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अब विपक्षी दलों की हारने के बाद होगी बोलती बंद, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में गड़बड़ियां रोकेगा cVIGIL ऐप, आयोग 100 मिनट में लेगा एक्शन

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केंद्रीय चुनाव आयोग देश के पांच राज्यों में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने जा रहा है। कांग्रेस,सपा समेत विपक्षी पार्टियां चुनाव में करारी हार के बाद कभी ईवीएम पर, कभी सरकारी मशीनरी पर, कभी बीजेपी पर आरोप लगाती हैं और खुद की हार की जिम्मेदारी किसी पर मढ़ने का नाकाम प्रयास करती हैं। चुनाव आयोग ने इस चुनाव में किसी भी तरह की संभावित गड़बड़ियों को रोकने के लिए cVIGIL नाम का ऐप बनाया है। इस पर कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक से लेकर आम आदमी तक फोटो और वीडियो के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। आयोग इस शिकायत पर 100 मिनट के अंदर ही एक्शन लेगा।

कोई भी फोटो या वीडियो से कर सकेगा शिकायत, जानकारी रहेगी गोपनीय
राजस्थान, पंजाब जैसे राज्यों में जीत पर कांग्रेस की बोलती बंद हो जाती है। बुरी तरह हार पर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां शोर डालने लगती हैं। आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सात चरणों में चुनाव की घोषणा की है। इनके नतीजे 10 मार्च को आएंगे। चुनावों में किसी भी तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए चुनाव आयोग ये साफ कर चुका है कि चुनाव के दौरान लोग सी-विजिल (cVIGIL) ऐप का इस्तेमाल करें। अगर चुनाव में धांधली हो रही है तो लोग इसके जरिए शिकायत करें और तत्काल एक्शन लिया जाएगा. आइए इस ऐप के बारे में जानते हैं…

पांच राज्यों में धांधलियों की शिकायतों का निवारण करेगा
चुनाव आयोग ने सी-विजिल ऐप को चुनावों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए तैयार किया है। इस ऐप की मदद से वोटर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं। इस ऐप को सभी एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स के लिए तैयार किया गया है। ऐप पर शिकायत करने के लिए यूजर को स्मार्टफोन के कैमरे और जीपीएस एक्सेस की जरूरत होती है। इन पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव में पहली बार इस ऐप का इस्तेमाल होगा और इससे धांधलियों की शिकायतों का निवारण हो सकेगा।

 

सी-विजिल ऐप पर दो मिनट तक का वीडियो कर सकेंगे अपलोड
न पांच राज्यों में चुनाव के दौरान जो लोग सी-विजिल ऐप से किसी धांधली की शिकायत करना चाहते हैं, उन्हें इस ऐप को इन्स्टॉल करना होगा। ऐप इन्स्टॉल होने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए शिकायतकर्ता को नाम, पता, राज्य, जिला, विधानसभा और पिनकोड की जानकारी देनी होगी। एक ओटीपी की मदद से इसका वैरिफिकेशन किया जाएगा। अब शिकायत करने के लिए फोटो या कैमरे को सिलेक्ट करके फोटो या वीडियो भेज सकेंगे। शिकायतकर्ता 2 मिनट तक का वीडियो ऐप पर अपलोड कर सकता है। फोटो और वीडियो से जुड़ी डिटेल के लिए एक बॉक्स में शिकायतकर्ता धांधली के बारे में अपनी टिप्पणी लिख सकेगा।

यूजर कर सकते हैं अपनी शिकायत ट्रैक, आयोग क्या कर रहा है एक्शन
चुनाव आयोग के मुताबिक शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाता है। हालांकि, ऐप पर पहले से रिकॉर्ड वीडियो या फोटो अपलोड नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, ऐप से रिकॉर्ड किए गए वीडियो या फोटो फोन गैलरी में सेव नहीं होंगे। आयोग के मुताबिक जो फोटो या वीडियो अपलोड किया जाता है, उससे उस जगह की लोकेशन भी पता चल जाती है। फोटो या वीडियो अपलोड होने के बाद यूजर को एक यूनीक आईडी मिलेगी। इसके जरिए वे मोबाइल पर ही फॉलोअप ट्रैक कर सकते हैं कि उनके द्वारा की गई शिकायत पर क्या एक्शन हो रहा है।

ऐसे चुनाव को ट्रांसपैरेंट बनाएगा सी-विजिल
• जिस राज्य में चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाती है। वहां के लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
• चुनाव आयोग के मुताबिक चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से वोटिंग खत्म होने तक, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत सी-विजिल ऐप के जरिए चुनाव आयोग को भेज सकता है।
• आचार संहिता के दौरान नेताओं की तरफ से किसी भी तरह के कोई गैरकानूनी दस्तावेज बांटने, भ्रष्टाचार और विवादित बयानों की शिकायत इस ऐप के जरिए कर सकते हैं।
• सी-विजिल ऐप पर शिकायतकर्ता जो भी वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे वो 5 मिनट के अंदर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास चला जाएगा।
• शिकायत सही है तब 100 मिनट के अंदर ही उस समस्या का समाधान किया जाएगा।
शिकायक करने वाले व्यक्ति के बारे में सारी जानकारी को आयोग द्वारा गुप्त रखा जाएगा।

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