अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और Dead Economy वाले बयान की हवा अमेरिका की अपनी ही एजेंसी ने निकाल दी है। ट्रंप ने भारत की रूस से तेल की खरीद पर नाराजगी जताते हुए टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया और दावा किया था कि इससे इंडिया की अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लग जाएगा। लेकिन अमेरिकी रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने अपनी ताजा रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि इससे भारत की ग्रोथ न तो रुकने वाली है और न ही धीमी पड़ने वाली। उल्टा, एजेंसी ने वित्तवर्ष 26 के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है, जो अमेरिका की इस टॉप क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के इसी साल जून में 6.5 प्रतिशत ग्रोथ अनुमान से 40 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है। इसके साथ ही फिच ने अगले वित्त वर्ष 2027 को लेकर कहा है कि इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 6.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 28 में 6.2 प्रतिशत रह सकता है। फिच का अनुमान है कि भारत की ग्रोथ का सबसे बड़ा इंजन घरेलू मांग होगी। फिच ने कहा है कि भारत की बाहरी मांग पर कम निर्भरता और पर्याप्त आत्म-निर्भरता के कारण अर्थव्यवस्था इसके व्यापक असर से बची रहेगी।
विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत- फिच
फिच ने हाल ही में यह भी कहा है कि अगले कुछ सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। फिच ने इसके पहले भारत की संप्रभु रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश का विकास मजबूत दिख रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ के स्तर पर रखा है। फिच ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को पिछले साल के बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद मिली है।
आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
ट्रंप की टैरिफ का भारत की ग्रोथ पर नहीं पड़ेगा कोई असर- S&P
इतना ही नहीं इसके पहले हाल ही में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भी कहा कि भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ का देश पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी- S&P) ने साफ कहा कि अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामान पर जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है, उसका इंडिया की ग्रोथ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा ट्रंप का टैरिफ
S&P ग्लोबल रेटिंग्स की डायरेक्टर यीफार्न फुआ ने साफ-साफ कहा कि भारत एक एक्सपोर्ट-केंद्रित इकोनॉमी नहीं है। मतलब ये कि भारत की पूरी अर्थव्यवस्था अमेरिका को सामान बेचने पर निर्भर नहीं करती। उन्होंने बताया कि भारत का अमेरिका को होने वाला निर्यात जीडीपी का सिर्फ 2 प्रतिशत है– यानी बहुत ही कम।
भारत की ग्रोथ की असली ताकत बड़ा घरेलू बाजार
इतना ही नहीं, फार्मास्यूटिकल्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे भारत के बड़े और अहम निर्यात सेक्टर, इस टैरिफ के दायरे से बाहर रखे गए हैं। इसका मतलब है कि भारत के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले प्रोडक्ट्स को ट्रंप के इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, भारत की ग्रोथ की असली ताकत है उसका बड़ा घरेलू बाजार और तेजी से बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर- न कि सिर्फ एक्सपोर्ट।
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत- S&P
पिछले साल एजेंसी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर पॉजिटिव आउटलुक में कर दिया था। अब एजेंसी का कहना है कि इस टैरिफ के चलते रेटिंग में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा, क्योंकि भारत की इकोनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत हैं और लॉन्ग टर्म में टैरिफ जैसे कदमों का कोई बड़ा असर नहीं होगा।
अमेरिकी रेटिंग एजेंसियों ने भारतीय इकोनॉमी को बताया सबसे सशक्त
हैरानी की बात यह भी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस इकोनॉमी को डेड बता रहे हैं, उसी भारत की इकोनॉमी को उनके देश की एजेंसियां ही सबसे तेज और सशक्त बता रही हैं। एसएंडपी ग्लोबल के साथ ही हाल ही में टॉप 2 अन्य शीर्ष अमेरिकी रेटिंग एजेंसियों गोल्डमैन सेक व मॉर्गन स्टेनली ने भी भारत की अर्थव्यवस्था को सबसे सशक्त बताया है। हाल में आईएमएफ ने भी कहा है कि भारतीय इकोनॉमी सबसे तेजी से बढ़ रही है और 2025-26 में 6.4% दर से बढ़ेगी। जबकि अमेरिकी ग्रोथ रेट 2.9% है।
भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर टिकी होने से असर सीमित रहेगा
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की आर्थिक विकास दर, निर्यात और कंपनियों की कमाई पर टैरिफ का ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैश, नोमुरा और बार्कलेज ने भी अपनी रिपोर्ट में ट्रंप टैरिफ से भारत की जीडीपी में 0.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आने का अनुमान लगाया है। नोमुरा का मानना है कि टैरिफ का भारत पर कम असर होगा और इससे विकास दर में सिर्फ 0.2 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। बार्कलेज और गोल्डमैन सैश का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था का घरेलू मांग पर टिकी होने से असर सीमित रहेगा।
S&P ने जताया भरोसा- 2025 में 6.5 प्रतिशत रहेगी GDP ग्रोथ
इतना ही नहीं एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने अपनी ताजा एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि भारत में घरेलू मांग में मजबूती और मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद के कारण अर्थव्यवस्था को वैश्विक चुनौतियों के बावजूद गति मिल रही है। इसके पहले अमेरिका की शुल्क नीति पर अनिश्चितता को लेकर एसएंडपी ने मई 2025 में भारत की वृद्धि का अनुमान कम कर 6.3 प्रतिशत कर दिया था।
2030 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- एसएंडपी
इसके पहले रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने कहा कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। एसएंडपी ने ‘ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024: न्यू रिस्क, न्यू प्लेबुक’ रिपोर्ट में कहा कि भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और यह अगले तीन सालों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है जो भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
चीन नहीं, भारत बनेगा एशिया-प्रशांत का विकास इंजन
हाल ही में एसएंडपी ने ‘चाइना स्लोज इंडिया ग्रोथ’ नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन नहीं, बल्कि भारत एशिया-प्रशांत का विकास इंजन बनेगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का वृद्धि इंजन चीन से हटकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2026 तक बढ़कर सात प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन के लिए इसके सुस्त पड़कर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2031 तक डबल होकर 6.7 ट्रिलियन डॉलर की होगी हमारी इकोनॉमी
एसएंडपी ने हाल ही में यह भी कहा है कि भारतीय इकोनॉमी साल 2031 तक बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने अगस्त वॉल्यूम रिपोर्ट ‘लुक फॉरवर्ड इंडिया मोमेंट’ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह जानकारी साझा की है। एजेंसी ने कहा है कि विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होने से प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ जाएगी। 2031 तक भारत पर कैपिटा जीडीपी 2500 से बढ़कर 4500 डॉलर तक हो जाएगी।
IMF ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर किया 6.4 प्रतिशत
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनिया भर में छाई अनिश्चितताओं के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यह कहते हुए इस साल 2025 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले अप्रैल 2025 में जारी अपनी रिपोर्ट में IMF ने भारत की विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। IMF ने अपनी जुलाई 2025 की विश्व आर्थिक परिदृश्य (World Economic Outlook) अपडेट में कहा है कि भारत की इस बढ़ी हुई वृद्धि दर से यह साफ है कि देश वैश्विक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। इस वृद्धि से भारत के समक्ष आने वाले वर्षों में निवेश, निजी उपभोग और सार्वजनिक निवेश को समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट से यह भी संकेत मिलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत बनी हुई है और जल्द ही विश्व की प्रमुख आर्थिक ताकतों में अपनी स्थिति और भी मजबूत करेगा।
2027-28 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा-आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में एक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान व्यक्त किया, उसके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। भारत 5.2 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था 31 ट्रिलियन डॉलर के साथ शीर्ष पर रहेगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत होगी। इसके बाद चीन 25.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा और वैश्विक जीडीपी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
10 साल में ग्रोथ में हुई 105 प्रतिशत की वृद्धि- आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF- आईएमएफ) की हाल ही जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत ने पिछले 10 साल में 105 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अपने सकल घरेलू उत्पाद- जीडीपी को दोगुना कर लिया है। आईएमएफ के अनुसार देश का जीडीपी साल 2015 के 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर साल 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। इसके साथ ही भारत अब जीडीपी के मामले में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन गया है। अमेरिका 30.3 ट्रिलियन डॉलर, चीन 19.5 ट्रिलियन डॉलर, जर्मनी 4.9 ट्रिलियन डॉलर और जापान 4.4 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत से आगे है।
आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
आईएमएफ का कहना कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।
मोदी राज में आर्थिक विकास का यह हाल है कि कांग्रेस राज में साल 2000 में जो भारतीय अर्थव्यवस्था 13वें स्थान पर था। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह 2020 में 9वें और 2023 में 5वें स्थान पर आ गया। अब रिपोर्ट के अनुसार उम्मीद है कि भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत 2028 तक बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: मॉर्गन स्टेनली
वैश्विक वित्तीय संस्थान मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत 2028 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2035 तक दोगुनी से अधिक होकर 10.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि आने वाले दशक में भारत वैश्विक आर्थिक विकास में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देगा और दुनिया के लिए आय का एक प्रमुख इंजन बनकर उभरेगा। यह प्रगति भारत की मजबूत उपभोक्ता मांग, तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था, वैश्विक कंपनियों के लिए विनिर्माण हब बनने की दिशा में उठाए गए कदमों और बुनियादी ढांचे में भारी निवेश का परिणाम है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत के पांच प्रमुख राज्य- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक 2035 तक अकेले एक-एक ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल कर सकते हैं। ये राज्य देश के आर्थिक केंद्र बनते जा रहे हैं, जहां उद्योग, सेवा क्षेत्र और स्टार्टअप संस्कृति तेजी से विकसित हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत आर्थिक सुधारों की गति को बनाए रखता है और निवेश माहौल को अनुकूल बनाए रखता है, तो यह भविष्य में विश्व अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाले शीर्ष देशों में शामिल हो सकता है।
वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भारत एक ब्राइट स्पॉट- संयुक्त राष्ट्र
पाकिस्तान के साथ ताजा संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल- हमास संकट और वैश्विक मंदी के बीच भारत दुनिया भर में एक ब्राइट स्पॉट के रूप में उभरा है। संयुक्त राष्ट्र (UN- यूएन) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत संकटों के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था इस साल 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह अमेरिका-चीन-जापान जैसी दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। चीन की अर्थव्यवस्था 4.6 प्रतिशत, अमेरिका की 1.6 प्रतिशत और जापान की 0.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। जो भारत से काफी कम है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (DESA- डीईएसए) के आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग ने कहा है कि भारत मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के बल पर सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। इतना ही नहीं अगले साल 2026 में विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यह दिखाता है कि भारत 2026 में भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।
2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- क्रिसिल
मोदी राज में देश की जीडीपी तूफानी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। दुनिया भर में अमेरिकी टैरिफ को लेकर मची हलचल के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 में देश की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है किवित्त वर्ष 26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है। क्रिसिल को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में नरमी से बाहरी चुनौतियों की भरपाई हो सकेगी। क्रिसिल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि ब्याज दरों में कटौती, आयकर में राहत और महंगाई में कमी से इस वित्त वर्ष में खपत को बढ़ावा मिलेगा। अच्छे मानसून से कृषि आय भी बढ़ेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमापन की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। इससे घरेलू विकास को बढ़ावा मिलेगा।
2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- क्रिसिल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने इसके पहले भारत आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि 2031 तक भारत उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाएगा और अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। एजेंसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीश मेहता ने यह भी कहा कि इस दशक के अंत तक देश की प्रति व्यक्ति आय 4,500 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगी।
6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- EY
Ernst and Young- EY ने भी माना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। EY India ने अपनी EY Economy Watch की ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सरकार मानव संसाधन विकास पर ध्यान देती है और वित्तीय अनुशासन बनाए रखती है, तो देश की दीर्घकालिक विकास संभावनाएं और मजबूत हो सकती हैं।
6.5 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था-मूडीज
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मूडीज ने बुधवार 12 मार्च को कहा कि उच्च सरकारी पूंजीगत व्यय और कर कटौती के साथ ब्याज दर में कमी से अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक तेज रफ्तार से बढ़ेगी।
ग्लोबल ग्रोथ में 20% होगी भारत की हिस्सेदारी- WEF
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ( डब्ल्यूईएफ- WEF) के प्रमुख और सीईओ बोर्गे ब्रेंडे ने कहा है कि आर्थिक सुधारों के बल पर भारत की विकास दर सात से आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है। स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से पहले उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं और अगले कुछ वर्षों में ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
#WEF के प्रेसिडेंट और CEO बोर्गे ब्रेंडे ने #NDTV से बात करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि कुछ वर्षों में भारत कुल ग्लोबल ग्रोथ का 20% हिस्सा होगा.#Davos2025
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— NDTV Profit Hindi (@NDTVProfitHindi) January 20, 2025
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस साल भारत 6 प्रतिशत की दर से काफी अच्छी ग्रोथ कर रहा है। भारत फिर से रफ्तार पकड़ेगा और सात से आठ प्रतिशत की दर से ग्रोथ कर पाएगा। इसके साथ ही बोर्गे ब्रेंडे ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में कुल वैश्विक वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी। यह काफी अविश्वसनीय है। लेकिन भारत के लिए एक और बात कारगर है कि यहां स्टार्टअप्स की अपार ताकत है। भारत में 1,20,000 से अधिक स्टार्टअप्स हैं। 120 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। इसलिए ये इकोसिस्टम भविष्य की ग्रोथ का आधार भी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जल्द ही 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई- PHDCCI) ने कहा है कि भारत 2026 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती से प्रगति की है और 2026 तक जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पीएचडीसीसीआई ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश का जीडीपी 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकही है।
फिक्की ने भी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का जताया अनुमान
फिक्की के आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के मुताबिक 2024-25 की पहली तिमाही में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि दूसरी तिमाही 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। फिक्की ने कहा कि लगातार चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। और भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है।
7 प्रतिशत की रफ्तार से ही बढ़ेगी भारत की जीडीपी- एडीबी
मोदी सरकार पर अपना भरोसा और मजबूत करते हुए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने साफ कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी सात प्रतिशत की ही रफ्तार से आगे बढ़ेगी। एडीबी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि के अनुमान में कोई बदलाव न करते हुए इसे 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। एडीबी ने यह भी कहा कि भारत की राजकोषीय स्थिति उम्मीद से ज्यादा मजबूत रहने के कारण वृद्धि को बल मिल सकता है। एडीबी ने कहा है कि सामान्य से बेहतर मानसून के कारण कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत के औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर तेज बने रहने का अनुमान है और इसे आवास क्षेत्र के नेतृत्व में निर्माण क्षेत्र की जोरदार मांग से बल मिलेगा।
वित्त वर्ष 24-25 में 6.6 प्रतिशत रहेगी विकास दर- डेलॉयट
भारत को लेकर डेलॉयट इंडिया का भरोसा भी और मजबूत हुआ है। डेलॉयट इंडिया के अनुसार मौजूदा वित्तवर्ष 2024-25 में भारत के जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। डेलॉयट इंडिया ने कहा है कि पिछले 2 साल से वृद्धि के मजबूत आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को कोविड के पहले के स्तर में आने में मदद की है। बुनियादी ढांचे पर सरकार के व्यय में तेजी से निवेश को समर्थन मिला है। इससे भारत को वृद्धि की रफ्तार तेज रखने में मदद मिली है।
भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर- बार्कलेज रिसर्च
बार्कलेज रिसर्च ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। बार्कलेज रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उचित पॉलिसी मिक्स के साथ भारत संभावित रूप से अपनी जीडीपी ग्रोथ रेट को 8 प्रतिशत के करीब बढ़ा सकता है और इस दशक के अंत तक ग्लोबल ग्रोथ में सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर बन सकता है। इंडियाज ब्रेकआउट मोमेंट शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती घरेलू बचत और सार्वजनिक गैर-बचत में गिरावट से घरेलू बचत को उस स्तर से ऊपर बढ़ाया जा सकता है जो अर्थव्यवस्था की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। बार्कलेज रिसर्च ने यह भी कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि इंडस्ट्रियल सेक्टर तीन प्रमुख सब-सेक्टर्स में सबसे तेज ग्रोथ दिखाएगा।
2075 तक भारत बनेगा दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- गोल्डमैन सैश
हाल ही में आई गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2075 तक दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत जापान, जर्मनी और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। गोल्डमैन सैश के रिसर्च इकोनॉमिस्ट शांतनु सेनगुप्ता के मुताबिक भारत की आबादी में दुनिया की आबादी की तुलना में सबसे बेहतरीन मिश्रण मौजूद है। कामगारों, बच्चों और बुजुर्गों की आबादी भारत में अन्य देशों की तुलना में सबसे अच्छी है। इस कारण भारत मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने तकनीक और अनुसंधान के क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर काम किया है। ये दोनों ही क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा कैपिटल निवेश भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर रहा है।
शताब्दी अंत तक भारत होगा दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति
मोदी राज में भारत इस शताब्दी के अंत तक दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। सेंटर फॉर इकोनॉमिक ऐंड बिजनेस रिसर्च ( CEBR- सीईबीआर) की ताजा वर्ल्ड इकनॉमिक लीग टेबल रिपोर्ट में कहा गया है कि सदी के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार चीन से 90 प्रतिशत बड़ा और अमेरिका के जीडीपी से 30 प्रतिशत बड़ा हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2032 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके साथ ही भारत की तेज वृद्धि दर बरकरार रहेगी और यह 2024 से 2028 के बीच औसतन 6.5 प्रतिशत रहेगी। सीईबीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में युवाओं की सबसे ज्यादा आबादी है। यहां बढ़ता का मध्य वर्ग, गतिशील उद्यम क्षेत्र और वैश्विक अर्थव्यवस्था से बढ़ता जुड़ाव वृद्धि के प्रमुख चालक बनेंगे।
UBS ने भारत के वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर किया 6.3 प्रतिशत
ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस (UBS) की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि भारत की घरेलू आर्थिक गतिविधियां उम्मीद से बेहतर चल रही हैं। निकट भविष्य में वृद्धि की गति को मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान उच्च घरेलू खर्च, तेज ऋण वृद्धि और कड़े चुनावी कैलेंडर से पहले ग्रामीण समर्थक सामाजिक योजनाओं के लिए सरकारी खर्च से समर्थन मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि भारत की वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 में 6.2 प्रतिशत और 2026-27 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- जेपी मॉर्गन
जेपी मॉर्गन ने भी कहा है कि अब भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में ज्यादा देर नहीं है। जेपी मॉर्गन के एशिया प्रशांत इक्विटी रिसर्च के मैनेजिंग डायरेक्टर जेम्स सुलिवन की मानें तो भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि 2030 तक भारत की जीडीपी दोगुनी से ज्यादा 7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। बिजनेस न्यूज चैनल CNBC-TV18 के साथ एक इंटरव्यू में सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी और इसका शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े संरचनात्मक बदलाव होंगे। सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ महीनों में निर्यात में भी तेजी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अभी जो 500 अरब डॉलर से कम का निर्यात है वो बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
2030 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय में होगी 70% की बढ़ोतरी- स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2030 तक लगभग 70 प्रतिशत यानी अगले सात साल में सात गुना बढ़ने का अनुमान है और मौजूदा स्तर 2,450 डॉलर से बढ़कर 4,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2030 तक आज के डॉलर के हिसाब से भारत की प्रति व्यक्ति आय 329122.40 रुपये हो जाने की संभावना है। प्रति व्यक्ति आय के पिछले 20 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2001 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2011 में 460 डॉलर से बढ़कर 1,413 डॉलर और 2021 में 2150 डॉलर हो गया। इस तरह प्रति व्यक्ति आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पीएम की गारंटी 2027 तक होगी पूरी-एसबीआई रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी गारंटी दी। उन्होंने कहा कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के एक दिन बाद भारत का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया कि भारत 2027 तक दुनिया की तीससी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि देश ने 2014 के बाद से जिस रास्ते को चुना है, उससे पता चलता है कि भारत मार्च 2023 के वास्तविक जीडीपी आंकड़े के आधार पर वित्त वर्ष 2027-28 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इससे पहले की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत दो साल पहले ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा कर लेगा। पिछले अनुमान में एसबीआई ने 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2022-27 के दौरान अर्थव्यवस्था के आकार में 1800 अरब डॉलर की वृद्धि ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से ज्यादा होगी।
एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।
दुनिया पर मंडरा रही मंदी की आशंका, लेकिन भारत को खतरा नहीं- ब्लूमबर्ग
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार दुनिया के कई देशों के सामने मंदी का संकट मंडरा रहा है। सर्वे की माने तो एशियाई देशों के साथ दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका, जापान और चीन जैसे देशों में मंदी का खतरा कहीं ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत को मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर बताया गया है। ब्लूमबर्ग सर्वे के अनुसार भारत ही ऐसा देश है जहां, मंदी की संभावना शून्य यानी नहीं के बराबर है।