नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में लगाता दूसरी बार अपना कार्यभार संभाल चुके हैं। शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने ने साथ ही विभागों का भी बंटवारा किया जा चुका है। लेकिन विरोधियों के बीच अभी भी लोकसभा चुनाव 2019 में मिले अपार बहुमत की चर्चा जारी है। अब तो विरोधी भी मानने को मजबूर है कि मोदी को सभी का विश्वास हासिल है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दूसरे दलों के नेताओं में इतना विश्वास बढ़ गया है कि वे अब अपनी पार्टी के जहाज से कूदकर सत्तारूढ़ दल के बैंड में शामिल होने लगे हैं। मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मिली शानदार सफलता से प्रेरित होकर दूसरे दलों के नेता भी मोदी की नया भारत बनाने की इच्छा से उत्साहित हैं। कई पार्टियों के नेताओं ने तो मोदी में विश्वास की अपनी मंशा जाहिर भी कर चुके हैं।
विरोधी दलों के नेताओं में इस प्रकार की व्यापक सोच भारतीय राजनीति के भविष्य के परिदृश्य और उसके आगे के रास्ते को भी रेखांकित करती है। मोदी के राजनीतिक विरोधियों को यह महसूस होना कि उनके दृष्टिकोण भारत के हर क्षेत्र के लोगों द्वारा अपनाया जा रहा है अपने आप में एक नई राजनीतिक कहानी की पृष्ठभूमि तैयार कर रही है। यह महज हवा में की गई टीवी डिबेट शो में हुई चर्चा नहीं बल्कि कुछ ठोस संकेत पर आधारित हैं।
टीएमसी के 3 विधायक और 60 पार्षदों का भाजपा में आना
गुजरात कांग्रेस में मची है हलचल
भविष्य के संकेत भी उत्साहवर्धक है
राजस्थान में भी कांग्रेस के भीतर है गहरा असंतोष