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विदेशी कर रहे मोदी सरकार में भारत की प्रगति की चर्चा, हिन्दुस्तान पर बरस रहीं खुदा की नेमतें, पाकिस्तान ईशनिंदा आरोपियों को सजा दिलाने में व्यस्त

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में हर दिन भारत की प्रगति का नया इतिहास लिखा जा रहा है। पिछले नौ सालों में ऐसे अनेक काम पहली बार हुए, जो उससे पहले नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत जहां हर क्षेत्र में एक के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहा है, वहीं आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए भारत माता यानी धरती माता ने भी अपना खजाना खोल दिया है। इसकी चर्चा अब विदेशों में भी हो रही है। विदेशी विद्वान भी भारत की तरक्की का लोहा मान रहे हैं और पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए उसके दकियानूसी विचारों को जम्मेदार बता रहे हैं। 

आत्मनिर्भर भारत के लिए धरती माता ने खोला खजाना

दरअसल धरती माता ने पिछले तीन महीने में ऐसे दो बहुमूल्य उपहार दिए हैं, जिनसे भारत के इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा, एयरोस्पेस, रक्षा के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है। फरवरी 2023 में कश्‍मीर में दुर्लभ लिथियम ‘व्हाइट गोल्ड’ का भंडार मिला था और अब आंध्र प्रदेश में 15 दुर्लभ तत्व रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) मिला है। ये दुर्लभ खनिज भारत को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और इलेक्ट्रिक बैटरी के निर्माण में पश्चिम देशों और चीन पर निर्भरता खत्म कर देंगे। भारत को मिले इस प्राकृतिक उपहार पर अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज प्रोग्राम के फाउंडिंग डायरेक्टर प्रोफेसर मुक्तदर खान ने जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इस समय तो खुदा भी भारत पर मेहरबान है।

“अल्लाह ताला की तरफ से हिन्दुस्तान पर नेमतें बरस रही हैं”

एक पाकिस्तानी यू-ट्यूब चैनल के साथ खास बातचीत में प्रोफेसर खान ने कहा कि मुझे लगता है कि अल्लाह ताला की तरफ से हिन्दुस्तान पर नेमतें बरस रही हैं। फरवरी में रिपोर्ट सुनी होंगी जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लीथियम के भंडार मिले हैं। लिथियम बेहद जरूरी है। सभी बैटरी लिथियम से बने होते हैं। अभी तक भारत को पूरी तरह विदेशों से आयात करना पड़ता था। अब आयात नहीं करना पड़ेगा। लिथियम के भंडार भारत में चीन से भी ज्यादा हो गए हैं। अब आंध्र प्रदेश में रेयर अर्थ एलिमेंट्स मिले हैं। ये एलिमेंट्स उच्च किस्म के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए बेहद महत्वपूर्ण तत्व हैं। रेयर अर्थ एलिमेंट का इस्तेमाल आईफोन, सैटेलाइट, उच्च गुणवत्ता वाले महंगे ड्रोन में होता है।

पाकिस्‍तान ईशनिंदा के आरोपियों की तलाश और सजा में व्यस्त

प्रोफेसर खान ने कहा है कि जहां भारत में दुर्लभ चीजों की तलाश हो रही है तो वहीं पाकिस्‍तान आज भी ईशनिंदा जैसे कानून सख्ती से लागू करने और उसके आरोपियों को सजा देने में लगा हुआ है। पाकिस्तान में ईशनिंदा और उसकी सजा को लेकर चार पोजिशन है। इनके अलग-अलग विचार है। प्रोफेसर खान ने कहा कि ईशनिंदा के कानून इतने सख्त है कि पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ भी इसके नियमों में ढील देने के सवाल पर डर गए थे। इस कानून के तहत अगर आदमी माफी भी मांग ले तो भी उसे मौत की सजा दी जाती है। इस गुनाह के लिए मौत की सजा है ही नहीं इस्लाम में। सजा-ए-मौत जो देते हैं वो कहते हैं कि अगर आप इस तरह की हरकत करें, तो आप गैर-मुस्लिम हो जाते हैं और गैर-मुस्लिम होने की सजा मौत है।

आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान टूट के कगार पर खड़ा

इससे पहले प्रोफेसर मुक्तदर खान ने पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली पर करारा चोट किया था। उन्होंने कहा था कि आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान टूट के कगार पर खड़ा है। यह देश कई मोर्चों पर बस ढांचे जैसा बचा है, इसमें कोई ताकत नहीं बची है। प्रोफेसर खान ने यहां तक कह डाला कि अगर भारत चाहे तो पाकिस्तान पर हमला बोलकर उसके कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से को अपने में मिला सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में न सियासत किसी के काबू में रही है, न फौज, न उसके बड़े जतन से पाले आतंकवादी ही काबू में रहे हैं। पाकिस्तान आजकल चारों तरफ से दिक्कतों से घिरा है। वहां परिस्थितियां इतनी बेकाबू हो चुकी हैं कि वह पेट भरने को दुनिया भर में भीख मांगने को मजबूर है। वहीं भारतीय नेताओं की तारीफ करते हुए कहा कि पाकिस्तान के नेताओं से भारतीय नेताओं को ज्यादा इज्जत मिलती है।

 

 

 

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