प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है। बीते साढ़े चार वर्षों में सेना की सभी जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। संसद में पेश किए बजट में भी मोदी सरकार की रक्षा को लेकर संवेदनशीलता दिखाई दी। 2019-20 के अंतरिम बजट में रक्षा बजट के लिए 3,05,296 रुपये प्रदान किए गए हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार है कि रक्षा बजट तीन लाख करोड़ रुपये के पार हुआ है।
संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा रक्षा बजट 2019-20 में प्रथम बार 3,00,000 करोड़ रूपये के आंकड़े को पार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाओं को सुरक्षित करने और उच्चतम स्तर की तैयारियों को बनाये रखने के लिए यदि आवश्कता होती है तो अतिरिक्त निधियां प्रदान की जाएंगी।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे सैनिक दुर्गम परिस्थितियों में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और वे हमारा गर्व और सम्मान है। सैनिकों के सम्मान पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वन रेंक वन पेंशन (ओआरओपी) का मुद्दा, जो पिछले 40 वर्षों से लंबित था, अब इसे हल कर दिया गया है। पिछली सरकारों ने तीन बजटों में इसकी घोषणा की थी, लेकिन 2014-15 के अंतरिम बजट में मात्र 500 करोड़ रूपये का आवंटन किया था, इसकी तुलना में मोदी सरकार इसके प्रति सच्ची भावना के साथ इस योजना को कार्यान्वित करने के बाद पहले से ही 35,000 करोड़ रूपये से अधिक आवंटित कर चुकी है।
वित्त मंत्री ने कहा केंद्र सरकार सभी सेनाकर्मियों की सैन्य सेवा वेतनमान (एमएसपी) में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोत्तरी और अत्यधिक जोखिम से भरे क्षेत्रों में तैनात नौसेना और वायुसेना कर्मियों को विशेष भत्ते दिये जाने की घोषणा कर चुकी है।