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राहुल गांधी की राह पर सीएम अशोक गहलोत भी हिंदुत्व के खिलाफ, विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व को मुद्दा नहीं बनने देंगे, राहुल गांधी ने भी राजस्थान में ही किया था हिंदुत्व का खुलेआम विरोध

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मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदू विरोध पर टिकी राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुखिया ने भी अपने नेता राहुल गांधी की राह पकड़ ली है। राहुल गांधी की तरह अब सीएम अशोक गहलोत ने भी हिंदुत्व की मुखालफत की है और कहा है कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी सूरत में हिंदुत्व विचारधारा को एजेंडा नहीं बनने देंगे। आपको याद ही होगा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में ही हिंदुस्व का पुरजोर विरोध किया था। बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काशी कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर गंगा स्नान की भी राहुल गांधी ने आलोचना की थी। अपने नेता को खुश करने के लिए कांग्रेस की राज्य सरकार कभी मंदिरों को तोड़कर तो कभी मुस्लिम तुष्टीकरण करती रहती है। इसी कड़ी में अब सीएम गहलोत ने हिंदुत्व के लिए बीजेपी की आलोचना कर दी है।

‘वो खाली राम मंदिर बनाने की राजनीति करने के लिए हिंदू बने’
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के राज में कितने मंदिर टूटे हैं, यह अब किसी से छिपा तथ्य नहीं है। कांग्रेस सरकार के इस रवैये से हिंदुओं में रोष आना स्वाभाविक ही है। इसके बावजूद सीएम गहलोत का हिंदू विरोध का रवैया फिर सामने आया है। पाली में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी में भी कई नेता ऐसे हैं, जिनका हिंदू धर्म से कोई वास्ता नहीं है। वो खाली राम मंदिर बनाने की राजनीति करने के लिए हिंदू बन गए हैं। उनमें से कई लोग हिंदू धर्म को नहीं मानते। फिर भी बीजेपी राजस्थान में हिंदुत्व को एजेंडा बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हम हिंदुत्व को मुद्दा नहीं बनने देंगे। गहलोत ने तंज किया कि बीजेपी वालों ने गायों के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन वे गौमाता के नाम पर वोट की मांग करेंगे।

बीजेपी सांसद बगैर अपाइटमेंट के मेरे सोने के समय पर आए-CM
पाली में एक ओर सीएम जनता से मिलने और राहत देने के दावे करते हैं, दूसरी ओर हकीकत यह है कि दलगत राजनीति में वो बीजेपी सांसद तक से तीन घंटे इंतजार कराने के बाद भी नहीं मिले। बिपरजॉय तूफान ने राजस्थान के कई इलाकों में तबाही मचाई है। इसी सिलसिले में जालौर-सिरोही के सांसद देवाजी पटेल पाली सर्किट हाउस में मुलाकात करने गए। ताकि उन्हें तूफान की तबाही से अवगत कराकर किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की बात सीएम के समक्ष रख सकें। सीएम ने तीन घंटे तक सांसद को इंतजार कराया। लेकिन वे उनसे मिले नहीं। इसके बाद सांसद नाराज होकर सर्किट हाउस से लौट गए। हद तो तब हो गई, जबकि सीएम ने सांसद से न मिलने का कारण मीडिया को बताया। उन्होंने कहा, ‘जालोर सांसद देवजी पटेल कल बिना अपॉइनटमेंट लिए मुझसे मिलने आए थे। वे आएं उनका स्वागत है लेकिन पहले बताना चाहिए था। वे जिस वक्त आए, उस वक्त मैं सो रहा था।‘ मतलब बिपरजॉय तूफान का जायजा लेने के नाम पर सीएम तीन घंटे तक सर्किट हाउस में आराम फरमाते रहे, लेकिन बीजेपी सासंद से मिलने की जरूरत नहीं समझी।मैं हिंदू हूं, हिंदुत्ववादी नहीं वाले राहुल के बयान की खूब हुई थी जगहंसाई
कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने जयपुर की सभा में ही हिंदू और हिंदुत्‍ववादी पर नया बखेड़ा किया था। रैली में कांग्रेस नेता ने हिंदू और हिंदुत्ववादी को दो अलग-अलग शब्द बताया। बोले, वह हिंदू हैं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं। जिस तरह से दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, वैसे ही दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता। कारण है कि हर शब्द का अलग मतलब होता है। हालांकि राहुल गांधी की इस सोच और बयान की खूब जगहंसाई हुई और उनपर खूब मीम बने थे। राहुल ने कहा, ‘यह हिंदुओं का देश है, हिंदुत्ववादियों का नहीं। आज अगर इस देश में महंगाई है दर्द है तो यह काम हिंदुत्ववादियों ने किया है। हिंदुत्ववादियों को किसी भी हालत में सत्ता चाहिए.. इनका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं … 2014 से इन लोगों का राज है हिंदुत्ववादियों का राज है हिंदुओं का नहीं।गहलोत सरकार में मुस्लिम तुष्टिकरण हावी, नवरात्र नहीं रोजे रहते हैं याद
यह तो प्रमाणित तथ्य है कि गहलोत सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर चलकर काम कर ही है। वह चाहे करौली के दंगों हों, या फिर रमजान माह में मुस्लिम बहुल इलाकों में अबाध बिजली आपूर्ति के आदेश। मदरसों को विशेष सहूलियतें देने की बात हो या अब अजमेर में धारा 144 लगाना। गहलोत सरकार मुस्लिमों को खुश करने के लिए लगातार ऐसे कदम उठाती रही है। सरकार की नीयत पर इसलिए भी सवाल उठते हैं, क्योंकि उसे मुस्लिमों के रमजान में रोजे तो याद रहते हैं, लेकिन इन्हीं दिनों चल रहे नवरात्र के व्रत वह भूल जाती है।

राहुल गांधी की ‘सोच’ के विपरीत कांग्रेस सरकार
सरकार के इस हिंदुत्व विरोधी चेहरे के एक्सपोज होने और इस साल ही होने वाले चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर कदम बढ़ाने का मन बनाया है। यह अलग बात है कि यह उनकी पार्टी लाइन और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सोच के विपरीत है। लेकिन पांचों राज्यों में कांग्रेस के बुरी तरह हुए सूपड़ासाफ के बाद राहुल गांधी अभी ऐसी स्थिति में बिल्कुल नहीं है कि वो किसी भी कांग्रेसी मुख्यमंत्री पर कोई रोक-टोक लगा सकें। राहुल गांधी ने पंजाब में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ‘रोक’ लगाने का नतीजा देख ही लिया है।

दिल से मुस्लिम तुष्टिकरण की हिमायती, सुंदर काण्ड पाठ का मंदिरों में ‘नाटक’
बहरहाल, गहलोत सरकार साफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर मजबूरन चलने की कोशिश कर रही है, क्योंकि दिल से तो वह मुस्लिम तुष्टिकरण की ही हिमायती है। गहलोत सरकार ने दिखाने भर के लिए ही सही पहली बार देवस्थान के अधीन प्रत्यक्ष प्रभार के मंदिरों में रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड पाठ कराने का फैसला लिया है। इस संबंध में शासन सचिव (देवस्थान) ने आदेश जारी किए हैं। देवस्थान आयुक्त करण सिंह ने सभी जिलों के सहायक आयुक्तों से जिलों के प्रत्यक्ष प्रभार के दो-दो मंदिरों की सूची मांगी है, जहां रामायण पाठ और सुंदरकांड पाठ कराए जाएंगे।

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। अशोक गहलोत का पूरा ध्यान अपनी कुर्सी बचाने में लगा रहता है। राज्य में कानून-व्यवस्था खराब होती जा रही है। इसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद है। वे हिन्दू धर्म और उसके देवी-देवताओं को लगातार निशाना बना रहे हैं। देवी-देवताओं को मूर्तियों को तोड़ने और अपमानित करने की लगातार घटनाएं हो रही हैं। जयपुर के एक हनुमान मंदिर में मांस के टुकड़े फेंके गए। उदयपुर जिले में भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़ी गई। इसके बाद राजसमंद में भगवान हनुमान की मूर्ति तोड़ी गई। लेकिन गहलोत सरकार इन घटनाओं पर आंखें मूंद रखी हैं, जिससे धार्मिक टकारव बढ़ता जा रहा है। इससे हिन्दू खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

राजसमंद में तोड़ी गई बजरंगबली की मूर्ति

राजस्थान के राजसमंद जिले में अज्ञात बदमाशों ने हनुमान प्रतिमा को खंडित कर दिया, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल है। हनुमान प्रतिमा को तोड़ने की सूचना के बाद मंदिर परिसर में ग्रामीण और हिंदू संगठन के पदाधिकारी पहुंच गए। बीजेपी नेता मानसिंह बाहरट ने इसे आस्था पर आघात बताया। उन्होंने प्रशासन से आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि ये मंदिर तीस साल पहले बनाया गया था। इस मंदिर में गांव के लोग रोज पूजा-पाठ करते हैं। शनिवार और मंगलवार को बालाजी ग्रामीण बालाजी का पाठ भी करते हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस घटना के विरोध में ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “कल भगवान परशुराम की प्रतिमा को भग्न कर समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई और आज कांकरोली (राजसमंद) में भगवान श्री हनुमान जी की मूर्ति को खंडित किया गया है। राजस्थान सरकार ध्यान दे कि ऐसे कुकृत्य किसी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जा सकते।”

उदयपुर में तोड़ी गई भगवान परशुराम की मूर्ति 

उदयपुर जिले के रावलिया खुर्द इलाके में भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया। रावलिया खुर्द में स्थित इस मंदिर में गांव के लोग रोजाना पूजा करने के लिए आते हैं। सोमवार सुबह जब लोग यहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि भगवान परशुराम की मूर्ति अपनी जगह पर नहीं है और नीचे गिरी हुई है। देर रात कुछ असामाजिक तत्वों ने यह शरारत की और भगवान की मूर्ति को तोड़ दिया। इस घटना से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कई रास्ते जाम कर दिए। लोगों ने कहा कि ब्राह्मण समाज की भावनाओं को आहत करने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोगों ने भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़ने वाले बदमाशों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।

जयपुर में हनुमान मंदिर में फेंके गए मांस

जयपुर में भी माहौल खराब करने की कोशिश की गई। जिले के एक हनुमान मंदिर में कुछ अज्ञात लोगों ने दो कट्टों में मांस भरकर मंदिर में फेंक दिया। मंदिर समिति ने इस घटना के बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद से स्थानीय लोगों में रोष है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि रात को कोई कट्टे में भरकर मांस को फेंक गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कट्टों को मंदिर से निकालकर सड़क पर फेंक दिया। स्थानीय लोगों ने कहा कि मांस फेंक कर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई है। उन्होंने मंदिर के पास चल रही मीट की दुकानों को बंद करवाने की मांग की। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

दूदू स्थित सोलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पर हमला

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें राजस्थान के दूदू स्थित सोलेश्वर महादेव मंदिर के एक जख्मी पुजारी को कहते सुना जा सकता है कि मंदिर पर मुस्लिमों की एक भीड़ ने हमला कर दिया है। दूदू स्थित सेलास्वर हादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी कर रहा था। इस दौरान उनके परिवार के सदस्यों के साथ मुस्लिमों की भीड़ ने मारपीट की थी। पुजारी ने लोगों से मदद की गुहार लगाई। 

 

औरंगजेब की सोच रखने वाली कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की सारी सीमाएं तोड़ दी
दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि एक ओर तो सरकार हिंदुत्व की खिलाफत कर रही है, दूसरी ओर रामायण और सुंदर काण्ड पाठ कराने का ‘नाटक’ कर रही है। सरकार की असलियत रामनवमी,महावीर जयंती एव हनुमान जयन्ती जैसे उत्सवों पर धारा 144 लगाने से ही साबित हो जाती है।  प्रदेश से पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने एक बयान में कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। कोटा, बीकानेर एव जोधपुर के बाद अब अजमेर में भी रामनवमी,महावीर जयंती एव हनुमान जयन्ती जैसे उत्सवों पर औरंगजेब की सोच रखने वाली कांग्रेस सरकार ने धारा 144 की पाबंदी लगाई है। इसमें धार्मिक प्रतीक चिह्न युक्त झंडियां लगाने, डीजे बजाने पर रोक शामिल है। राजस्थान में अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने वाली सरकार आमजन पर लगाम लगा रही है! 

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