उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तेजतर्रार ‘बुलडोजर कार्यशैली‘ का अपराधियों में ऐसा खौफ है कि वे यूपी को छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे कुख्यात गैंगस्टरों के लिए राजस्थान बहुत सैफ आरामगाह बनता जा रहा है, क्योंकि प्रदेश की गहलोत सरकार कुख्ताय अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाए सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है। यही वजह है कि जहां पड़ोसी राज्य में अपराधियों की धरपकड़ हो रही है, गैंगस्टर्स का एनकाउंटर हो रहा है, वहीं यहां इनके खिलाफ एक्शन तो दूर की बात है, बल्कि अनुकूल माहौल के चलते राजस्थान इनकी शरणस्थली बना हुआ है। हालात यह हैं कि खुफिया रिपोर्ट मिलने के बावजूद सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे बदमाशों-गैंगस्टर के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू से ही अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति रखी है। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े पांच साल में कानून का राज स्थापित हुआ है। 2017 के बाद से अब तक करीब 2925 करोड़ रुपये से अधिक की माफिया और अन्य कब्जेदारों की अवैध संपत्ति जब्त की गई है। पहले प्रदेश दंगा और अराजकता के लिए जाना जाता था, पर योगी सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल में भी माफियाओं पर कड़ा प्रहार किया। इसमें छह सौ से ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं। इस दौरान 1034 अपराधी गिरफ्तार किए गए, जबकि पुलिस मुठभेड़ में 425 बदमाश घायल और पांच कुख्यात अपराधी मारे गए।
राजस्थान में यूपी के ठीक उलट स्थिति है। एक ओर यूपी में बदमाश डर रहे हैं, दूसरी ओर राजस्थान में वे बस रहे हैं। यूपी में कानून-व्यवस्था के खौफ के चलते बदमाश वहां से भागकर राजस्थान में इसलिए भी आ रहे हैं, क्योंकि गहलोत सरकार के चलते यहां उनके अनुकूल माहौल है। हालात इतने ज्यादा बिगड़ रहे हैं कि पड़ोसी राज्यों में पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर कर रही है, लेकिन राजस्थान में सख्त कार्रवाई न होने से 50 गिरोह के 500 से ज्यादा गैंगस्टर्स सक्रिय हो गए हैं। ये सभी मिलकर ऑपरेट कर फिरौती, खनन, हथियार व मादक पदार्थ तस्करी आदि वारदात को अंजाम दे रहे हैं। यूपी में 5 साल में ही 150 से ज्यादा बदमाशों का एनकाउंटर हो चुका है। हरियाणा में भी बदमाशों पर सख्त कार्रवाई होती है, लेकिन फिलहाल तो राजस्थान सरकार सोती है।
यही वजह है कि राजस्थान लॉरेंस बिश्नोई जैसे कुख्यात गैंगस्टर्स के लिए राजस्थान आरामगाह बनता जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि राजस्थान में पनाह लेने वाले पंजाब, हरियाणा और यूपी के बदमाशों के कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़े हैं। इन सभी को हवाले के जरिए डी-ग्रुप फंडिंग कर रहा है। देशभर में पाक में बैठे बदमाशों के इशारे पर ही हथियारों की सप्लाई व अन्य वारदात होती हैं। लॉरेंस गैंग और बंबीहा गैंग के बदमाशों के पाक कनेक्शन की बात सामने आई है। प्रदेश में पिछले सालों में पांच एनकाउंटर ही हुए हैं। इनमें से 3 मामलों में पुलिस को सीबीआई जांच झेलनी पड़ी। यही वजह है कि पड़ोसी राज्यों के गैंगस्टर्स भी यहां पनाह ले रहे हैं।
NIA ने राजस्थान में गैंगस्टरों का पाकिस्तानी कनेक्शन पता लगाने के लिए मारे छापे
पिछली बीजेपी सरकार में राजस्थान पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर किया था, इसके बाद पुलिस ने किसी बड़े गैंगस्टर के खिलाफ ऐसी बड़ी कार्रवाई नहीं की है, जिसके चलते आनंदपाल के गुर्गे कई गैंग बनाकर आतंक फैला रहे हैं। आनंदपाल के गुर्गों के गैंग, लॉरेंस, राजू ठेहट और शेखावाटी अंचल के गैंग से कई बदमाश जुड़े हैं, जो वारदात में सुपारी लेकर एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। मूसेवाला की हत्या के बाद एनआईए ने पहली बार सितंबर में राजस्थान में गैंगस्टरों का पाकिस्तानी कनेक्शन पता लगाने के लिए छापे मारे थे। लॉरेंस की गैंग के साथी प्रदेश में नागौर, बीकानेर, श्रीगंगानर और हनुमानगढ़, भरतपुर में सक्रिय हैं। इन जिलों में रहने वाले बदमाश आनंदपाल, राजू ठेहट व शेखावाटी गैंग के हैं।
गहलोत वर्सेज पायलट में फंसी सरकार कुर्सी बचाने में मस्त, गैंगस्टर्स हो रहे मजबूत
राजस्थान में आपस में उलझी सियासत का फायदा गैंगस्टर जमकर उठा रहे हैं। दरअसल गहलोत वर्सेज पायलट के चलते हर वक्त सरकार बदलने, कुर्सी जाने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में सरकार का ध्यान अपराधियों के बजाए सरकार बचाने पर ज्यादा है। यही वजह है कि बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। कई गैंग्स इंटरनेट के माध्यम के आपस में जुड़कर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। लॉरेंस गैंग ने जोधपुर में हत्या की। शेखावाटी व जोधपुर की गैंग का सहयोग लिया। लॉरेंस ने भरतपुर जेल में रहते हुए भरतपुर व धौलपुर के बदमाशों को तैयार किया। आनंदपाल गैंग को पंजाब के बदमाश सहयोग कर रहे हैं। आनंदपाल को भगाने में हरियाणा के बदमाशों ने साथ दिया था। नागौर में हाल में कोर्ट पेशी पर आए बदमाश की बेखौफ होकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। बहरोड़ थाने में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर गैंगेस्टर पपला को छुड़ा ले गए थे। पपला राजस्थान में फरारी काटकर जमीन विवादों के सेटलमेंट व फिरौती को अंजाम दे रहा था।
राजस्थान में सबसे ज्यादा गैंग उत्तर प्रदेश के सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश में योगीराज के बाद गैंगस्टर्स के लिए वहां वारदात करना और छिपना मुश्किल हो रहा है। इसीलिए वे भागकर राजस्थान आ गए और इनका राजस्थान के गैंगस्टर्स से गठजोड़ हो गया है। अब ये मिलकर वारदात करने लगे हैं। राजस्थान में अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद जब जमानत हो भी जाए तो पुलिस बाहर आने वाले गैंगस्टर व उनके गुर्गों पर निगरानी करना बंद कर देती है। ऐसे में राजस्थान में और जेल में रहकर बाहरी राज्यों के गैंगस्टर अपने गुर्गों से आसानी से फिरौती व हत्या की वारदात कर रहे हैं।