जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का एक साल पूरा हो चुका है। इस दौरान पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई साजिशें कीं, लेकिन भारत की कूटनीति के सामने उसकी हर चाल नाकाम हो गई। बार-बार अंतर्राष्ट्रीय अपमान सहने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने फिर अपने ‘सदाबहार मित्र’ चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की कोशिश की, लेकिन फिर उसे करारा झटका लगा।
सूत्रों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अनौपचारिक सत्र में चर्चा करने की नाकाम कोशिश की। बंद कमरे में हुई बैठक का कोई रेकॉर्ड नहीं रखा गया और न ही कोई बयान जारी किया गया। इससे पहले भी दो बार पाकिस्तान के कश्मीर के मुद्दे को उठाने पर यही हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान कश्मीर पर अपने मंसूबों में पूरी तरह से फेल रहा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत त्रिमूर्ति ने एक ट्वीट करके कहा, ‘पाकिस्तान का एक और प्रयास विफल रहा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज की बैठक बंद कमरे में हुई थी, अनौपचारिक थी, इसका कोई रेकॉर्ड नहीं रखा गया और यह इसका कोई परिणाम नहीं निकला। लगभग सभी देशों ने माना कि जम्मू-कश्मीर एक द्विपक्षीय मसला है और सुरक्षा परिषद के समय और ध्यान का हकदार नहीं है।’
Another attempt by Pakistan fails!
In today’s meeting of UN Security Council which was closed, informal, not recorded and without any outcome, almost all countries underlined that J&K was bilateral issue & did not deserve time and attention of Council.
— PR UN Tirumurti (@ambtstirumurti) August 5, 2020
दरअसल, यह सत्र ‘एन अदर बिजनस’ श्रेणी के तहत हुआ था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों देशों के बीच इस बात को लेकर सहमति है कि वे किसी ऐसे मुद्दे को यहां पर आने से नहीं रोकेंगे। यहां तक चीन जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है लेकिन वह हॉन्ग कॉन्ग पर मई महीने में हुई चर्चा को रोक नहीं पाया था। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह बैठक चीन के मदद से कराई थी लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी की बात यह रही कि अमेरिका ने बेनतीजा बैठक पर जोर दिया जिस पर चीन ने भी अपनी सहमति जता दी। यही नहीं सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य देशों ने भी माना कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसका समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद के जरिए होना चाहिए।
बता दें कि अगस्त 2019 में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में चीन ने कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने पर भारत की कड़ी आलोचना की थी। हालांकि भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साफ कहा था कि अनुच्छेद 370 का हटाया जाना उसका अपना आंतरिक मसला है।