गुजरात में बाढ़ प्रलय मचा रहा है। दस जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। अब तक 110 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकीं हैं। सीएम विजय रूपाणी दौरे पर दौरे किये जा रहे हैं। भाजपा के विधायक-मंत्री प्रभावित क्षेत्रों में हैं, लेकिन कांग्रेस के विधायक परिदृश्य से गायब हैं। दरअसल कांग्रेस नेतृत्व की साख बचाने के लिए पार्टी के विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर ताला लगा दिया गया है। यह सब सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दाहिने हाथ माने जाने वाले अहमद पटेल की राज्यसभा चुनाव के लिए जीत सुनिश्चित की जा सके।
जनता डूबे तो डूबे मुझे क्या…
राज्य में आई बाढ़ ने अब तक 110 से ज्यादा लोगों को लील लिया है। हजारों लोग राज्य के दूर दराज के इलाकों में बाढ़ के बीच फंसे हुए हैं। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। बाढ़ और भारी बारिश की वजह से राज्य में अब तक 1000 से ज्यादा जानवरों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन और मेहसाणा जिले प्रभावित हैं। लेकिन जब इस बुरे वक्त में राज्य के लोगों को इन नेताओं की सबसे ज्यादा जरूरत है तो कांग्रेस ने अपने विधायकों को ही कर्नाटक में कैद कर रखा है।
अहमद पटेल ने अपनी राज्यसभा सीट बचाने के लिए कांग्रेस के गुजरात के MLAs का भविष्य बाढ़ में डुबो दिया।
— Jitu Vaghani (@jitu_vaghani) July 30, 2017
अहमद पटेल जवाब दीजिए कि गुजरात की जनता ने जिन कांग्रेसी विधायकों को चुना है, आज बाढ़ की विभीषिका में उन्हें किसने बंधक बनाया है..??
— Vishal Thacker ?? (@ivishalthacker) July 30, 2017
Congress MLA’s of Gujarat are on PICNIC in Bengaluru, leaving the people behind to suffer who elected them. @ShankersinhBapu pic.twitter.com/1BcGo8eOgY
— Harshal Purohit ?? (@chotivalebaba) July 29, 2017
चक्रव्यूह में कांग्रेस के चाणक्य
कांग्रेस ने गुजरात से अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया तो जरूर मगर पिछले कुछ दिनों में कई विधायकों ने जिस तरह पार्टी को ठेंगा दिखाया है उससे अब अहमद पटेल की जीत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायक थे, लेकिन 6 विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद यह संख्या 51 हो गई है। लेकिन 10-12 और विधायकों के पार्टी छोड़ने के संकेत हैं। ऐसे में अहमद पटेल की जीत के लिए कम से कम 44 विधायकों का आंकड़ा जुटा पाना कांग्रेस के लिए कठिन होगा।
#Sonia‘s love fr #RahulGandhi sunk #Congress in many states. Now #AhmedPatel‘s love fr RS seat ll ensure d flood in #Gujarat sinks Congress.
— Sidharth Nath Singh (@sidharthnsingh) July 30, 2017
पटेल की हार का मतलब सोनिया की हार
दरअसल कांग्रेस के लिए अहमद पटेल का चयन भी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। पटेल को कांग्रेस के चाणक्य के रूप में भी जाना जाता है। वो पिछले दो दशक से कांग्रेस की अंदरुनी सत्ता सियासत के सबसे ताकतवर और प्रमुख रणनीतिकार हैं। अगर पटेल राज्य सभा चुनाव में हार जाते हैं तो यह पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है। ऐसे में पटेल की हार सोनिया की हार मानी जाएगी। दरअसल हाल ही संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनावों में 11 कांग्रेसी विधायकों के क्रॉस वोटिंग ने अहमद पटेल के राह में रोड़े लगा दिए हैं।
वाघेला फैक्टर ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किल
शंकर सिंह वाघेला की अवहेलना ने पार्टी का संकट बढ़ा दिया है। दरअसल शंकर सिंह वाघेला ने बहुत वक्त बीजेपी में गुजारा है और वे जनसंघ और संघ में रहे हैं। उनके कांग्रेस छोड़ने के साथ ही नेताओं के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब कहा जा रहा है कि अहमद पटेल की राज्यसभा की सीट का भविष्य शंकर सिंह वाघेला के हाथ में है। माना जाता है कि अभी भी शंकर सिंह वाघेला के पांच-छह विधायक कांग्रेस के अंदर बने हुए हैं। अगर वो अहमद पटेल को वोट नहीं करते हैं तो अहमद पटेल हार जाएंगे।
पटेल ने बीजेपी पर लगाया आरोप
अहमद पटेल ने बीजेपी सरकार पर विधायकों और उनके परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चाहे राज्य सरकार हो चाहे केंद्र, दोनों सरकारें विधायकों को परेशान करने में लगी है। विधायक ही नहीं उनके परिवारों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। विधायकों को बेंगलुरु ले जाने के मुद्दे पर अहमद पटेल ने कहा कि सरकार की एजेंसियां कांग्रेस विधायकों के परेशान करने में जुटी हुई थीं इसलिए अपने विधायकों को बेंगलुरु लेकर जाने के अलावा कांग्रेस के पास कोई और विकल्प नहीं था।
@ahmedpatel
आखिर चुप्पी तोड़ी।सरकार पर विधायको को हैरान परेशान करने का लगाया आरोप।
कहा,हॉर्स ट्रेडिंग की शुरुआत सरकार ने की।@News18India pic.twitter.com/z0oNToCXyy— Janak Dave (@dave_janak) July 30, 2017
बेंगलुरु में इसलिए किया गया ‘कैद’
गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले अपने 40 विधायकों को टूटने से बचाने की कवायद में कांग्रेस ने उन्हें बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया। जिस तरह कांग्रेस के 6 विधायक बीजेपी के पाले में गए, उसे देखते हुए कांग्रेस के लिए यह बेहद जरूरी हो गया था कि वह अपने विधायकों को किसी ऐसी ‘सेफ’ जगह पर रखे जहां राज्यसभा चुनाव होने तक कोई उन पर ‘डोरे न डाल’ सके। इसलिए कर्नाटक में सत्तासीन कांग्रेस को सबसे महफूज ठिकाना लगा।
‘कैदी’ कांग्रेस विधायकों पर हर दिन 7 लाख खर्च
बेंगलुरु के होटल ईगलटन के गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 44 विधायकों के लिए 35 डीलक्स कमरे बुक किए हैं, प्रत्येक को 8,000 रुपये प्रतिदिन 10,000 रुपये का भुगतान किया गया है। एक पैकेज के रूप में, भोजन, स्पा और अन्य सुविधाओं के लिए प्रति दिन 7 लाख रुपये की लागत होती है। जाहिर है कांग्रेस अपनी साख बचाने के लिए सत्ता के रसूख का इस्तेमाल कर रही है।