प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रभाव में काफी वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों से विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ भारत के संबंध और मजबूत हुए है। इसका नतीजा है कि चीन और पाकिस्तान की नापाक साजिश को विफल करने में लगातार कूटनीतिक सफलाताएं हासिल हो रही हैं। इसकी पुष्टि फ्रांसीसी राष्ट्रपति के सलाहकार इमैनुएल बोन के बयान से हुई है। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चीन को कोई ‘प्रक्रियागत खेल’ खेलने नहीं दिया।
इमैनुएल बोन ने कहा, ‘भारत के समक्ष प्रत्यक्ष खतरे को लेकर हम हमेशा बहुत स्पष्ट रहे हैं। चाहे वह कश्मीर ही क्यों ना हो, हम सुरक्षा परिषद में भारत के प्रबल समर्थक रहे हैं, हमने चीन को किसी भी तरह का प्रक्रियात्मक खेल खेलने नहीं दिया। जब बात हिमालय के क्षेत्रों की आती है, तो आप हमारे बयानों की जाँच कर लें, हम पूरी तरह से स्पष्ट रहे हैं।’
Whether it be on Kashmir, we’ve been supportive of India in the security concern. We haven’t let the Chinese play any kind of procedural games. When it comes to the Himalayas, check our statements, they are perfectly clear: Emmanuel Bonne, Diplomatic Advisor to French President pic.twitter.com/pv5XPdNPh5
— ANI (@ANI) January 7, 2021
फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक वार्षिक संवाद के लिए भारत के दौरे पर आए इमैनुएल बोन ने कहा, ‘चीन जब नियम तोड़ता है, तो हमें बेहद मजबूत और बेहद स्पष्ट होना होगा। हिंद महासागर में हमारी नौसेना की मौजूदगी का मकसद यही है।’ उन्होंने यह भी कहा, “जो हम पब्लिकली कहते हैं, उसे चीन को प्राइवेटली भी कह सकते हैं, इसमें कोई अस्पष्टता नहीं है।”
What we say publicly, we say it to the Chinese privately. There is no ambiguity: Emmanuel Bonne, Diplomatic Advisor to French President https://t.co/CrOygYe7Sq
— ANI (@ANI) January 7, 2021
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआइएफ) द्वारा आयोजित ‘फ्रांस और भारत: स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के साझेदार’ विषय पर अपने संबोधन में इमैनुएल बोन ने कहा कि फ्रांस क्वाड (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का समूह) के करीब है और भविष्य में उनके साथ कुछ नौसैनिक अभ्यास भी कर सकता है।
फ्रांसीसी नौसेना के ताईवान में गश्त करने वाली एक मात्र यूरोपीय नौसेना होने का जिक्र करते हुए इमैनुएल बोन ने कहा कि यह उकसावे के तौर पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर डालने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘हमें टकराव और नहीं बढ़ना है और मैं समझता हूं कि दिल्ली के मुकाबले पेरिस से यह कहना कहीं ज्यादा आसान है, वह भी तब, जब हिमालय क्षेत्र में आपके यहां समस्या है और आपकी सीमा पाकिस्तान से लगी हो।’
इमैनुएल बोन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि डोभाल के साथ रणनीतिक अवसरों के साथ-साथ द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर के मुद्दे और सैन्य सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत हुई।