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सत्ता की हवस में अंधी हुई कांग्रेस, देश की चिंता न समाज की

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एक ओर जहां यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार, कदाचार और अनाचार मुक्त आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में 24 घंटे प्रयत्नशील हैं, वहीं देश की सबसे पुरानी और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लगभग 70 सालों तक राष्ट्र का बागडोर संभालने वाली कांग्रेस पार्टी आज विचार शून्य होकर पतन की ओर अग्रसर है। आलम यह है कि ऐन-केन-प्रकारेन सत्ता पाने की हवस में अंधी हो चुकी कांग्रेस को न तो देश की अस्मिता की चिंता है न ही समाज की। हालांकि कांग्रेस की ओछी हरकतों से जनता के बीच पार्टी की छवि लगातार बिगड़ती चली जा रही है, लेकिन आलाकमान को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है।

मीटू के आरोपी को बनाया पंजाब का मुख्यमंत्री
कांग्रेस ने मीटू के आरोपी चरणजीत सिंह चन्नी को, पंजाब प्रांत का मुखिया बना दिया। मुख्यमंत्री चन्नी अपने विवादित और हैरान करने वाले कारनामों से चर्चा में रहे हैं। पूर्ववर्ती अमरिंदर सरकार में मंत्री रहते चन्नी ने जहां महिला आईएएस को अश्लील मैसेज भेजा, वहीं सिक्का उछालकर नियुक्ति का फैसला किया था, जिसकी चारोंओर आलोचना हुई थी। अब फिर से सक्रिय हुए महिला आयोग ने चन्नी का इस्तीफा मांग लिया है।

पाकिस्तान परस्त सिद्धू को सौंप दिया पंजाब कांग्रेस की कमान
यही नहीं, कांग्रेस ने देश के दुश्मन नंबर एक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और वहां के सेनाध्यक्ष से गले मिलने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को, देश के संवेदनशील राज्यों में से एक पंजाब का पार्टी प्रमुख बना दिया। विवादित बयान देने के लिए कुख्यात सिद्धू देशद्रोहियों और आतंकवादियों के भी हमदर्द बताए जाते हैं। 26 जनवरी को लाल किला के मान मर्दन की घटना के बाद यह आईने की तरह साफ हो गया है कि तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली को घेर कर बैठे आंदोलनकारियों को खालिस्तानी उग्रवादियों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू समेत कांग्रेस आलाकमान का समर्थन भी इन छद्म आंदोलनकारियों को प्राप्त है। वे सदा उनकी हिमायत में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।

मोदी जी को हटाने के लिए पाकिस्तान से मांगी मदद
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश के अंदर दिनोंदिन बढ़ती लोकप्रकियता और विदेशों में बढ़ते कद से घबरा कर पिछले दिनों कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए इमरान खान से मदद मांगने सीधा पाकिस्तान पहुंच गए थे। लेकिन नरेन्द्र मोदी के मजबूत जनाधार के आगे उनकी एक नहीं चली और वे एकबार फिर प्रचंड बहुमत से केंद्र की कुर्सी पर आसीन हो गए।

चीन का साथ लेने से भी कांग्रेस को कोई गुरेज नहीं
भारत को अनेकों दर्द दे चुके चीन से मिलने से भी कांग्रेस को कोई गुरेज नहीं है। भारत की सीमा पर कब्जा करने के लिए जब चीन अपनी सेना को भेज हमारे फौजियों पर हमले करता है तो सारा देश एकजुट होकर उसका मुखर विरोध करता है। लेकिन निर्लज्ज कांग्रेस पार्टी की मुखिया अपने युवराज के साथ चीन के राजदूत के साथ गुप्त एमओयू साइन करने में व्यस्त रहती हैं।

तृणमूल ने बताया नाकाबिल, लेकिन राहुल गठबंधन के लिए बेकरार
अब राहुल गांधी एक बार फिर से कवायद में जुट गए हैं और यहां तक कह दिया है कि वे भाजपा को हराने के लिए किसी भी दल से हाथ मिला सकते हैं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस पहले ही राहुल गांधी को नाकाबिल नेता करार देकर मोदी जी का सामना करने में असक्षम बता दिया है। लेकिन निर्लज्जता की सीमा को लांघते हुए कांग्रेस पार्टी अब भी टीएमसी से गठबंधन के लिए बेकरार है।


देश की सुरक्षा और संरक्षा से किया खिलवाड़
कांग्रेस देश की सुरक्षा और संरक्षा से खिलवाड़ करने से भी नहीं चुकती। संवेदनशील मामलों की जानकारी सार्वजनिक करने को लेकर कांग्रेस एक तरफ संसद ठप करा देती है तो दूसरी ओर गलत जानकारी और अफवाह फैलाकर जनता को भड़काने का काम करती है। कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन रक्षामंत्री ने पैसे की कमी का हवाला देकर फ्रांस के साथ राफैल सौदा का करार करने से मना कर दिया था। लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ राफैल सौदा तय कर लिया तो राहुल गांधी के साथ पूरी कांग्रेस ने करार रद्द कराने के पूरी ताकत झोंक दी। महीनों मुखर विरोध के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। यहां भी राहुल झूठ बोलकर अदालत की अवमानना से नहीं चूके। इस कारण उन्हें कोर्ट से फटकार भी लगी। हालांकि आदतन झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने वाले राहुल गांधी को सुप्रीम फटकार का भी कोई विशेष असर नहीं हुआ।

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