कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जहां भारत में ही वेंटीलेटर्स से लेकर पीपीई किट बनाने में सफलता मिली है, वहीं इस वायरस को खत्म करने वाली दावाओं पर शोध जारी है। इसी क्रम में आइआइटी आइएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) के वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग बनाई है। इस कोरोनारोधी कवच की जादुई कोटिंग से कपड़ों के संपर्क में आते ही वायरस, जीवाणु और कवक जैसे खतरनाक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाएंगे। नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित इस तकनीक से कोरोना समेत भविष्य के तमाम वायरस खत्म किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्री भी इस कोटिंग के कायल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने तो मन की बात अपडेट्स में इस तकनीक की जमकर तारीफ भी की। मन की बात के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे अपडेट भी किया गया।
मैजिकल कोटिंग!#IITISM धनबाद के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कोटिंग तैयार किया है जिसकी कपड़ों पर अगर परत लगा दी जाए तो उससे वायरस, जीवाणु जैसे सूक्ष्मजीव खुद नष्ट हो जाएंगे और इस कोटिंग से युक्त कपड़े पीपीई की तरह काम करने लगेगा ।#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/ocTwXq7n6Y
— Mann Ki Baat Updates (@mannkibaat) June 15, 2020
केंद्रीय रेल एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने तो बाकायदा इस तकनीक के वीडियो फुटेज के साथ ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि आइआइटी आइएसएम धनबाद ने नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग से ऐसी कोटिंग तैयार की है, जिसके संपर्क में आने से वॉयरस और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। इस कोटिंग से कपड़ों को पीपीई जैसा उपयोगी बनाया जा सकता है। यह अधिक सुविधाजनक होने के साथ ही सुरक्षित भी होगा।
IIT (ISM), धनबाद द्वारा नैनो टैक्नॉलाजी के उपयोग से ऐसी कोटिंग तैयार की है जिसके संपर्क में आने से वॉयरस और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं।
इस कोटिंग के द्वारा कपड़ों को PPE जैसा उपयोगी बनाया जा सकता है। यह अधिक सुविधाजनक होने के साथ ही सुरक्षित भी होगा। pic.twitter.com/ERlQp4PyGP
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 15, 2020
सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग बनाने वाले आइएसएम के रसायन अभियंत्रण विभाग के प्रो. आदित्य कुमार ने बताया कि कई परीक्षणों के बाद इसे तैयार करने में सफलता मिली है। कोरोना कपड़े, प्लास्टिक, मेटल सहित किसी भी सतह पर जीवित रहता है। ऐसे में यह परत कोरोना से भी बचाव में कारगर होगी। इस तकनीक का पेटेंट कराने पर काम चल रहा है।
आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो.राजीव शेखर ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने आइएसएम प्रबंधन से संपर्क कर इस ‘कोरोनारोधी कवच’ की सराहना करते हुए बधाई दी। साथ ही एमएचआरडी ने इस पर काम करने का संकेत भी दिया।