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कांग्रेस की कर्नाटक सरकार का एक और घोटाला आया सामने, सीएम की पत्नी का भी नाम, बीजेपी का अनोखा प्रदर्शन

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का एक और घोटाला सामने आया है। इस बार के घोटाले में सीधा सीएम सिद्धरमैया के शामिल होने का आरोप लगा है। मामला मैसूरु विकास प्राधिकरण (MUDA- मुडा) और वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले से जुड़ा हुआ है। मुडा भूखंड आवंटन फर्जीवाड़े में भूखंड प्राप्त करने वालों में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती भी शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया के पास मैसूर के केसारे गांव में 3.16 एकड़ जमीन थी। जो कि पार्वती को उसके भाई ने 2010 में दिया था। मुडा ने विकास कार्यों के लिए इस जमीन को अधिग्रहित कर लिया। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत अन्य भूखंड आवंटित किए। पार्वती सिद्धारमैया को मैसुरू के विजयनगर में इतने ही जमीन का मुआवजा दिया गया।

लोगों का कहना है कि पार्वती की जिस जमीन को अधिग्रहित किया गया वो शहर से बाहर की थी, लेकिन उन्हें मुआवजे में जो जमीन दिया वो मैसूरु शहर के अंदर का एक पॉश इलाका है। विजयनगर में इस जमीन का बाजार मूल्य केसारे गांव के जमीन से काफी ज्यादा है। बीजेपी का आरोप है कि इस जमीन पर सीएम की पत्नी का हक ही नहीं था, लेकिन सिद्धारमैया ने मुदा पर दबाव बनाकर इस प्राइम लैंड को अपने कब्जे में कर लिया।

घोटाले का मामला इस लिए भी गंभीर है क्योंकि सीएम सिद्धारमैया ने 2013 के चुनावी शपथ पत्र में इस जमीन का जिक्र नहीं किया, लेकिन 2018 के शपथ पत्र में इस जमीन की कीमत 25 लाख रुपये बताई। शपथ पत्र के अनुसार 2023 में इसके बदले मुआवजे में जो जमीन मिली उसकी कीमत 8.33 करोड़ रुपये थी। आज 2024 में उसकी कीमत 62 करोड़ से ज्यादा की हो चुकी है।

सभी फोटो- सोशल मीडिया

बीजेपी का आरोप है कि इस जमीन आवंटन में 4000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। बीजेपी का कहना है कि भूमि अधिग्रहण और भूखंडों के आवंटन में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। बीजेपी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफा की मांग कर रही है। इसके साथ ही उसका ये भी कहना है कि मुडा घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए।

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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने इस मामले में सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया और चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने चर्चा की अनुमति नहीं दी। बीजेपी का कहना है कि सीएम को डर है कि अगर सदन में चर्चा हुई तो उनकी पोल खुल जाएगी। बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी जेडीएस का कहना है कि जब तक सदन में मुडा घोटाले पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलती तब तक वो विधानसभा में ही धरना- प्रदर्शन करते रहेंगे।

इसको लेकर कल 24 जुलाई की रात बीजेपी ने विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों के अंदर पूरी रात धरना दिया और सोए भी वहीं। सुबह हुई तो हाथ में कंबल और तकिया लिए हुए विधायक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। लोग सोशल मीडिया पर इस घोटाले के साथ रात में सदन में सोए विधायकों की तस्वीरें भी शेयर कर रहे हैं।

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