प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति से दो बार बातचीत कर चुके हैं। उनकी अपील पर रूस ने 6 घंटे के लिए युद्ध रोक दिया। चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में तैनात किया गया है, ताकि भारतीय छात्रों को तेजी से घर वापसी सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन कुछ कृतघ्न छात्र झूठ बोलकर राजनीतिक दलों को प्रोपेगंडा करने का मौका दे रहे हैं। सुरक्षित वापसी के बावजूद उन्हें पूरी मदद नहीं मिलने का मलाल है और उन्हें पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन दिखावा नजर आ रहा है।
कांग्रेस के प्रोपेगंडा के मोहरा बने छात्र
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर एनडीटीवी का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एनडीटीवी की रिपोर्टर यूक्रेन से भारत लौटे एक छात्र से बातचीत करती नजर आ रही है। रिपोर्टर के एक सवाल के जवाब में छात्र ने बताया कि उसका नाम दिव्यांशु सिंह और वो बिहार के मोतिहारी का रहने वाला है। दुव्यांशु ने कहा कि सीमा तक आने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अमेरिका ने सबसे पहले अपने नागरिकोंं को निकलने के लिए बोला दिया था। जब रिपोर्टर ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे केंद्रीय मंत्री के बारे में पूछा तो छात्र ने मंत्री को पहचानने से अनभिज्ञता जाहिर की। यहां तक कि स्वागत में दिए गए फूल का भी उसने मान नहीं रखा और इसे सरकार का दिखावा करार दिया। इससे रणदीप सुरजेवाला को प्रोपेगंडा करने का मौका मिल गया।
“अब मंत्री हमें फूल दे रहे हैं। पर जब ज़रूरत थी तो सरकार ने मदद नहीं की। अगर सही मदद की होती तो अब फूल देने के दिखावे की ज़रूरत नहीं पड़ती।”#Ukraine से लौटे छात्रों ने भाजपा सरकार की PR मशीनरी की पोल खोली ?? pic.twitter.com/ggDljYj66M
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 3, 2022
अभी तक यूक्रेन में फंसे हैं अमेरिका के काफी नागरिक
ऑपरेशन गंगा के तहत भारत अब तक 17 हजार से अधिक छात्रों को यूक्रेन से निकाल चुका है। लेकिन यूद्ध की विभीषिका को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे ताकतवर देश अपने नागरिकों को निकलाने में खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। अमेरिका के काफी नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं। अमेरिका लगातार एडवाइजरी जारी कर रहा है। 2 मार्च को भी एडवाइजरी कर अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने की अपील की। कहा गया कि सीमा पर तेजी से हालात बदल सकते हैं। इस लिए देरी किए बिना यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाने के लिए खास जानकारी प्राप्त करें।
U.S. citizens wishing to depart Ukraine by land have several options. Note that conditions at each border can change very quickly and wait times can increase at any time without warning. Find specific info on entering neighboring countries: https://t.co/4VHtpl3ZJR pic.twitter.com/QwLHXtCF9a
— U.S. Embassy Kyiv (@USEmbassyKyiv) March 2, 2022
अमेरिका ने निजी तौर पर उपलब्ध परिवहन साधनों से सीमा पर आने की दी सलाह
अमेरिका ने 27 फरवरी, 2022 को एक एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि अमेरिकी नागरिक अपने निजी तौर पर उपलब्ध वैकल्पिक परिवहन साधनों से यूक्रेन से निकलने के प्रयास करें। मार्गों और जोखिम का ध्यान रखें। कुछ स्थानों पर पुल जैसे बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया है। हम हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया सीमा पार करने की सलाह देते हैं। पार करने के लिए कई घंटों तक प्रतीक्षा करने के लिए तैयार रहें। कई शहरों में जंग की वजह से हालात काफी खराब हो सकते हैं। क्योंकि रूस द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में बिना किसी चेतावनी के सैन्य हमले जारी हैं। जब अमेरिका जैसा देश, जो यूक्रेन का समर्थन कर रहा है, वो अपने नागरिकों तक वाहन की सुविधा नहीं पहुंचा रहा है और उन्हें हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया सीमा पर किसी भी तरह पहुंचने की सलाह दे रहा है। ऐसे में भारत, जो अभी यूक्रेन युद्ध में तटस्थ बना हुआ है, के लिए अपने नागरिकों तक वाहन सुविधा पहुंचना कितनी मुश्किल है, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
We urge U.S citizens to depart now by private options, if safe. Consider routes & risk. Many Polish land border crossings & main Moldavian crossings have long waits. We recommend Hungary, Romania & Slovakia border crossings. Waits may be hours. https://t.co/wIdqcjM461
— U.S. Embassy Kyiv (@USEmbassyKyiv) February 28, 2022
यूक्रेन के हालातों का मजाक, भारत सरकार के प्रयासों का कद्र नहीं
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ छात्र दिखाई दे रहे हैं, जो न केवल यूक्रेन के हालातों का मजाक उड़ा रहे हैं बल्कि इन्हें देखकर लगता है कि सरकार ने जो इन्हें लाने के लिए जोर लगाया उसकी कद्र भी इन्हें नहीं है। वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे मजाक उड़ाने के अंदाज में ये लोग बचा लो- बचा लो कह कर तेज-तेज हंस रहे हैं। वीडियो में लड़की बताती है कि वो पोलैंड जा रहे हैं। तभी पीछे से बचा लीजिए-बचा लीजिए-बचा लीजिए-बचा लीजिए कहते हुए सारे छात्र मजाक करके हंसने लगते हैं। एक कहता है- ‘हम टीएनएम के स्टूडेंट है सर।’ लड़की कहती है- ‘नो पैनिक प्लीज-नो पैनिक’ और फिर सब हंसते हैं। छात्रों के इस व्यवहार से नाराज एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “बाप का पैसा डिग्री खरीद सकता है अयोग्य बच्चे के लिए। लेकिन तमीज नहीं खरीदी जा सकती।”
It is so sad to see these ignorant students play the fool after literally being rescued by their country purely because of their passport!
Please do immigrate to nations where they will tell u to take care of yourselves and then crack such jokes! pic.twitter.com/vGxLxw4ZaL
— Gautam Govitrikar DMD (@Gautaamm) February 26, 2022
देखिए छात्रों ने भारत की एडवाइजरी का कैसे उड़ाया मजाक
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंका और तनाव को देखते हुए दो हफ्ते पहले भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी थी। बार-बार युद्ध की आशंका जतायी जाने लगी थी। भारत के न्यूज़ चैनल्स पर रूस-यूक्रेन के संभावित युद्ध की आशंका व्यक्त की जा रही थी तो यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्र इन आशंकाओं और एडवाइजरी को मजाक बना रहे थे। उन्होंने इस मजाक का खुद वीडियो बनाकर शेयर किया। आज ऐसे ही छात्र भारत सरकार के प्रयासों पर सवाल उठा रहे हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ रहा था, लेकिन सबीना बेफिक्र थी
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली सबीना यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। सबीना यूक्रेन के खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं। 14 फरवरी 2022 को ही सबीना भारत से यूक्रेन गई थी और इसी दौरान रूस-यूक्रेन के बीच तनाव गहराता जा रहा था, लेकिन सबीना बिल्कुल बेफिक्र थी। सबीना ने बीबीसी से बातचीत में जो कुछ कहा था वो खबरों से बिल्कुल अलग है। सबीना ने कहा, ”यहां का माहौल बहुत सुरक्षित है। मैं कल ही मॉल गई थी। यहां कोई तनाव नहीं दिख रहा है।”
सिर्फ भारतीय न्यूज़ चैनलों पर जंग की तैयारी चल रही है- सौरभ, मेडिकल छात्र
बिहार के औरंगाबाद से यूक्रेन गए सौरभ की आपबीती भी सबीना की तरह है। बीबीसी से बातचीत में सौरभ ने कहा था, ”तनाव का कहीं कोई माहौल दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसा लग रहा है कि सिर्फ भारतीय न्यूज़ चैनलों पर जंग की तैयारी चल रही है।”
20 फरवरी को दूसरी एडवाइजरी, जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने की सलाह
दूसरी तरफ तनाव को देखते हुए कीव में भारतीय दूतावास ने दूसरी बार 20 फरवरी को एडवाइजरी जारी की थी। इसमें यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों और भारतीयों से एम्बेसी से सम्पर्क साधाने की बात कही गई थी। ज़रूरी ना होने पर भारत लौटने की सलाह भी दी गई थी। इसमें कहा गया था कि यूक्रेन ने हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है इसलिए विमानों की विशेष सेवा स्थगित हो गई है लेकिन भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक समाधान निकाले जा रहे हैं।
15 फरवरी को पहली एडवाइजरी : यूक्रेन छोड़कर स्वदेश लौटने की सलाह
भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी, 2022 को यूक्रेन छोड़ने के लिए पहला एडवाइजरी लेटर यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को भेजा था। लेटर में कहा गया था कि यूक्रेन के मौजूदा अनिश्चित माहौल को देखते हुए भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों को यूक्रेन छोड़कर अस्थायी तौर पर स्वदेश लौटने की सलाह दी जा रही है। कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने खासतौर पर यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने के लिए कहा था। यह सलाह यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव के युद्ध में बदलने की आशंका के कारण दी गई थी। लेटर में आगे कहा गया था कि भारतीय नागरिक बिना किसी जरूरी काम के यूक्रेन की यात्रा न करें और वहां मौजूद नागरिक भी अनावश्यक घर से बाहर न जाएं।
24 फरवरी, 2022 को रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत
गौरतलब है कि 24 फरवरी, 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध का ऐलान कर दिया था। उन्होंने टीवी पर लाइव संबोधन में पूर्वी यूक्रेन में ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ के आदेश दिए। इसके बाद विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में बड़े धमाकों की आवाज सुनाई पड़ी। पुतिन ने जब ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा की उसी वक्त न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी चल रही थी। लेकिन परिषद की अपील को पुतिन ने अनसुना कर दिया। उन्होंने चेताया कि जो भी इसमें हस्तक्षेप करेगा उसे भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
Russia’s Putin announces a ‘military operation’ in Ukraine, calls on Ukraine military to ‘lay down its arms’: AFP pic.twitter.com/jf9M3FU6ir
— ANI (@ANI) February 24, 2022