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पीएम मोदी के अगाध आस्था स्थल केदारनाथ धाम के लिए भक्तों में जबरदस्त क्रेज, क्षमता से दोगुने पहुंचे बाबा के भक्त, पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा

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देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेहद लगाव है। वे कई बार अपने इस लगाव को जाहिर भी कर चुके हैं। केदारनाथ धाम से भी पीएम मोदी की अगाध आस्था है। पिछले साल नवंबर में पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में 130 करोड़ रुपये की पुनर्विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्था पथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं। तब पीएम मोदी ने याद दिलाया कि 2013 की आपदा के बाद मेरी आत्मा ने कहा था कि केदारनाथ धाम का फिर से विकास होगा और आज वह सपना पूरा हुआ है। पीएम मोदी ने तब आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फुट की लगभग 35 टन वजनी प्रतिमा का अनावरण और शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण किया। करोड़ों रुपये की लागत के केदारनाथ के इस जीर्णोद्धार के बाद अब चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम के कपाट खुले हैं। बाबा के भक्तों में इतना क्रेज है कि 10 हजार की क्षमता के बावजूद दोगुने श्रद्धालु बाबा के दर पर पहुंच चुके हैं।

केदारनाथ की पंचमुखी डोली भक्तों के जयकारों के बीच अपने धाम पहुंची
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पूजा-अर्चना कर बाबा का आशीर्वाद लिया। इससे पहले शुक्रवार को प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर जय केदार के जयकारों के बीच भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुले। सबसे पहले केदारनाथ धाम का जीर्णोद्धार करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा की गई। बाबा के मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है। अब छह माह तक बाबा के भक्त धाम में ही आराध्य के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर सकेंगे। वहीं, बृहस्पतिवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली भक्तों के जयकारों के बीच अपने धाम पहुंची। विधि विधान के साथ बाबा की डोली को मंदिर के समीप विराजमान किया गया है। साथ ही अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया है।
पूरे विधि-विधान के साथ खुले तृतीय केदार तुंगनाथ के भी कपाट
बाबा केदार की उत्सव डोली को मुख्य पुजारी द्वारा भोग लगाया गया और नित पूजाएं की गई, जिसके बाद डोली को सजाया गया। केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, वेदपाठियों, पुजारियों, हकूकधारियों की मौजूदगी में कपाट पर वैदिक परंपराओं के अनुसार मंत्रौच्चारण किया गया। इस दौरान डोली ने मंदिर में प्रवेश किया। इसके बाद मंदिर के अंदर पूजा अर्चना की गई। सेना की बैंड की धुनों के साथ पूरा केदारनाथ भोले बाबा के जयकारों से गुंजायमान हो गया। इस दौरान केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित बीकेटीसी के सदस्य भी मौजूद रहे। पंचकेदार में तृतीय भगवान तुंगनाथ के कपाट विधि-विधान के साथ (शुक्रवार) पूर्वाह्न 11 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मक्कू स्थित भूतनाथ मंदिर में तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गई।

उत्तर-दक्षिण की धार्मिक संस्कृति का संगम स्थल, शैव लिंगायत विधि से पूजा
इधर बाबा केदारनाथ के दर्शन को आतुर भक्तों का सैलाब एक दिन पहले ही केदारनाथ पहुंच गया। इस तीर्थस्थल के होटल-धर्मशालाएं लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं की ही क्षमता रखते हैं, लेकिन नए जीर्णोद्धार के क्रेज के चलते 20 हजार श्रद्धालु-भक्त पहुंच गए। गौरीकुंड से हजारों श्रद्धालु गुरुवार सुबह केदारनाथ धाम की तरफ बढ़ चले। आस्था की बयार और बाबा के जयकारों के बीच 21 किलोमीटर की दूरी बाबा के भक्तों ने पैदल, पिट्ठू और घोड़ों के जरिए पूरी की। बाबा केदारनाथ का मंदिर केवल श्रद्धा और आस्था का केंद्र ही नहीं, वरन उत्तर और दक्षिण भारत की धार्मिक संस्कृति का संगम स्थल भी है। उत्तर भारत में पूजा पद्धति अलग है, लेकिन बाबा केदारनाथ में पूजा दक्षिण की वीर शैव लिंगायत विधि से होती है। मंदिर में रावल के शिष्य पूजा करते हैं, रावल यानि पुजारी, जो कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं। अब तक 326 रावल यहां आ चुके हैं।

दीवाली पर भी उमड़ा था श्रीकेदारनाथ धाम में भक्ति और श्रद्धा का सैलाब 
इससे पहले दीपावली के मौके पर भी केदारनाथ धाम में भक्ति और श्रद्धा का सैलाब उमड़ा था। त्योहार के दिन भी केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने को बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। 4 नवंबर यानी दीपावली के दिन लगभग 2600 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। जिसमें से 807 महिला भक्त शामिल रहीं। जबकि 2 नवंबर को करीब 2300 भक्त दर्शन को पहुंचे, जिसमें 1235 महिला श्रद्धालु शामिल थी। इसी तरह रोजाना करीब 30 से 40% महिला श्रद्धालु रोजाना बाबा केदारनाथ की आराधना करने आती हैं। इनकी संख्या अब बढ़ रही है। महिला श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए केदारनाथ के दौरान इनके लिए विशेष इंतजाम भी हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए केदारनाथ धाम के बेस कैंप में बने हैल्थ कैंप और सेंटर में महिला यात्रियों के लिए अलग से महिला डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है। जहां महिलाएं बिना घबराए अपनी परेशानी बता सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रास्ते में जगह-जगह महिलाओं के लिए अलग से चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।

 

 

 

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