केंद्र की सत्ता में दूसरी बार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया, जिससे एक देश, एक विधान और एक निशान का 70 साल का सपना साकार हो गया। इस अविश्वसनीय और अकल्पनीय फैसले का नतीजा है कि गुरुवार यानि 24 जून, 2021 को दिल्ली में एक राष्ट्रीय ध्वज के तहत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक बैठक हुई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं ने हिस्सा लिया। 5 अगस्त, 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर के नेता दो ध्वज-सिद्धांत के तहत मिलते थे। प्रधानमंत्री आवास में करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र की मजबूती और विकास का संकल्प लिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि वो ‘दिल की दूरी’ और ‘दिल्ली की दूरी’ को खत्म करना चाहते हैं।
पीएम मोदी का मिशन जम्मू-कश्मीर
- डिलिमिटेशन पूरा होते ही चुनाव कराना
- युवाओं को राजनीतिक नेतृत्व देना
- नई सोच वाली लीड़रशिप खड़ी करना
- नौजवानों के हाथों से हथियार छुड़ाना
- कश्मीर के बच्चों को नौकरी दिलाना
- कश्मीरी पंडितों को वापस बसाना
- भेदभाव दूर कर सबका विकास करना
बदल रहा, आगे बढ़ रहा जम्मू-कश्मीर
- आतंकी घटनाओं का ग्राफ नीचे गिर रहा है
- विकास का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है
- भ्रष्टाचर पर लगाम, भ्रष्टाचारियों को जेल
- पंचायतों को पहले से ज्यादा अधिकार मिले
- 70 साल में पहली बार डीडीसी के चुनाव हुए
- शरणार्थियों और गुर्जरों-बकरवालों को हक मिला
- महिलाओं और दलितों को मूलभूत अधिकार मिले