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मोदी सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संकट के समय मिल रही आर्थिक सहायता, पढ़िये 11 कहानियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से देशभर के सामाजिक सुरक्षा योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा ”जन सुरक्षा के तहत शुरू की गई योजनाएं अलग-अलग परिस्थितियों के लिए हैं और काफी कम प्रीमियम पर शुरू की गई हैं ताकि देश में हर क्षेत्र, हर तबके, हर आयु वर्ग से जुड़े लोग इनका लाभ उठा सकें।” उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा योजनाएं आम जन को और खास तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बना रही हैं जिससे संकट के समय वो मजबूती से खड़े रह सकें।

पीएम मोदी ने जानकारी दी कि 2014 में भारत में बैंक खाते रखने की संख्या करीब 50-52 प्रतिशत थी जो अब 80 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि महिलाओं के बैंक खातों में बढ़ोतरी हुई है और आज लगभग 50 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थी हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए इंश्योरेंस स्कीम, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अन्य योजनाओं कुछ और फीचर्स भी जोड़ेगी।

उन्होंने कहा, ”सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील है और उनके कल्याण को महत्व देती है।  आप से अनुरोध है कि सभी बीमा योजनाओं का लाभ लें और आसपास के लोगों को इन योजना के बारे में बताएं।”

आपको बता दें कि नरेन्द्र मोदी ऐप पर केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत का यह उनका सातवां संवाद था। आइये हम भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों के अनुभवों को उन्हीं के शब्दों के माध्यम से महसूस करते हैं।

जीवन ज्योति बीमा योजना से मिला सहारा

छत्तीसगढ़ में रायपुर की मीरा बांदे के पति की वर्ष 2016 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘मेरे पति ने 2015 में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा करवाया था। तीन महीने के भीतर मुझे देना बैंक से दो लाख रुपये मिल गए। तीन बच्चों की मां हूं, मुझ बेसहारा औरत को इससे सहारा मिला।”  पीएम मोदी ने इस पर कहा,  ”ऐसी योजनाएं देखने में लगती छोटी हैं, लेकिन संकट के समय बड़ी हो जाती हैं, यह इसका ही उदाहरण हैं।”

 

दो महीने में मिल गए चार लाख रुपये

ओडिशा में गंजाम के रहने वाले पुरोहित गोविंद चंद्र शतपति ने बताया कि वर्ष 2017 में उनकी 24 वर्षीय बेटी की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। इंडियन ओवरसीज बैंक से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति और प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना करवा रखी थी। दो महीने के भीतर ही चार लाख रुपये की सहायता मिल गई। पीएम मोदी ने कहा, ”बेटी की सजगता ने एक बूढ़े मां-बाप की किस तरह मदद की यह इसका उदाहरण है।”

सरकार की योजना ने दिया सहारा

तेलंगाना की विजया ने बताया कि उनके पति की एक्सीडेंट में मौत हो गई। लेकिन तीन बच्चों की इस मां को बैंक ने उनकी मौत के 20 दिन में ही 2 लाख रुपये दे दिये। तेलंगाना की ही बेरीबाई ने कहा, बेटे की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी, लेकिन बेटे ने बीमा करवा रखी थी। बैंक से बिना किसी रिश्वत के 4 लाख रुपया मिल गया। पीएम मोदी ने इसपर कहा, ”किसी व्यक्ति के खोने की भरपाई कोई नहीं कर सकता, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में परिवार को आर्थिक संबल मिल जाए तो वो अपना रास्ता खोज लेता है। मुझे संतोष है कि सरकार आपके काम आई।”

एक्सीडेंट होने पर भी मिलती है सहायता

हरियाणा में सिरसा के संदीप सिंह और पानीपत की प्रीती और मध्य प्रदेश में होशंगाबाद के नृत्य गोपाल साहू को पीएम सुरक्षा बीमा का लाभ मिला। संदीप को बैल के मारने से आंख में चोट लग गई थी, वहीं प्रीति को एक्टिवा चलाते समय एक गाड़ी वाले ने टक्कर मार दी थी जबकि नृत्य गोपाल साहू का पैर कट गया था। तीनों को ही संकट के समय एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिली। इस पर पीएम मोदी ने कहा, ”पीएम सुरक्षा बीमा योजना इसी मकसद से शुरू की गई कि अनहोनी के वक्त परिवार के सामने संकट खड़ा हो जाता है। विशेषकर ऑटो चलाने वाले, दिहाड़ी मजदूर, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, गरीब को ध्यान में रखकर 12 रुपये सालाना प्रीमियम वाली इस  योजना को शुरू किया गया है।”

वय वंदन योजना से बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा

त्रिपुरा में अगरतला के विजयेंद्र दास और सुशांत गुप्तार ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदन योजना में 7.5 लाख रुपये इन्वेस्ट किया है। रिटायरमेंट के बाद अब 5 हजार रुपये हर महीना मिलता है।  पीएम मोदी ने इसपर जानकारी दी कि, वय वंदन योजना के तहत 60 साल के नागरिक को 10 वर्ष तक 8 प्रतिशत का सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। यदि रिटर्न 8 प्रतिशत से कम है तो सरकार इसकी भरपाई करती है। अभी तक 3 लाख से ज्यादा लोग इसका लाभ ले रहे हैं और सरकार इसमें टैक्स इन्सेटिव भी दे रही है।

बुढ़ापे के लिए अटल पेंशन योजना

मध्य प्रदेश के संदीप शाहू अटल पेंशन योजना में 231 रुपये प्रीमियम देते हैं जबकि अर्चना इसके लिए 1308 रुपये देती हैं। साठ साल बाद इन्हें हर महीने पेंशन मिला करेगा। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि वृद्धावस्था में किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़े और पेंशन के रूप में निश्चित राशि मिलती रहे इसी को ध्यान में रखकर ये योजना शुरू की कई है। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 1 करोड़ लोग लाभ ले रहे हैं, जिनमें 40 प्रतिशत महिलाएं हैं।

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