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राहुल की गुहार पर भारत के आंतरिक मामले में विदेशी दखलंदाजी, दिग्विजय सिंह ने जर्मनी को दिया धन्यवाद, बीजेपी ने जताई कड़ी आपत्ति

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कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी भारत के एक सामान्य सांसद हैं। देश के अन्य सांसदों की तरह उन पर भी देश के नियम, कानून और संविधान के प्रावधान लागू होते हैं। लेकिन वो देश के संविधान, न्यायपालिक, कार्यपालिका और विधायिका के आदेश को नहीं मानते हैं। इसलिए उन्होंने अपने ब्रिटेन दौरे के समय दूसरे देशों को भारत के आंतरिक मामले में दखल देने के लिए आमंत्रित किया था। राहुल गांधी की इस गुहार का असर अब दिखाई देने लगा है। राहुल गांधी की अयोग्यता मामले में जर्मनी के दखल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा आभार जताने से स्पष्ट हो गया है कि गांधी परिवार विदेशी सरकारों और शक्तियों की मदद से भारत पर राज करना चाहता है। वहीं जर्मनी की दखल पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।

आंतरिक मामले में दखल के लिए दिग्विजय ने जर्मनी का जताया आभार

ओबीसी समाज को अपमानित करने के मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। इसके बाद संसद ने कानून के तहत उनकी सदस्यता खत्म की। लेकिन दूसरे देशों की प्रतिक्रिया ने भारत को हैरान कर दिया है। भारत के आंतरिक मामले में जर्मनी की दखल के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आभार जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने भारत में लोकतंत्र के कमजोर होने का आरोप लगाया। दिग्विजय सिंह ने लिखा, “धन्यवाद, जर्मनी विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर, जिन्होंने इस पर ध्यान दिया कि किस तरह से राहुल गांधी को निशाना बनाने के लिए लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।”

भारत अब विदेशी ताकतों के दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा-रिजिजू

दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट ने देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। दिग्विजय सिंंह के इस देश विरोधी हरकत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तुरंत दिग्वियज सिंह के ट्वीट को शेयर करते हुए पलटवार किया। उन्होंने लिखा, “विदेशी ताकतों को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने के लिए आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद राहुल गांधी। याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी दखल से प्रभावित नहीं हो सकती। भारत अब विदेशी ताकतों के दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।”

विदेशी हस्तक्षेप का कोई और सबूत चाहिए? – सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल और कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अब विदेशी दखल का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है। उन्होंने चीन का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ” स्पष्ट है कि कांग्रेस हमारे मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चाहती है। अस्पष्ट मसौदे (Opaque Contents) पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना हों, या फिर विदेश में बातचीत के दौरान सरकार बदलने के लिए मदद की गुहार। मदद मिलने पर उनका धन्यवाद किया। कोई और सबूत चाहिए?

राहुल की विदेशी सांठगांठ और आमंत्रण की खुली पोल

गौरतलब है कि राहुल गांधी से पहले कोर्ट की सजा के बाद 15 से अधिक सांसदों की सदस्यता खत्म हुई। लेकिन किसी भी मामले में दूसरे देशों ने कोई बयान जारी नहीं किया। लेकिन राहुल के मामले में बयान जारी करना और इस पर अमेरिका और जर्मनी द्वारा नजर बनाये रखना यह साबित करता है कि कांग्रेस की सरकारें रूस, अमेरिका, जर्मनी, चीन जैसे विदेशी सरकारों के इशारोें पर चल रही थी। भारत की नीतियां इन देशों के अनुरूप बनाई जा रही थीं। कांग्रेस की सरकारें दूसरे देशों को खुश करने के लिए राष्ट्रीय हितों को तिलांजलि दे रही थी। चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के बीच इसका प्रमाण है। मोदी सरकार की स्वतंत्र विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता ने इन देशों को परेशान कर दिया है। इसलिए ये देश भारत में एक ऐसी कठपुतली सरकार चाहते हैं, जो इनके इशारों पर काम कर सके।

राहुल की अयोग्यता मामले पर जर्मनी और अमेरिका की नजर 

राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद जिस तरह कांग्रेस ने सड़क से सदन तक लोकतंत्र, संसद और न्यायपालिका का माखौल उड़या है, उससे दूसरे देशों की सरकारों को भी भारत के आंतरिक मामले में दखल देने का मौका मिल गया है। जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने राहुल गांधी मामले पर कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी अभी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। इस अपील के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी पर कार्रवाई करते समय न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत के अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा।” इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के मामले पर नजर रख रहा है।

 

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