Home तीन साल बेमिसाल बुलेट ट्रेन से चमकेगा ब्रांड इंडिया

बुलेट ट्रेन से चमकेगा ब्रांड इंडिया

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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने 14 सितंबर को अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड नेटवर्क परियोजना (बुलेट ट्रेन परियोजना) का शिलान्यास किया। बुलेट ट्रेन परियोजना का काम दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब परियोजना को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ, 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने की बात तय हुई है। इस तरह से देश को 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना का तोहफा मिलेगा और देशवासियों का बुलेट ट्रेन का सपना पूरा हो जाएगा।

ब्रांड इंडिया को मिलेगी नयी ऊंचाइयां
अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड नेटवर्क परियोजना (बुलेट ट्रेन परियोजना) से ब्रांड इंडिया को नयी ऊंचाइयां हासिल होंगी। दुनिया के विकसित देशों के साथ कदमताल मिलाते हुए भारत विकास के संदर्भ में अग्रणी देशों की श्रेणी में आकर खड़ा हो जाएगा। बुलेट ट्रेन परियोजना के शुभारंभ के बाद ब्रांड इंडिया के ताज में एक और मोती जुड़ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जिस ब्रांड इंडिया का जिक्र अपने भाषणों में बार-बार करते रहे हैं, बुलेट ट्रेन परियोजना उस ब्रांड इंडिया को पूरी तरह से साकार करती हुई दिखायी देती है। बुलेट ट्रेन परियोजना से देश टेलेंट (प्रतिभा), ट्रेड (व्यापार), ट्रेडिशन (परंपरा), टूरिज्म (पर्यटन) और टेक्नॉलॉजी (प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में विकसित राष्ट्रों के समकक्ष आकर खड़ा हो जाएगा। बुलेट ट्रेन के आने से देश की अर्थव्यवस्था को तो गति मिलेगी ही, साथ ही देश के पर्यटन, प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और व्यापार को भी सीधे लाभ पहुंचेगा। भारत-जापान की दोस्ती से पूरी दुनिया के ताकतवर देशों पर भारत का सिक्का जम जाएगा। बुलेट ट्रेन परियोजना को भारत की विदेश नीति की भी एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।

देश के वित्तीय संसाधनों की होगी बचत
इस परियोजना से देश के वित्तीय संसाधनों की बचत होगी। 508 किलोमीटर के अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड नेटवर्क परियोजना की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये है। जापान इस परियोजना के लिए कम ब्याज दर पर 90,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करायेगा। जो योजना की कुल लागत का 80 प्रतिशत है। भारत सरकार को ऋण उपलब्ध होने के 15 वर्ष बाद से अगले 50 वर्षों तक 0.1 की ब्याज दर से भुगतान करना होगा। सामान्यतः ऐसे किसी भी ऋण की ब्याज दर 20-30 वर्ष की अवधि के लिए 3-7 प्रतिशत के बीच होती है। जबकि भारत को यह ऋण 0.1 की ब्याज दर पर उपलब्ध हो रहा है और इसकी अदायगी की समय सीमा भी ऋण उपलब्ध होने के 15 वर्ष बाद से अगले 50 वर्षों तक की रखी गयी है।

रोजगार के 24,000 नये अवसर सृजित होंगे
बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना से देश में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। एक अनुमान के मुताबिक, बुलेट ट्रेन परियोजना से 4000 प्रत्यक्ष और 20,000 अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन होगा। अकेले वड़ोदरा में हाई स्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान अगले 3 वर्ष में 4000 कामगारों को प्रशिक्षित करने का काम करेगा। इन प्रशिक्षित कामगारों का उपयोग इस योजना के परिचालन और मरम्मत संबंधी कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा जापान 300 भारतीय युवाओं को हाई स्पीड रेल नेटवर्क प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण देगा। जो युवा होने के कारण नयी प्रौद्योगिकी को सहजता से ग्रहण करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा 20,000 अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन होने का आकलन किया गया है।

अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
कोई भी परियोजना अपने साथ विकास की बयार लेकर आती है इसलिए यह भी तय है कि बुलेट ट्रेन परियोजना से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। भारत विकास के नयी ऊंचाइयां हासिल करेगा। बुलेट ट्रेन से जुड़े अन्य उद्यम विकसित होंगे। स्टेशनों का निर्माण होगा, बुलेट ट्रेन से जुड़े अन्य उद्यमों का भी विकास होगा। जिस तरह से जापान के यहां मारूति उद्यम लगाने के बाद भारत ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में पीछे मुड़कर नहीं देखा। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भारत-जापान के 250 ऑटोमोबाइल कल-पूर्जों के निर्माता एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जापान के सहयोग से भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र को जिस तरह से पंख लग गये, हाई स्पीड नेटवर्क के क्षेत्र में भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है। एक्सप्रेस वे, मेट्रो लाइन, एयरपोर्ट निर्माण से किसी शहर का जितना विकास होता है, बुलेट ट्रेन परियोजना से देश में उससे कई गुणा ज्यादा विकास होगा।

कौशल विकास को बढ़ावा
अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड नेटवर्क परियोजना से देश के राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन को बढ़ावा मिलेगा। नयी प्रौद्योगिकी के आने से देश को प्रशिक्षित कामगारों की आवश्यकता होगी। परियोजना में ब्लास्ट-लेस ट्रैक और समुंद्र में सुरंग बनाने के लिए नयी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस नयी प्रौद्योगिकी के लिए प्रशिक्षित कामगारों की आवश्यकता को पूरा करने में राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की अहम भूमिका होगी। वड़ोदरा में हाई स्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी। जो देश में हाई स्पीड नेटवर्क के लिए मजबूत आधारशिला का काम करेगा। यह संस्थान वर्ष 2020 के अंत तक अपना काम शुरू कर देगा।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा
इस महत्वाकांक्षी परियोजना से मोदी सरकार की मेक इन इंडिया परियोजना को बढ़ावा मिलेगा। इतनी बड़ी परियोजना से देश के विनिर्माण क्षेत्र को भी गति मिलेगी। निकट भविष्य में बुलेट ट्रेन के कल-पूर्जों का निर्माण देश में ही होने की उम्मीद जतायी जा रही है। परियोजना से न केवल देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा बल्कि देश में नयी प्रौद्योगिकी का भी विकास होगा।

परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव

हाई स्पीड नेटवर्क परियोजना की नयी प्रौद्योगिकी से न सिर्फ रेल नेटवर्क में बल्कि देश के परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की उम्मीद है। इससे विमानन और हाई स्पीड रेल नेटवर्क में कड़ी प्रतिस्पर्धा की होगी। जिसके फलस्वरूप विमानन और हाई स्पीड रेल सेवाओं की गुणवत्ता में तेजी से वृद्धि होगी। इसके पहले कदम के रूप में बुलेट ट्रेन के किराये को राजधानी एक्सप्रेस के समकक्ष रखा गया है।

किफायती किराये में हाई स्पीड का मजा
अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड नेटवर्क पर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ेगी। 508 किलोमीटर की दूरी को महज 2 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा। इस यात्रा में अभी तक 7 घंटे का समय लगता है। बुलेट ट्रेन में 2 श्रेणियां एक्जीक्यूटिव और इकोनामी रखी गयी है। किराये को राजधानी एक्सप्रेस के एसी-2 के बराबर रखा गया है। जिससे यात्री किफायती किराये में हाई स्पीड का मजा ले सकेंगे।

सुरक्षा के लिहाज से अद्वितीय
बुलेट ट्रेन हाई स्पीड नेटवर्क सुरक्षा के लिहाज से अद्वितीय है, क्योंकि जापान में ऐसी ट्रेनों की दुर्घटना की दर जीरो प्रतिशत रही है। इसलिए कहा जा सकता है कि भारत में भी बुलेट ट्रेन सुरक्षा के नये आयाम स्थापित करेगी। हाई स्पीड नेटवर्क बुलेट ट्रेन से देशवासियों को सुरक्षित सफर की सौगात मिलने जा रही है। जिसका अनुसरण करके भारतीय रेल भी सुरक्षा की नयी ऊंचाइयां छूने की ओर अग्रसर होगी।

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