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PM Modi की लोकप्रियता अपार, अगले माह न्यूयॉर्क दौरे के लिए भारतवंशियों का उत्साह चरम पर, क्षमता से दोगुने हुए रजिस्ट्रेशन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन कार्यकाल के सवा दस साल में नौवीं बार अमेरिका जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क के नसाऊ स्टेडियम में ‘मोदी एंड यूएस प्रोग्रेस टुगेदर’ इवेंट में शामिल होंगे। उनकी अमेरिका यात्रा को लेकर भारवंशियों में उत्साह चरम पर है। पीएम मोदी की वैश्विक लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनको सुनने के लिए अब तक 24 हजार से ज्यादा भारतवंशी रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जबकि इस स्टेडियम की क्षमता केवल 15 हजार ही है। रजिस्ट्रेशन अभी जारी है और आयोजकों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन कराने वाले भारतीयों की संख्या 30 हजार से भी पार हो सकती है। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमेरिका के 50 में से 42 राज्यों से भारतवंशी शामिल हो सकते हैं। काबिले गौर है कि बतौर पीएम मनमोहन सिंह 8 बार अमेरिका का दौरा कर चुके हैं। अब अगले माह पीएम मोदी उनके इस रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर देंगे।इतनी लोकप्रियता कि स्टेडियम की क्षमता से दोगुना हो चुके हैं रजिस्ट्रेशन
प्रधानमंत्री मोदी की दुनियाभर में तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और स्वीकार्यता के बीच अगले माह में उनका एक और अमेरिका दौरा होने वाला है। इंडो अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ यूएस (IACU) इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। IACU के मुताबिक रजिस्ट्रेशन कराने वाले भारतीयों की संख्या 30 हजार से भी पार हो सकती है। IACU ने कहा कि सबको स्टेडियम में कैसे बैठाया जाए इसकी व्यवस्था की जा रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन और 2019 में ह्यूस्टन स्टेडियम में ‘हाउडी मोदी’ कम्युनिटी इवेंट को संबोधित कर चुके हैं। इन दोनों इवेंट में भी विशाल संख्या में भारतवंशों और अमेरिकी नागरिकों ने शिरकत की थी। IACU पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को पिछले कार्यक्रमों से ज्यादा भव्य बनाने की तैयारियों में जुटा है।कार्यक्रम में साइंस-बिजनेस सेक्टर से जुड़े सफल भारतीय शामिल होंगे
पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमेरिका के 50 में से 42 राज्यों से भारतीयों के आने की संभावना है। इंडो अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ यूएस के मुताबिक सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, कनेक्टिकट, टैक्सस, फ्लोरिडा से हुए हैं। कई भारतीय अमेरिकी सामुदायिक संगठन प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। भारतीय- अमेरिकियों के धार्मिक और भाषाई संगठन इसमें शामिल हैं। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में साइंस, एंटरटेनमेंट और बिजनेस सेक्टर से जुड़े सफल भारतवंशी भी शामिल होंगे।42 राज्यों से भारतवंशियों के भाग लेने की उम्मीद, क्षमता का होगा विस्तार
आइएसीयू ने कहा कि कम से कम 42 राज्यों से भारतीय अमेरिकियों के भाग लेने की उम्मीद है। कार्यक्रम के एक प्रमुख आयोजक ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें। उन्होंने आगे कहा कि हम बैठने की व्यवस्था का विस्तार करने और अपने वेलकम पार्टनर्स के साथ समन्वय करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने जा रहे हैं, ताकि लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो। एक प्रमुख आयोजक ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें।

यूएन जनरल असेंबली में पीएम मोदी का भाषण 26 सितंबर को होगा
पीएम मोदी 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएन जनरल असेंबली के 79वें सेशन को संबोधित कर सकते हैं। यूएन के अनुसार इस दिन अहम देशों के शासन प्रमुखों का संबोधन होगा। यूएन का सेशन 24 से 30 सितंबर तक चलेगा। यूएन के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के अनुसार सत्र में भविष्य के लिए वैश्विक डिजिटल ब्लू प्रिंट पर समझौते होंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने 2021 में यूएन सेशन को संबोधित किया था।

पीएम मोदी ने हाल ही में फोन पर की जो बाइडेन से कई मुद्दों पर बात
प्रधानमंत्री मोदी ने गत 26 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने यूक्रेन समेत तमाम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में शांति और स्थिरता के लिए भारत के समर्थन की बात दोहराई। मोदी और बाइडेन के बीच बांग्लादेश के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। मोदी और बाइडेन ने बांग्लादेश में जल्द हालात सामान्य करने पर जोर दिया। साथ ही बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की जल्द बहाली और अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

 

पीएम मोदी नौवीं बार अमेरिकी यात्रा पर जा रहे हैं, जबकि बतौर पीएम मनमोहन सिंह 8 बार अमेरिका दौरे पर गए थे। आइये, जानते हैं किस भारतीय प्रधानमंत्री ने अमेरिका में दौरे किए…

भारतीय प्रधानमंत्रियों के अब तक के अमेरिकी दौरों पर एक नजर:

जवाहर लाल नेहरू: बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के पहले पीएम नेहरू ने 1949 में 11-15 अक्टूबर तक अमेरिका की पहली यात्रा की। उनका दूसरा दौरा 1956 में 16-20 दिसंबर के बीच हुआ। नेहरू ने तीसरी यात्रा 26 सितंबर 1960 और चौथी नवंबर 1961 में की थी।

इंदिरा गांधी: पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 27 मार्च 1966 को अमेरिका का दौरा किया। उस समय लिंडन जॉनसन अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इंदिरा गांधी 14 अक्टूबर 1968 को दूसरी बार और 1970 को तीसरी बार अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित करने गई थीं।

मोरारजी देसाई: भारत के पहले गैर कांग्रेस सरकार के पीएम मोरारजी देसाई जून 1978 में यूएन आमसभा में शामिल होने अमेरिका गए थे।

राजीव गांधी: इंदिरा गांधी की तरह उनके बेटे राजीव गांधी भी बतौर पीएम तीन बार अमेरिका की यात्रा पर जा चुके हैं। राजीव गांधी पहली बार 22 अक्टूबर 1985 को अमेरिका गए। न्यूयार्क सिटी में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से मुलाकात की। वो दूसरी बार अक्टूबर 1987 और तीसरी बार जून 1988 में यूएन आमसभा में शामिल होने अमेरिका पहुंचे थे।

पीवी नरसिंह राव: बतौर पीएम पीवी नरसिंह राव पहली बार जनवरी 1992 में यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जॉर्ज डब्ल्यू बुश से मुलाकात की। दूसरी बार मई 1994 में सरकारी यात्रा पर गए थे। तीसरी बार अक्टूबर 1995 में यूएन आमसभा में शामिल हुए।

इंद्र कुमार गुजराल: गुजराल सितंबर 1997 में यूएन आमसभा में शामिल होने के लिए पहुंचे। वहां उन्होंने राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मुलाकात की।

अटल बिहारी वाजयेपी: बतौर पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 22 सितंबर को यूएन आमसभा में शामिल हुए। दूसरी बार सितंबर 2000 में अमेरिका गए। वहां उन्होंने 106वीं कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। ऐसा करने वाले किसी भी दूसरे देश के पहले नेता बने। तीसरी बार नवंबर 2001 और चौथी बार सितंबर 2002 में यूएन आमसभा में शामिल होने न्यूयार्क पहुंचे।

डॉ. मनमोहन सिंह: बतौर पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने आठ बार अमेरिका की यात्रा की. सितंबर 2004 में वह पहली बार यूएन आमसभा में शामिल होने पहुंचे। जुलाई 2005 में सरकारी यात्रा पर वॉशिंगटन डीसी गए। तीसरी बार सितंबर 2005, चौथी बार सितंबर 2008 में यूएन आमसभा में शामिल हुए। पांचवीं बार नवंबर 2008 में जी-20 के वॉशिंगटन सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए। छठी बार सितंबर 2009 में जी-20 सम्मेलन, सातवीं बार वॉशिंगटन और आठवीं बार 2010 में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने अमेरिका गए थे।

 

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