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कोविड-19 की रोकथाम पर नहीं, पीआर एजेंसी पर खर्च होगा सीएम रिलीफ फंड का पैसा, उद्धव सरकार पर छवि चमकाने के लगे आरोप

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोरोना वायरस रिलीफ फंड में दानदाताओं की मदद से 400 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा हुई है। लेकिन अभी तक महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित व्यवस्थाओं पर काफी कम खर्च किया है। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। अब उद्धव सरकार पर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि उद्धव सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए सीएम रिलीफ फंड का पैसा पीआर एजेंसी पर खर्च करने जा रही है।

ऐसे वक्त में जब सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच लगातार लोगों से मेल-जोल बढ़ा रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे अपने घर से ही ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहे हैं। ठाकरे के इस ‘सेल्फ क्वारंटीन’ स्टाइल की आलोचना विपक्षी बीजेपी के साथ ही सहयोगी एनसीपी के चीफ शरद पवार भी कर रहे हैं, जो खुद अधिक उम्र से जुड़े खतरे के बावजूद लोगों के बीच जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपने घर से बाहर कदम नहीं रखने और राज्य का दौरा नहीं करने को लेकर काफी आलोचना हो रही है। 

पीआर एजेंसी के माध्यम से छवि चमकाने की कोशिश पर सोशल मीडिया में लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है। लोगों का कहना है कि उद्धव सरकार का प्रदर्शन अब तक काफी खराब रहा है। कोरोना को नियंत्रित करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। अब उद्धव सरकार अपनी छवि सुधारने के लिए पीआर एजेंसी की मदद लेने जा रही है। पीआर एजेंसियां ​​सिर्फ नकली कहानियां बना सकती हैं और उन्हें पैसे के लिए बढ़ावा दे सकती हैं। लेकिन जमीनी हकीकत को नहीं बदल सकती, जिसे महाराष्ट्र के लोग अच्छी तरह से जानते हैं।

 

 

 

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