भ्रष्टाचार और कालेधन को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी अभियान चला रहे हैं। इसके लिए वे कैशलेस सोसायटी और डिजिटल इंडिया पर जोर दे रहे हैं। देश के आम लोग इस अभियान में जी-जान से जुड़ भी रहे हैं कैशलेस को अपना भी रहे हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो इस अभियान को पटरी से उतारने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
इसी सिलसिले में नोटबंदी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, उद्योगपति विजय माल्या, पत्रकार बरखा दत्त और रवीश कुमार जैसे लोगों के ट्विटर अकाउंट हैक होने की खबर आई। इसी के साथ इन लोगों के अकाउंट हैक करने वाले हैकर ग्रुप लीजन के बारे में भी खबर आई। बताया गया कि लीजन की नजर अब सरकारी वेबसाइट पर है। ऐसे में हैकिंग से जुड़े लोगों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं –
- कहीं ये सारा कदम कैशलेस की तरफ बढ़ रहे देश के लोगों को रोकने के लिए तो नहीं है?
- कहीं भारत में 40 हजार से ज्यादा सर्वरो को हैक करने का दावा करने वाले लीजन का मकसद लोगों को दिगभ्रमित करने का तो नहीं है?
- ऐसा तो नहीं कि देश के पावर ब्रोकर मिलकर कालेधन के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए लोगों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं
- इतना ही नहीं लीजन ने यह भी दावा किया कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम भी साइबर हमलों के निशाने पर हैं। ऐसी खबरें फैलाकर कहीं आमलोगों को डिजिटल इंडिया की तरफ जाने से रोकने की कोशिश तो नहीं की जा रही।
नोटबंदी के बाद से ही कालेधन रखने वाले और इसको संरक्षण देने वाले परेशान हैं। कालेधन के मामले में सरकार किसी को छोड़ने वाली नहीं है। मोदी सरकार किसी भी तरह इस अभियान से पीछे हट जाए इसके लिए वे हर हथकंडे अपना रहे हैं। विपक्षी नेता नोटबंदी को गलत साबित करने के लिए डिजिटल इंडिया पर वार करने लगे हैं। इसके लिए तर्क भी ऐसे दिए जा रहे हैं जिसपर आप अपना माथा पीट लेंगे।
एक कांग्रेस नेता का तो यहां तक कहना है कि जब एसपीजी सुरक्षा के घेरे में रहने वाले का ट्विटर एकाउंट हैक हो सकता है तो आम आदमी का क्या होगा। भला आप सोचिए ट्विटर हैकिंग से एसपीजी सुरक्षा का क्या लेना-देना?
And just imagine, if it’s so easy to hack digital presence of an SPG protected person, how easy it would be to steal your digital money.
— Dr Ajoy Kumar (@drajoykumar) November 30, 2016