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मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात, आपसी रिश्तों की मजबूती को बताया अहम

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पांच मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्री भारत-मध्य एशिया संवाद की तीसरी बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आए हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन मध्य एशियाई देशों से भारत के लंबे अरसे से चले आ रहे रिश्तों की मजबूती को अहम बताया।

मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने-अपने राष्ट्रपति के अभिवादन से अवगत कराया। विदेश मंत्रियों ने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। विदेश मंत्रियों ने 18-19 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित भारत-मध्य एशिया संवाद में हुए विचार-विमर्श के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी। संवाद में अफगानिस्तान की स्थिति के साथ व्यापार, कनेक्टिविटी, विकास साझेदारी और क्षेत्रीय विकास पर फोकस किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मध्य एशियाई देशों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को बहुत महत्व देता है और इन देशों को अपने ‘विस्तारित पड़ोस’ का हिस्सा मानता है। उन्होंने मंत्रियों को इस वर्ष स्वतंत्रता की 30वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। उन्होंने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों और बाद में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य की अपनी यादगार यात्राओं को याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र में भारतीय फिल्मों, संगीत, योग आदि की लोकप्रियता को देखते हुए भारत और मध्य एशिया के बीच सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने भारत और मध्य एशिया के बीच बढ़े हुए आर्थिक सहयोग की संभावना और इस संबंध में कनेक्टिविटी की भूमिका का भी जिक्र किया। भारत-मध्य एशिया संवाद ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा दिया है। भारत और मध्य एशियाई देश अगले वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ मनाएंगे। बताया जा रहा है कि इन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपति अगले साल 2022 में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि हो सकते हैं।

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