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मेरे दोस्तों ने मुझे गुजरात से दूर रहने की सलाह दी, लेकिन मोदी सर से बातचीत ने मेरी धारणा बदल दी- सुल्तान अलमुद्दीन, पीडीपीयू का पूर्व छात्र

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गांधीनगर स्थित पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय (पीडीपीयू) के 8वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर इसी विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र सुल्तान अलमुद्दीन ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की अपनी यादों को शेयर किया है। अलमुद्दीन ने बताया है कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद उसकी धारणा बदल गई। 

सुल्तान अलमुद्दीन ने ट्वीट कर लिखा, “आज मेरे पूर्व शैक्षणिक संस्थान गांधी नगर स्थित पीडीपीयू का दीक्षांत समारोह है,जिसके मुख्य अतिथि नरेन्द्र मोदी हैं। पीडीपीयू का पूर्व छात्र होने के कारण गुजरात प्रवास और मोदी सर से मेरी मुलाकात की यादें फिर ताजा हो गई हैं। उस समय मैंने उन्हें पवित्र कुरान भी भेंट किया था। मेरी कहानी कुछ इस तरह है।”

अलमुद्दीन ने आगे लिखा है, “नरेन्द्र मोदी सर के साथ मेरी पहली बातचीत संयोग से हुई, जब मैंने उन्हें उनकी सरकार के कामकाज पर एक ट्वीट किया और मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय से मीटिंग के लिए बुलावा आ गया। नरेन्द्र मोदी सर के साथ मेरी छह मुलाकातों में से यह पहली मुलाकात थी। इसमें उनके साथ मेहसाणा जाना भी शामिल है।”

अलमुद्दीन ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, “मैं पीडीपीयू में अध्ययन करने के लिए 2008 में गुजरात आया था। उस समय मैं गुजरात आने के विचार से खुश नहीं था। मेरे दिमाग में गुजरात का मतलब दंगे और भूकंप थे। मेरे दोस्तों ने मुझे गुजरात से दूर रहने की सलाह दी थी, लेकिन राज्य और मोदी सर के साथ मेरी बातचीत ने मेरी धारणा बदल दी।”

अलमुद्दीन ने लिखा है कि मार्च 2010 में अधिकतर दैनिक समाचार पत्र एसआईटी जांच रिपोर्टों से भरे रहते थे, जिसकी वजह से खुद नरेन्द्र मोदी सर से पूरी सच्चाई जानने के लिए मुझे ट्विटर के माध्यम से उन तक पहुंचना पड़ा। हैरानी तब हुई, जब 1 अप्रैल, 2010 को मेरे साधारण मैसेज पर उनसे मिलने की अनुमति मिली।  

एक घंटे तक चली मुलाकात के दौरान मोदी सर ने मुझे जो कुछ बताया उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। उन्होंने कहा, “मैंने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है। लेकिन, कृपया ध्यान दें कि मैंने हिंदुओं, जैनों, सिखों के लिए भी कुछ नहीं किया है। मैं 55 मिलियन गुजरातियों के लिए जिम्मेदार हूं और मैं जो कुछ भी करता हूं, उनकी सेवा के उद्देश्य से करता हूं।“

अलमुद्दीन ने लिखा है कि नरेन्द्र मोदी सर के गुजरात में मुझे एक मिनट भी असहज नहीं लगा। वहां चिंता करने वाली कोई बात नहीं थी। सब कुछ सही था। लोग काफी सहयोगी और मददगार थे। माहौल पूरी तरह शांत था। न कोई पूर्वाग्रह था और न ही असहिष्णुता की कोई बात थी।

मेरे धर्म के कारण मेरे मार्ग में कोई बाधा नहीं आई। कॉलेज में दो दर्जन से अधिक कार्यक्रमों के प्रबंधन, संचालन और स्पान्सर्शिप प्राप्त करने के दौरान मुझे लोगों से कोई समस्या नहीं हुई। इंजीनियरिंग लाइफ एक यादगार यात्रा बन गई और महत्वाकांक्षा की कोई सीमा नहीं रही।

पीडीपीयू और ऊर्जा क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के विजन के बारे में अलमुद्दीन ने लिखा है कि मेरी अगली मुलाकात के दौरान नरेन्द्र मोदी सर ने कहा कि उनका विजन पीडीपीयू को भारत के ऊर्जा उद्योग में एक लाइफलाइन बनाना है। उनका सपना भारत को तेल और गैस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि हम ऊर्जा महाशक्ति बना सके, क्योंकि हम मांग का 80 प्रतिशत से अधिक आयात करते हैं।

युवाओं के बारे में अलमुद्दीन ने लिखा है कि नरेन्द्र मोदी सर ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि हर युवा लगन से काम करे। खुले दिल और दिमाग के साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोशिश करे और हार न माने। एक युवा होने के नाते आपको किसी भी चीज़ के लिए लड़ने में सक्षम होना चाहिए और बिना किसी डर के अडिग रहना चाहिए।

अलमुद्दीन ने लिखा है कि दिसंबर 2013 में मोदी सर ने मुझसे जो कुछ कहा, उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। उन्होंने कहा,  “हार मत मानो, क्योंकि दुनिया हमेशा आपके रास्ते में अड़चन डालेगी। यदि आप आगे चलकर अपनी पहचान बनाना चाहते हो, तो बाधाओं को अपना दोस्त बनाओ। अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोशिश करो। आज दुनिया में सबकुछ मुमकिन है।“

आखिरी ट्वीट में अलमुद्दीन ने लिखा है कि आज मैं एक प्रोफेशनल हूं और अपने करियर में आगे बढ़ रहा हूं। मैंने भारत और विदेश, दोनों जगह काम किया है। वैश्विक स्तर पर भारत की छवि में बड़ा बदलाव आया है। इस पर मुझे काफी गर्व है। कौन सी बातें मोदी सर को खास बनाती हैं, उनके बारे में मैंने अपनी किताब ON POINT Narendra Modi (Upfront & Personal with common man) में लिखी हैं।

 

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