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संबित के सवाल पर आपा खो बैठी ‘कांग्रेसी’ एंकर, जानिए क्यों टूटी NDTV पर मर्यादा

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2014 में देश ने तीस सालों में पूर्ण बहुमत की सरकार देखी तो नरेंद्र मोदी जैसा दमदार नेतृत्व भी देखा। बीते तीन सालों में प्रधानमंत्री ने जिस तरह से भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई है इससे कई तबके चिढ़े हुए हैं। यूपीए सरकार में सत्ता की दलाली करने वालों की जब मोदी सरकार में दाल नहीं गल रही तो कई “presstitute” अब अपनी खुन्नस टीवी कार्यक्रमों के जरिये निकाल रहे हैं। मोदी विरोध की नीति पर चल रहे चंद मीडिया हाउस के एंकर अब ‘तर्कपूर्ण’ चर्चा तक से भाग रहे हैं। खास एजेंडे के तहत किसी एक पार्टी का समर्थन और दूसरी पार्टी का विरोध करने की नीति अपनाई जा रही है। बीते दिनों ऐसा ही वाकया पेश हुआ NDTV के एक डिबेट शो में।

निधि राजदान ने तोड़ी पत्रकारिता की मर्यादा
दरअसल केरल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से गोहत्या पर डिबेट जारी थी। इसमें कांग्रेस की शर्मिष्ठा मुखर्जी और भाजपा के संबित पात्रा के अलावा कुछ और मेहमान थे। इस मुद्दे पर पर सभी मेहमानों को बोलने का बराबर मौका दिया जा रहा था, लेकिन भाजपा से चिढ़ के कारण संबित को बोलने ही नहीं दिया जा रहा था। इतना ही नहीं एंकर बार-बार गाय को बैल बताने पर तुली थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को क्लीन चिट देने पर तुली थीं। जाहिर है संबित पात्रा को ये सही नहीं लगा और बोलने का मौका देने की अपील की। लेकिन एंकर ने संबित पात्रा को बार-बार इंटरप्ट किया और दूसरे लोगों को मौका देती रहीं।

आइए देखते हैं क्या हुआ –


इस पूरे डिबेट में ये साफ है कि निधि राजदान पत्रकार कम कांग्रेस की कार्यकर्ता-नेता ज्यादा लग रहीं थी। संबित पात्रा ने साफ-साफ कई बार कहा कि – मैं दूसरों चैनलों पर भी जाता हूं और वहां मैं किसी को डिस्टर्ब नहीं करता हूं, लेकिन यहां मुझे करना पड़ रहा है। संबित ने कहा कि एनडीटीवी का झुकाव कांग्रेस के प्रति है और वह एक एजेंडा चला रहा है।

इसी बात से एंकर ने अपने मंच का दुरुपयोग किया और संबित को शो छोड़कर जाने को कहने लगीं। लेकिन संबित पात्रा ने मना करते हुए कहा कि मैं एनडीटीवी के एजेंडे को एक्सपोज करके रहूंगा। बहरहाल निधि राजदान फिर भी नहीं मानी और उन्होंने देश के संविधान से मिली स्वतंत्रता का नाजायज फायदा उठाया और संबित पात्रा को शो से हटाने के लिए ब्रेक ले लिया।

वो सवाल जो जवाब मांग रहे हैं
लेकिन निधि राजदान के ब्रेक लेने से मामला यहां खत्म नहीं हो गया। इससे कई सवालों ने जन्म ले लिया है। क्या एनडीटीवी हिंदुओं की भावना से खिलवाड़ नहीं कर रहा है? क्या सरकार के खिलाफ एजेंडा ही एकमात्र मकसद है एनडीटीवी का? क्या कांग्रेस परस्त पत्रकारिता में गोहत्या का समर्थन कर रही हैं निधि राजदान? क्या निधि राजदान जैसी पत्रकार चुपचाप कट्टरपंथ को बढ़ावा नहीं दे रही हैं?

कौन है निधि राजदान?
बहरहाल जिस पत्रकार निधि राजदान ने ऐसी ओछी हरकत की है उसका असल चेहरा भी आपको दिखाते हैं। दरअसल ये वही निधि राजदान है जो हंसते-खेलते परिवार को तोड़ने की आरोपी हैं। निधि राजदान एक हाईप्रोफाइल मीडिया एंकर हैं और तलाकशुदा होने के बाद भी वे लिव इन रिलेशनशिप में रही हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की दोस्त कही जाने वाली निधि के करीब आने की चर्चाओं के बाद उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल नाथ की दूरिया इतनी बढ़ी कि तलाक तक हो गई।

उमर और पायल का तलाक आपसी सहमति से हुआ लेकिन दिल्ली की सोशल सर्किल में ये चर्चा आम है कि उमर जब भी दिल्ली आते निधि राजदान से मिलते उनके साथ वक्त बिताते लेकिन अपनी पत्नी पायल के पास नहीं जाते थे। 

देशविरोधियों के साथ खड़ी रहती हैं राजदान!
आपको बता दें कि ये वही निधि राजदान हैं जो देश विरोधी किसी भी हरकत के साथ खड़ी हो जाती हैं और देश को शर्मसार करने की कोशिश करती हैं। इससे पहले जब 2015 में जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे तो कोर्ट में पेशी के वक्त वकीलों ने आरोपियों की पिटाई कर दी थी। उस वक्त भी निधि राजदान ने संबित पात्रा के साथ ऐसा ही बर्ताव किया था, लेकिन संबित ने करारा जवाब दिया था। आइए देखते हैं उस वक्त का वीडियो-

कांग्रेसपरस्त चैनल है NDTV

दरअसल एनडीटीवी जैसे कुछ चैनल हमेशा से ही कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते रहे हैं। ये वही चैनल है जिसे जेएनयू में देश विरोधी नारा लगाने वाले बेकसूर लगते हैं… और कन्हैया कुमार का स्पीच लाइव टेलीकास्ट करवाकर देश के लोगों को गुमराह करते हैं। इन्हें कश्मीर के पत्थरबाज मासूम दिखते हैं और मेजर गोगोई ‘खूंखार’ दिखते हैं। ये वही हैं जिन्हें जल्लीकट्टू जानवरों पर अत्याचार दिखता है और सरेआम गोहत्या में कुछ भी गलत नहीं दिखता है। तो क्या देश की जनता को इतना मूर्ख समझते हैं एनडीटीवी वाले? आइए दिखाते हैं आपको कि कैसे सरेआम एनडीटीवी देश विरोधी ताकतों को सपोर्ट करता है। —-

एजेंडा क्यों चलाता है NDTV
एनडीटीवी किस तरह कांग्रेस के समर्थन में एजेंडा चलाती है इसका आपको और सबूत दिखाते हैं। 2013 में बीजेपी के नेता रविशंकर प्रसाद एक प्रेस कांफ्रेंस संबोधित कर रहे थे…. वो कह रहे थे कि 21वीं सदी भाजपा की होनी चाहिए। …. इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एनडीटीवी के बैकग्राउंड से साफ आवाज सुनाई देती है कि इस मामले में कांग्रेस को डिफेंड कर देना…. जी हां एनडीटीवी का ये है असल चेहरा। आइए देखते हैं वो वीडियो जिसमें एनडीटीवी का असल चेहरा सबके सामने आया था। –

प्रधानमंत्री को भी ‘झूठा’ बोलने से परहेज नहीं
आपको एक और वाकया दिखाते हैं कि एनडीटीवी किस तरह मोदी विरोध में अंधा है। कभी प्रधानमंत्री को झूठा करार देता है तो कभी मोदी समर्थकों को भक्त बताता है। इसके बड़े से बड़े एंकर यही काम करते हैं। बहरहाल हम एनडीटीवी का एक और झूठ का खुलासा करते हैं जो वह कालेधन के मामले में सवाल पूछकर फैलाने की कोशिश की थी। हालांकि अरुण जेटली ने एनडीटीवी के उस रिपोर्टर को जो जवाब दिया उसकी बोलती बंद हो गई। –

दरअसल ये सब आपको दिखाने का उद्देश्य यह है कि सबके सामने सच आए। ऐसे कई वाकये हैं जो एनडीटीवी का कांग्रेस प्रेम सबके सामने आया है। मनी लाउंड्रिंग के केस में फंसा एनडीटीवी कांग्रेस के राज में सत्ता के गलियारे में मजे काटता रहा है। लेकिन मोदीराज में ये मुमकिन नहीं इसलिए ऐसे बर्ताव कर रहा है।

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