राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव हैं और सरकार के मंत्री साम, दाम, दंड और भेद की नीति अभी से अपनाने लगे हैं। जनता में भय का राज कायम रखने के लिए गहलोत के मंत्री सिर्फ डरा-धमका ही नहीं रहे, बल्कि अब तो नौबत निर्दोष जनता के अपहरण और हत्या तक जा पहुंची है। कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों के खिलाफ अलग-अलग जिलों में संगीन अपराध के केस दर्ज हुए हैं। एक मंत्री के खिलाफ जहां बीजेपी ने हमला बोला है तो दूसरे मंत्री अपने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर हैं। सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपने खिलाफ केस के लिए सीएम को जिम्मेदार ठहराया है। गुढ़ा ने तंज करते हुए कहा कि पत्नी ने कहा था, गहलोत के पंगा मत लो।
राजस्थान सरकार के जिन दो मंत्रियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुए हैं, उनमें सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के खिलाफ सीकर जिले के नीम का थाना कोतवाली में और दूसरा प्रकरण चित्तोड़गढ जिले के निम्बाहेड़ा में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के खिलाफ दर्ज हुआ है। सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा के खिलाफ अपहरण करके मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है, तो आंजना और उसके भांजे के खिलाफ गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा है। चित्तोड़गढ जिले के निम्बाहेड़ा में एक युवक बंटी ऊर्फ विकास आंजना की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के परिजनों ने स्थानीय थाने में परिवाद देकर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और उनके भांजे विक्रम आंजना पर हत्या कराने का आरोप लगाया है।
चित्तोड़गढ के निंबाहेड़ा जेल के पास बंटी ऊर्फ विकास आंजना की तीन बदमाशों ने दो फरवरी को गोलियों से भून कर हत्या कर दी। बदमाशों ने विकास को आठ गोलियां मारी थी। मृतक विकास आंजना बीजेपी नेता बापूलाल आंजना का इकलौता बेटा था। मृतक के पिता ने निम्बाहेड़ा कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है जिसमें सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और उनके भांजे पर हत्या का आरोप लगाया गया है। पहले स्थानीय लोग और मृतक के परिजन शव को लेकर धरने बैठ गए थे। पुलिस अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई का आश्वासन दिये जाने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। चित्तौड़गढ़ एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि निंबाहेड़ा में बंटी आंजना पर तीन लोगों द्वारा फायरिंग कर हत्या करने वाले हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मृतक बंटी उर्फ विकास आंजना के भाई घनश्याम आंजना ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है कि उसके भाई को करीब छह महीने से जान से मारने की धमकियां मंत्री उदयलाल आंजना की ओर से दी जा रही थीं। मंत्री अपने आदमियों को भेजकर भाई पर मिलने के लिए दबाव बना रहे थे। उनका भांजा विक्रम खुद उनके घर पर आया और उसे कांग्रेस ज्वाइन करने को कहा। साथ ही अपने घर से बीजेपी का झंडा हटा लेने, वरना अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। जब भाई ने उनकी बात नहीं मानी, तो नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों से मिलकर ललित आंजना की जगह विकास का नाम लगाकर उसे गिरफ्तार करवा दिया गया।
भाजपा नेता बापूलाल आंजना के 28 वर्षीय बेटे बंटी उर्फ विकास आंजना को गोलियों से छलनी करने वाले हत्यारे अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं। बीजेपी नेताओं और परिजनों ने चेतावनी दी कि अगर मंत्री उदयलाल आंजना और उनके भतीजे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो धरना दिए जाने के साथ उग्र आन्दोलन किया जाएगा। गिरफ्तारी नहीं होने तक अगले सात दिन धरना जारी रखने की घोषणा की है। निंबाहेड़ा जिला अस्पताल के बाहर पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, मृतक बंटी के पिता बीजेपी नेता बापूलाल आंजना, बीजेपी जिलाध्यक्ष गौतम दक सहित भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता धरने पर हैं।
विधानसभा चुनाव के साल में ही इस तरह के मामले सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हो रही है कि सरकार के मंत्री वाकई इतने निरंकुश हो गए हैं। बीजेपी ने खुलकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि पहले तो राजस्थान में गैंगस्टर और बदमाश ही आतंक मचा रहे हैं, अब सरकार के मंत्री भी उनकी होड़ में उतर आए हैं। सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा वैसे तो अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार वे अपराधिक मामले में चर्चा में आए हैं। झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी निवासी दुर्गासिंह राजपूत ने सीकर के नीम का थाना कोतवाली में सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के खिलाफ अपहरण करके मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर के मुताबिक कुछ दिन पहले दुर्गासिंह के मोबाइल पर राजेन्द्र गुढ़ा के मोबाइल नम्बर से कॉल आया। कॉल उठाने पर पूछा गया कहां है? तो दुर्गासिंह ने अपने घर पर होना बताया। दुर्गासिंह राजपूत के मुताबिक करीब आधे घंटे बाद मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा, उनका पीए और ड्राइवर सरकारी गाड़ी से उनके घर पहुंचे। साथ में दो अन्य वाहनों में सवार कुछ लोग भी आए थे। जबरन घर में घुसने के बाद उसको राजेन्द्र गुढ़ा ने कॉलर पकड़कर घसीटते हुए घर से बाहर निकाला और अपनी सरकारी गाड़ी में पटक दिया और भूदोली रोड़ वाले रास्ते से सदर थाने के सामने स्थित बाइपास होते हुए उदयपुरवाटी स्थित गुढ़ा के फार्म हाउस पर ले गए
मंत्री के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो पुलिस को धमकाने से भी बाज नहीं आए। दुर्गासिंह के मुताबिक अपहरण करके ले जाते समय मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने उदयपुरवाटी थाना प्रभारी को कॉल करके कहा कि दुर्गासिंह को ले जा रहा हूं। या तो यह मेरी बात मान जाएगा। वरना इसे मामले में फंसाना जिससे कि एक दो साल तक जमानत पर बाहर नहीं आ सके। मंत्री ने एक वकील को भी कॉल करके इसी तरह की बात कही थी। पीड़िता दुर्गासिंह का आरोप है कि राजेन्द्र गुढ़ा ने अपने फार्म हाउस ले जाकर उसके साथ गालीगलौच और मारपीट की। जान बचाने के लिए खाली चेक मांगा, लेकिन उनके अकाउंट में रुपए नहीं होने पर पीड़ित के भाई विक्रम सिंह को मौके पर बुलाया गया। पीड़ित के भाई की फर्म का खाली चैक साइन करवा कर ले लिया गया और बाद में धमकी देकर छोड़ दिया। वह इससे इतना डर गया कि दो दिन तक किसी को कुछ नहीं बताया। बाद में हिम्मत करके पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा से मिलकर अपनी पीड़ा जाहिर की। डीजीपी की दखल के बाद नीम का थाना पुलिस ने राजेन्द्र गुढ़ा के खिलाफ अपहरण, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने और धोखाधड़ी करने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया।
मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के कारण इस प्रकरण को सीआईडी सीबी को ट्रांसफर कर दिया गया है। खुद के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने दावा किया कि उनके खिलाफ बड़ी साजिश हो रही है। एक मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और मुख्यमंत्री को पता नहीं हो, ऐसा कैसे हो सकता है। जरूर यह मुकदमा मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए जाने के बाद ही दर्ज किया गया। गुढ़ा ने इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले दिनों उनकी पत्नी ने कहा कि पंगा मत लो, वरना महंगा पड़ सकता है। शायद यह प्रकरण उसी का नतीजा है। राजेन्द्र गुढ़ा बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल होकर अशोक गहलोत को समर्थन दिया। दो साल पहले जब सरकार पर संकट के बादल छाए हुए थे तब राजेन्द्र गुढ़ा अशोक गहलोत के पाले में खड़े थे लेकिन पिछले कुछ महीनों से वे सचिन पायलट के खेमे में आ गए हैं।