पश्चिमी देशों के संगठन फाइव आइज एक खुफिया गठबंधन है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। ये नहीं चाहते कि दुनिया में कोई देश विकास करके मजबूत बन जाए। आज भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में 10वीं से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया और अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ये फाइव आइज को सुहा नहीं रहा है। वे ऊपर से तो दोस्ती की बात करते हैं लेकिन भीतर से नहीं चाहते कि भारत विकास करके आगे बढ़ जाए। यही वजह है कि वे अंदरखाने भारत को तोड़ने, बदनाम करने, अस्थिर करने, अलगाववाद को बढ़ावा देने में जुटे रहते हैं। अब भारत को कमजोर करने के एजेंडे में इन फाइव आइज के साथ चीन भी शामिल हो गया है। चीन की हालत दिनोदिन खस्ता होती जा रही है इसीलिए वह नहीं चाहता कि भारत आगे बढ़ जाए और मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन जाए। इससे सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही होने वाला है। यही वजह है कि भारत में कभी मणिपुर हिंसा होती है तो कभी खालिस्तानी सिर उठा लेते हैं। दरअसल इन सबके पीछे यही देश हैं और यही फंडिंग भी करते हैं।
कनाडा-मणिपुर कनेक्शन! कुकी अलगाववादियों ने खालिस्तानियों से मिलाया हाथ
मणिपुर में फिर शुरू हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का भी हाथ है। खुफिया एजेंसियों को सबूत मिले हैं कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद कुकी समुदाय के एक अलगाववादी नेता ने आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ बैठक की। 3 घंटे चली इस बैठक के बाद खालिस्तानी नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपए हवाला से मणिपुर पहुंचाए गए। भारतीय एजेंसियों को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे के एक गुरुद्वारे में आयोजित खालिस्तानी समर्थकों की सभा का वीडियो मिला है। इसमें कुकी अलगाववादी नेता लीन गंग्ते भी मौजूद है। गंग्ते नार्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) यानी नामटा का प्रमुख है। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में गंग्ते वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहा है।
Kuki separatists are now flocking to Khalistanis separatists in Canada.
Here is Lien Gangte chief of NAMTA (North American Manipur Tribal Association) delivering a speech at a Gurudwara which was headed by Nijjar in Surrey, Canada.
— The Poll Lady (@ThePollLady) September 23, 2023
कनाडा से शरण मांग रहे कुकी अलगाववादी
गंग्ते ने कनाडा के गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में भारत विरोधी भाषण में कहा- ‘जिस तरह से आप लोग खालिस्तान की मांग कर रहे हैं, उसी तरह हम भी अलग मणिपुर के लिए लड़ रहे हैं। मणिपुर में हमारे समुदाय के नेताओं को सरकार मिटा देना चाहती है, उन्हें कनाडा में राजनीतिक शरण दी जाए। गंग्ते ने कहा- हमारे समुदाय को भी कनाडा में सियासी तौर पर आगे बढ़ने का मौका मिले। इसके बाद गुरुनानक गुरुद्वारा समिति सरे की ओर से कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने गंग्ते को आगे की रणनीति साथ मिलकर बनाने का भरोसा दिया।
मणिपुर हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकवादियों का बड़ा हाथ
मणिपुर में लगभग 3 महीनों तक चले हिंसा के सिलसिले और उस पर मची राजनीति को लेकर अब परत-दर-परत खुलासे हो रहे हैं। मणिपुर में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का भी जो नैरेटिव राजनेताओं द्वारा बनाया गया, उसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय साजिशें सामने आ रहीं हैं। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकवादियों का भी बड़ा हाथ है।
कुकी अलगाववादी ने कहा- भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं
कुकी अलगाववादी नेता लीन गंग्ते वीडियो में मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुप रहने पर सवाल उठा रहा है। वो कहा रहा है- मोदी अमेरिका गए, फ्रांस गए, मिस्र गए पर मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। कूकी नेता ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। वो वहां सुरक्षित नहीं हैं।
राहुल गांधी, खालिस्तानी, कुकी अलगाववादी, पाकिस्तान के एक स्वर कैसे?
विदेशी ताकतों ने भारत को बदनाम करने के लिए एक नैरेटिव गढ़ कि अल्पसंख्यक भारत में सुरक्षित नहीं हैं या भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचर हो रहा है’। ये वही जुमले हैं, जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर विदेश दौरों पर बोलते रहते हैं। यही आरोप पाकिस्तान पूरी दुनिया में घूम-घूमकर भारत पर लगाता रहता है कि भारत मुस्लिमों यानि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है। खालिस्तानी भी यही कहकर लोगों को भड़काते हैं कि भारत में सिखों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह आश्चर्य की बात है कि राहुल गांधी, खालिस्तानी, कुकी अलगाववादी, पाकिस्तान के एक स्वर कैसे हो जाते हैं। क्या ये सब उन विदेशी हाथों का खिलौना हैं।
आतंकियों के नैरेटिव को क्यों बढ़ाते हैं राहुल गांधी
आखिर आतंकियों के नैरेटिव को राहुल गांधी क्यों आगे बढ़ाते हैं। जब वे ब्रिटेन में जाकर कहते हैं कि भारत में सिखों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जाता है। इसके कुछ ही दिनों बाद ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हमला हो जाता है और खालिस्तानी तिरंगे को अपमानित करते हैं। क्या इससे यह समझ में नहीं आता कि, आतंकी, भारतीय नेताओं द्वारा दिए गए राजनितिक बयानों को हथियार बनाकर लोगों को भड़का रहे हैं ? इससे ये समझ में नहीं आता कि ये सब मिले हुए हैं। अब ये पूरा रैकेट धीरे-धीरे उजागर हो रहा है। देश यह भी देख रहा है कि इसी रैकेट ने मणिपुर में किस तरह आग लगाई?
कूकी अलगाववादियों को भारत विरोधी ताकतों से मिल रही मदद
कूकी (30 फीसद आबादी) मणिपुर में रहने वाली एक जनजाति है, जिसका राज्य के 90 फीसद पहाड़ी इलाकों पर कब्जा है, वहां मैतई समुदाय जमीन नहीं खरीद सकता और काम धंधा नहीं कर सकता। अधिकतर कूकी मिशनरियों के प्रभाव में आकर ईसाई बन चुके हैं, वहीं मैतई समुदाय (53 फीसद) बहुसंख्यक है, जो वैष्णव धर्म का पालन करता है और राज्य के 10 फीसद मैदान वाले हिस्से में सिमटा हुआ है, उसने मांग की थी कि उसे भी जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाए, ताकि वो भी पहाड़ी इलाकों में जाकर खेती बाड़ी कर सके, क्योंकि 10 फीसद जमीन काफी कम है। इसी बात से कूकी आक्रोशित हैं, हाई कोर्ट ने जब मैतई समुदाय को ST का दर्जा दे दिया, तो कुकियों ने विरोध किया और परिणामस्वरूप हिंसा शुरू हो गई, अब कुकियों को भारत विरोधी तमाम ताकतों से मदद मिल रही है।
मणिपुर हिंसा को हिंदू बनाम ईसाई संघर्ष के रूप में फैलाया
अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) यानी नामटा ने विदेशी ताकतों के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए मणिपुर को हिंसा की आग में झोंक दिया वहीं इसे हिंदू बनाम ईसाई संघर्ष के रूप में फैलाया। इसके जरिये देश को बदनाम करने के साथ ही समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश की गई। लेकिन यह जानकर आश्चर्य होगा कि कल तक जिस नामटा का नाम लोगों ने सुना नहीं था वो अचानक से मणिपुर के कुकी अलगाववादियों के साथ खड़ी नजर आने लगी। इसमें उसको फेडरेशन आफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन आर्गेनाइजेशन आफ नार्थ अमेरिका (FIACONA) का साथ मिला। यानि अमेरिकी ईसाई मिशनरी और भारत में काम करने वाली ईसाई मिशनरी ने गठजोड़ करके भारत को अस्थिर करने का बीड़ा उठाया है। मणिपुर में ईसाई मिशनरी तो फंडिंग कर ही रहे हैं अब खालिस्तानी फंडिंग की बात सामने आने के बाद इनके चेहरे से पर्दा उठने लगा है।
NAMTA और INDI Alliance में समानता- United We Stand