प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। देश में रोजगार की स्थिति बेहतर हुई है और इस दौरान भी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।
एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से मई, 2022 में रूप से 16.81 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। सितंबर, 2017 से लेकर मई, 2022 के बीच लगभग 5.48 करोड़ नए सदस्य जुड़े हैं।
अप्रैल में हायरिंग एक्टिविटी 15 प्रतिशत बढ़ी
इंडियन जॉब मार्केट ने वार्षिक आधार पर अप्रैल में हायरिंग डिमांड में 15 प्रतिशत और माह-दर-माह के आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। मॉन्स्टर एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स (एमईआई) की नई रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में हायरिंग एक्टिविटी बढ़ना रिकवरी का संकेत है। कोरोना महामारी के बाद भी हायरिंग एक्टिविटी में सुधार अच्छा संकेत है।
तीसरी तिमाही में नौकरियों की संख्या में चार लाख की वृद्धि
इसके पहले केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने 28 अप्रैल, 2022 को श्रम ब्यूरो द्वारा तैयार तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (QES) को जारी किया था। पिछले साल अक्तूबर से दिसंबर 2021 के दौरान नौ चयनित क्षेत्रों में कुल रोजगार की संख्या बढ़कर 3.14 करोड़ हो गई। यह जुलाई से सितंबर 2021 की तिमाही के मुकाबले चार लाख अधिक है। जुलाई से सितंबर 2021 में नौ चुनिंदा क्षेत्रों में कुल रोजगार 3.10 करोड़ था।
जिन नौ क्षेत्रों में रोजगार के ढेरों अवसर बने हैं, उनमें विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्टोरेंट, आईटी / बीपीओ और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। मोदी सरकार के मुताबिक ये आंकड़े कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन प्रतिबंधों के हटने से आर्थिक गतिविधियों में हुए सुधार को दर्शाते हैं। गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय की यह तीसरी रिपोर्ट है। केंद्रीय श्रम मंत्री के मुताबिक इन अध्ययनों से सरकार को साक्ष्य आधारित नीति बनाने में मदद मिलगी।
महिलाओं की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी
रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है। श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर से दिसंबर 2021 की तीसरी तिमाही में कुल रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी 31.59 प्रतिशत हैं। श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ने पर देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) को अधिक तेज रफ्तार मिलती है। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्क फ्रॉम होम और डिजिटल के बढ़ते उपयोग से महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल रहे हैं।
85 प्रतिशत हुआ नियमित रोजगार
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में कुल रोजगार में 85.3 प्रतिशत हिस्सेदारी नियमित रोजगार की रही है। इसमें ठेके पर रखे जाने वाले श्रम बल की हिस्सेदारी 8.9 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार 10 या उससे अधिक कामगारों वाले संगठित क्षेत्र के चुनिंदा नौ सेक्टरों में रोजगार के बढ़ने का रुझान है। ‘विनिर्माण’ रोजगार देने वाला सबसे बड़ा सेक्टर है, जहां कुल कामगारों में से लगभग 39 प्रतिशत कामगार काम करते हैं। इसके बाद शिक्षा सेक्टर आता है, जहां कुल कामगारों में से 22 प्रतिशत कामगार कार्यरत हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी नौकरी को लेकर 14 जून को एक बड़ा ऐलान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले डेढ़ साल में 10 लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी। ये काम मिशन मोड में होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री ने यह निर्देश दिया है। पीएमओ ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की समीक्षा की है और उन्होंने मिशन मोड में काम करते हुए अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिया है।
PM @narendramodi reviewed the status of Human Resources in all departments and ministries and instructed that recruitment of 10 lakh people be done by the Government in mission mode in next 1.5 years.
— PMO India (@PMOIndia) June 14, 2022