गीर्ट के पीएम बनने से यूरोपीय राजनीति पर पड़ेगा असर
इस्लाम विरोधी बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले गीर्ट अगर पीएम बनते हैं तो ये दूसरे विश्व युद्ध के बाद से डच राजनीति में सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेरों में से एक होगा। ये परिणाम यूरोप की राजनीति पर भी अपने असर डालेगा। इस्लाम विरोधी गीर्ट की जीत नीदरलैंड की राजनीति में एक ऐसा बदलाव होगा, जो यूरोपीय राजनीति को हिलाकर रख देगा। गीर्ट विपक्षी नेता के तौर पर बीते कुछ सालों में लगातार इस्लाम विरोधी बयानबाजी करते रहे हैं। इस्लाम का विरोध गीर्ट और उनकी पार्टी पीवीवी के राजनीतिक अभियान का हिस्सा रही है। इनमें सार्वजनिक स्थानों पर इस्लामिक हेडस्कार्फ पहनने को गैरकानूनी घोषित करने, मस्जिदों को बंद करने और कुरान पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव भी शामिल है।
यूरोप में लगातार बढ़ रही है राष्ट्रवादी सरकारें
27 यूरोपीय देशों के संघ ईयू में राष्ट्रवादी रुझान वाली पार्टियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। हंगरी और पोलैंड में दक्षिणपंथी पार्टियां मजबूती से सत्ता में हैं। हाल के वर्षों में ऑस्ट्रिया जैसा देश भी राइटविंग सरकार देख चुका है। अप्रैल 2022 में फ्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनावों में भी इमानुएल माक्रों को दक्षिणपंथी धड़े से कांटे की टक्कर मिली। इसके कुछ ही महीनों बाद स्वीडन में पहली बार दक्षिणपंथी सरकार बनी। इटली में भी धुर दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता में है और अब नीदरलैंड्स में सरकार बनाने के करीब है। जर्मनी, फ्रांस और स्पेन के कई प्रांतों में दक्षिणपंथी पार्टियां बेहद मजबूत हो चुकी हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद, उदारवाद और सामाजिक सुरक्षा से भरे पूंजीवाद के लिए पहचान बनाने वाला यूरोप अब बदलता दिख रहा है।
भारत में आजादी के बाद भी गांधी परिवार राष्ट्रवाद कुचलने में जुटी रही
भारत सदियों के एक सांस्कृतिक राष्ट्र रहा है। देश से इसी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को खत्म करने के लिए अंग्रेजों ने सन 1885 में कांग्रेस की स्थापना की थी ताकि भारतीय लोगों को 1857 की तरह क्रान्तिकारी और स्वतंत्रता संग्राम में हिंसक विद्रोह करने से रोका जा सके। भारतीयों में उमड़ती राष्ट्रीयता की भावना को रोका जा सके और राष्ट्रवाद की भावना को दबाया जा सके। अफसोस की बात है जिस राष्ट्रवाद को दबाने के लिए अंग्रेजों ने कांग्रेस की स्थापना की थी स्वतंत्रता के बाद भी वह पार्टी जीवित रही और अंग्रेजों का स्थान गांधी परिवार ने ले लिया।
पीएम मोदी बने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का ध्वजवाहक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद पूरे भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का अलख जगा रहे हैं। उनका पिछले 10 साल का कार्यकाल भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी प्राचीन धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत रहे मंदिरों-स्थलों को जीर्णोद्धार कर उन्हें अपनी पुरानी गरिमा वापस दिलाने का भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। उनके व्यक्तिगत प्रयासों से जहां सैकड़ों प्राचीन वस्तुओं एवं मूर्तियों को विदेशों से वापस लाने में सफलता मिली है, वहीं उनकी पहल से देश में विरासत संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। आज मोदी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि भारत के कई विरासत स्थल यूनेस्को के विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया है। इससे पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान मिल रही है। आज उनके नेतृत्व में राष्ट्रवाद का झंडा पूरे शान से फहरा रहा है। यहीं से दुनिया के देशों को राष्ट्रवाद की सीख मिल रही है और यूरोप में दिख रहा परिवर्तन इसका जीता-जागता उदाहरण है।