Home विशेष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से मिलेगा हर घर को 24X7 प्रकाश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से मिलेगा हर घर को 24X7 प्रकाश

SHARE

पूरे देश का अंधकार तब तक दूर नहीं हो सकता, जब तक कि गरीब की झोंपड़ी में प्रकाश न हो। इस स्थिति को बदला जाए और वर्ष 2022 तक देश से ऊर्जा संबंधी समस्याओं का नामोनिशान मिटा दिया जाए, इसी संकल्प की दिशा में निरंतर गतिमान प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने एक और पहल करते मार्च 2018 तक सौर एवं पवन ऊर्जा की श्रेणी में 21 गीगावाट क्षमता की नीलामी करने का निश्चय किया है। आइए, इसी विषय में कुछ जानकारी प्राप्त करते हैं-

अक्षय ऊर्जा उत्पादों की बढ़त 

नवीण एवं नवीणीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा की जाने वाली इस नीलामी में इस समय-सीमा तक तीसरे और चौथे दौर में तीन-चार गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता वाले ब्लॉकों को नीलामी योग्य चुना गया है, जिसे प्रत्येक चरण में बढ़ाते हुए डेढ़ से दो गीगावाट क्षमता शामिल की जाएगी। इसके अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2022 तक नवीणीकरणीय ऊर्जा स्रोतों द्वारा 175 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। साथ ही इस क्षेत्र में 60 गीगावाट पवन ऊर्जा, 100 गीगावाट सौर ऊर्जा, 10 गीगावाट बायोमास ऊर्जा एवं 5 गीगावाट लघु जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन द्वारा संकलित करने का लक्ष्य तय किया गया है।

रेंट ए रूफ

ऊर्जा संबंधी क्षेत्र में जारी प्रयासों में एक योजना ऐसी भी शामिल होने जा रही है, जिसका देशवासियों को दोहरा लाभ मिलेगा। यह योजना होगी ‘रेंट ए रूफ’, जिसके अंतर्गत लोगों से उनकी छत किराए पर ली जाएगी। इसकी ऐवज में उस छत के मालिक को किराया तो दिया ही जाएगा, साथ ही अगले 25 वर्षों तक उसे बिजली का बिल भरने से भी छूट मिल जाएगी। इससे आमदनी का भी एक बेहतरीन रास्ता खुल जाता है। छत का उपयोग सरकार द्वारा सोलर पैनल लगाने के लिए किया जाएगा। इसमें लगने वाला सारा वहन संबधित विभाग द्वारा ही किया जाएगा, छत के मालिक को किसी भी प्रकार का निवेश नहीं करना पड़ेगा।

सौभाग्य योजना

देश की आजादी के इतने वर्षों बाद भी लगभग 4 करोड़ परिवार ऐसे हैं, जो अंधेरे में जीने को विवश हैं। इन्हें केंद्र में रखते हुए सरकार ने ‘सौभाग्य योजना’ शुरू की थी, ताकि नए ऐसे सभी परिवारों तक बिजली पहुंचाई जा सके। इस योजना की अनुमानित लागत 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगी। इस बात की भी व्यवस्था की गई है कि गरीबों को ये कनेक्शन निशुल्क प्रदान किए जा सकें।

उदय योजना

उदय योजना प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना द्वारा न केवल लंबे समय से घाटे में चली आ रही बिजली कंपनियों की हानि की भरपाई हो सकेगी, बल्कि यह कॉपरेटिव कंपटिटिव फेडरलिज्म अर्थात सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद का एक उदारहण भी बन गई है। इस योजना का लक्ष्य यह था कि शहरों से लेकर गांव तक हर उस जगह तक बिजली पहुंचाना, जहां अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ राज्य सरकारों को भी बड़े रूप में पहुंचा। साथ ही इस योजना पर आने वाली लागत 2.9 लाख करोड़ रुपये है, जिसे स्मार्ट मिटरिंग, वितरण, स्वचालन, बैटरी भंडारण पर खर्च किया जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों का वित्तीय सुधार व उनकी दशा में सुधार लाना भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण अंग है।

उजाला योजना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बिजली उत्पादन, वितरण और गांवों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य के साथ ही बिजली की बचत और ऐसे LED बल्ब लगाने की योजना पर भी काफी सक्रिय है, जिनमें ऊर्जा की खपत बहुत कम है। यदि कुछ समय पहले के ही कुछ आंकड़ों पर ही नजर डालें तो मार्च 2017 तक देश में 22 करोड़, 5 लाख, 88 हजार 510 LED बल्ब लगाए जा चुके थे, जिनके चलते 2,864.7 करोड़ ऊर्जा और इस पर व्यय होने वाले 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हो चुकी थी। इतना ही नहीं, बल्कि इससे कार्बन डाइऑक्सइड के उत्सर्जन में भी भारी कमी दर्ज की गई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के प्रयासों से बिजली, कोयला और अक्षय ऊर्जा मंत्रालयों को संयुक्त नेतृत्व देकर इनकी परस्पर संवादहीनता की समस्या ही दूर कर दी गई थी, जिसका परिणाम पूरे विश्व ने देखा। देश आज सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो विदेशी कंपनियों के बीच निरंतर आकर्षण का कारण बना हुआ है।

 

 

 

 

Leave a Reply Cancel reply