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पीएम मोदी की गिफ्ट डिप्लोमेसी से भारतीय उत्पादों की ब्रांडिंग! भारत की विविधता दर्शाती सुराही, शॉल और पेंटिंग भेंट

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किसी विदेशी मेहमान के भारत आने या भारत के अगुवा के रूप में दूसरे देश जाने पर उपहार के आदान-प्रदान की परंपरा रही है। लेकिन साल 2014 के बाद सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट डिप्लोमेसी के स्वरूप को बदल कर रख दिया। उन्होंने विदेशी नेताओं को हमेशा ऐसी चीजें दी जो भारतीय संस्कृति और विरासत की पहचान रही है। पीएम मोदी गिफ्ट डिप्लोमेसी के जरिये देश के विभिन्न प्रांतों के उत्पादों को विश्व स्तर पर पहुंचा रहे हैं और इस तरह उन उत्पादों की ब्रांडिंग हो रही है। पीएम मोदी की ओर से हमेशा देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति और विविधता दिखाने वाली चीजें बतौर गिफ्ट दी गई हैं।

भारत की विविधता दर्शाती सुराही, शॉल और पेंटिंग उपहार में 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से देश के विभिन्न भागों के उत्पाद विदेशी नेताओं को भेंट करते हैं वह कहीं न कहीं भारत की विविधता को भी दर्शाता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, साउथ अफ्रीका की फर्स्ट लेडी त्सेपो मोत्सपे और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को गिफ्ट दिए। इन उपहारों में सुराही, शॉल और पेंटिंग शामिल हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका से ग्रीस के दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने ग्रीस के राष्ट्रपति को तेलंगाना के विशेष फूलदान, ग्रीस के प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ का ढोकरा आर्ट, ग्रीस के प्रधानमंत्री की पत्नी को मेघालय शॉल भेंट किए।

ग्रीस के राष्ट्रपति को तेलंगाना के बिदरी फूलदान भेंट
पीएम मोदी 25 अगस्त 2023 को ग्रीस के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने ग्रीस के राष्ट्रपति को तेलंगाना के बिदरी फूलदान भेंट किया। बिद्रवेस (फूलदान) 500 साल पुरानी फ़ारस स्टाइल का विशुद्ध भारतीय आविष्कार है जो विशेष रूप से बीदर तक ही सीमित है। इस फूलदान को जिंक, कॉपर और अन्य अलौह धातुओं के मिश्र धातु से ढाला जाता है। ढलाई पर सुंदर पैटर्न उकेरे गए हैं और शुद्ध चांदी के तार से जड़े गए हैं। इसकी ढलाई बीदर किले की विशेष मिट्टी से होती है। चांदी की नक्काशी सदियों पुरानी शिल्पकला है। वस्तु को आकर्षक बनाने के लिए फाइनल टचिंग, पॉलिशिंग, बफ़िंग की जाती है। यह कार्य भारत के कई हिस्सों और विशेष रूप से कर्नाटक राज्य में किया जाता है। इसके लिए बहुत कड़ी मेहनत, सटीकता और उत्कृष्ट कौशल की आवश्यकता होती है।

ग्रीस के प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ का ढोकरा आर्ट
पीएम मोदी ने ग्रीस के प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ का ढोकरा आर्ट उपहार में दिया। ढोकरा कला को ढोकरा भी कहा जाता है। यह भारत के प्रागैतिहासिक कला रूपों में से एक है। इस प्राचीन कला की सबसे प्रारंभिक रूप मोहनजोदारो और हड़प्पा की खुदाई से मिली नाचती हुई लड़की की कलाकृति है। इस असामान्य और आकर्षक कलाकृति का नाम ‘धोकर दामर’ के नाम पर रखा गया है, जो देश के मध्य और पूर्वी हिस्से से संबंधित एक खानाबदोश भारतीय जनजाति है। ढोकरा कला का सामान्य विषय हिंदू देवी-देवताओं और विभिन्न जानवरों की मूर्तियों के इर्द-गिर्द घूमता है। ढोकरा कला लॉस्ट-वैक्स कास्टिंग तकनीक का उपयोग करके एक अलौह धातु कास्टिंग कला है। इस प्रकार की धातु ढलाई का उपयोग भारत में 4,000 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है और अभी भी इसका उपयोग किया जाता है। ढोकरा कला के कारीगर मुख्य रूप से मध्य और पूर्वी भारत से हैं। यह विशेष कलाकृति छत्तीसगढ़ के कारीगरों द्वारा तैयार की गई है।

ग्रीस के प्रधानमंत्री की पत्नी को मेघालय शॉल भेंट
पीएम मोदी ने ग्रीस के प्रधानमंत्री की पत्नी को मेघालय का शॉल उपहार में दिया। मेघालय शॉल में एक समृद्ध इतिहास और सदियों पुरानी शाही वंशावली है। मेघालय शॉल मूल रूप से खासी और जैंतिया राजघराने के लिए बुने जाते थे, जो उन्हें अपनी शक्ति का प्रतीक मानते थे। शॉल औपचारिक अवसरों और त्योहारों के दौरान पहने जाते थे, और उनके जटिल डिजाइन और जीवंत रंग शाही परिवार की संपत्ति और प्रतिष्ठा का प्रतिबिंब थे। मेघालय शॉल में इस्तेमाल किए गए डिज़ाइन अत्यधिक प्रतीकात्मक थे। उदाहरण के लिए, बाघ और हाथी जैसे जानवरों के रूपांकनों का उपयोग शक्ति का प्रतीक था, जबकि पुष्प पैटर्न का उपयोग सुंदरता और अनुग्रह का प्रतीक था। अपनी गर्मजोशी और कोमलता के लिए प्रसिद्ध, मेघालय शॉल की बुनाई एक कला है जिसके लिए महान कौशल और रचनात्मकता की आवश्यकता होती है। बुनकर, ज्यादातर महिलाएं, पारंपरिक बुनाई तकनीकों का उपयोग करके जटिल डिजाइन और पैटर्न बुनती हैं जिसमें घंटों का समय लगता है। शॉल स्थानीय रूप से प्राप्त ऊन और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके बनाए जाते हैं। शॉल अपनी उत्कृष्ट शिल्प कौशल और जटिल डिजाइन के लिए अत्यधिक बेशकीमती हैं।

पीएम मोदी अपने विदेश दौरे में खास उपहार देते रहे हैं जिससे भारतीय उत्पादों की ब्रांडिंग होती है। इस पर एक नजर-

दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के राष्ट्रपति को पीएम मोदी ने दिए उपहार
ग्रीस दौरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा 22 अगस्त 2023 को पहुंचे। वहां उन्होंने कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने के बाद उन्हें गिफ्ट भी दिए। पीएम मोदी ने साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, उनकी पत्नी और देश की फर्स्ट लेडी त्सेपो मोत्सपे के साथ ही ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को उपहार दिए।

अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को बिदरी सुराही भेंट
पीएम मोदी ने साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को तेलंगाना की विशेष 500 साल पुरानी हस्तकला का प्रतीक बिदरी सुराही गिफ्ट की। बिदरी मूलत: एक प्रकार का फूलदान है जिसका निर्माण जिंक, तांबा और अन्य धातुओं से होता है।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति की पत्नी को नागा शॉल भेंट
पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की पत्नी नागा शॉल भेंट की। यह शॉल अपने जीवंत रंगों, जटिल डिजाइनों और पारंपरिक बुनाई तकनीकों के उपयोग के लिए जानी जाती हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहे हैं। नागा शॉल स्थानीय रूप से प्राप्त सामग्री जैसे कपास, रेशम और ऊन से बनाई जाती है। नागा शॉल की डिज़ाइन जनजाति के मिथकों, किंवदंतियों और मान्यताओं से प्रेरित हैं, जिनमें विशिष्ट अर्थ और महत्व वाले डिज़ाइन हैं। प्रत्येक नागा शॉल एक अनोखी कहानी बताती है, जो जनजाति के इतिहास, मान्यताओं और जीवन शैली को दर्शाती है। नागा शॉल में इस्तेमाल किये जाने वाले रंग प्रतीकात्मक होते हैं। उदाहरण के लिए, लाल साहस का प्रतीक है, जबकि काला शोक का प्रतीक है। सफेद रंग पवित्रता से जुड़ा है और हरा रंग विकास और समृद्धि का प्रतीक है। इन जीवंत रंगों को बनाने के लिए बुनकर अक्सर पौधों और जड़ों से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हैं।

ब्राजील के राष्ट्रपति को गोंड पेंटिंग भेंट
दक्षिण अफ्रीका में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग उपहार में दी। यह पेंटिंग सबसे प्रशंसित जनजातीय कला रूपों में से एक है। ‘गोंड’ शब्द द्रविड़ियन अभिव्यक्ति ‘कोंड’ से आया है जिसका अर्थ है ‘हरा पहाड़’। बिंदुओं और रेखाओं द्वारा बनाई गई ये पेंटिंग गोंडों की दीवारों और फर्शों पर चित्रात्मक कला का हिस्सा रही हैं और यह स्थानीय रूप से उपलब्ध प्राकृतिक रंगों और लकड़ी का कोयला, रंगीन जैसी सामग्रियों के साथ प्रत्येक घर के निर्माण और पुनर्निर्माण के साथ की जाती है। मिट्टी, पौधे का रस, पत्तियां, गाय का गोबर, चूना पत्थर का पाउडर, आदि से इसे बनाया जाता है।

पीएम मोदी ने मैक्रों को गिफ्ट किया स्पेशल सितार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 जुलाई 2023 को फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर थे। अपनी राजनयिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को चंदन की लकड़ी से बने संगीत वाद्ययंत्र सितार की एक प्रतिकृति उपहार में दी है। पीएम मोदी द्वारा मैक्रों को उपहार में दी गई सितार की प्रतिकृति में ज्ञान, संगीत, कला, वाणी, बुद्धि और विद्या की देवी मानी जाने वाली सरस्वती की तस्वीरें हैं। इस सितार पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की आकृति भी बनी हुई है। यह सितार शुद्ध चंदन से बना है। चंदन की नक्काशी की कला दक्षिणी भारत में सदियों से प्रचलित एक उत्कृष्ट और प्राचीन शिल्प है।

मैक्रों की पत्नी को पोचमपल्ली रेशम की साड़ी भेंट किया
पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों को चंदन की लकड़ी से बने एक डिब्बे में पोचमपल्ली रेशम इकत भेंट किया है। पोचमपल्ली रेशम इकत कपड़ा, जिसकी जड़ें तेलंगाना के पोचमपल्ली शहर में हैं, भारत की समृद्ध कपड़ा विरासत का एक नायाब नमूना है।

फ्रांस की प्रधानमंत्री को मार्बल इनले वर्क टेबल उपहार
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न को मार्बल इनले वर्क टेबल उपहार में दिया। ‘मार्बल इनले वर्क’ अर्ध-कीमती पत्थरों का उपयोग करके संगमरमर पर बनाई गई आकर्षक कलाकृतियों में से एक है। ये संगमरमर राजस्थान के मकराना शहर में पाया जाता है।

नेशनल असेंबली के अध्यक्ष को गिफ्ट की कश्मीर की कालीन
पीएम मोदी ने हाथ से बुना हुआ रेशमी कश्मीरी कालीन फ्रांस की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष येल ब्रौन-पिवेट को भेंट किया। कश्मीर की हाथ से बुनी रेशम की कालीन अपनी कोमलता और शिल्प कौशल के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। सिल्क कश्मीरी कालीन के रंग और इसकी बुनावट इसे खास बनाती हैं। इस कालीन के रंग ऐसे हैं, जब इस पर नजर पड़ती है तो ऐसा भ्रम होता है कि ये एक नहीं, बल्कि 2 कालीन हों।

सीनेट अध्यक्ष को गिफ्ट किया चंदन की लकड़ी से बना हाथी 
पीएम मोदी ने फ्रांस के सीनेट के अध्यक्ष को चंदन की लकड़ी से हाथ से बनी हाथी की मूर्ति गिफ्ट की। इसे सुगंधित चंदन से सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है। इन शानदार मूर्तियों के जरिए इन प्राणियों की कृपा और महिमा को दर्शाया जाता है। ये चंदन की हाथी की आकृतियां भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखती हैं, जो ज्ञान, शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक हैं। खूबसूरती से उकेरी गई ये मूर्तियां प्रकृति, संस्कृति और कला के बीच सामंजस्य का अहसास कराती हैं।

मैक्रों ने पीएम मोदी को उपन्यास, प्रतिकृति और तस्वीर गिफ्ट किया
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी को प्राउस्ट के उपन्यास, शारलेमेन शतरंज खिलाड़ियों की प्रतिकृति गिफ्ट में दी। मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1916 की एक फ्रेम की हुई तस्वीर गिफ्ट में दी, जिसमें एक पेरिसवासी एक सिख अधिकारी को फूल भेंट कर रहा है। साथ ही 11वीं शताब्दी की शारलेमेन शतरंज खिलाड़ियों की एक प्रतिकृति भी गिफ्ट की। इसके साथ ही मैक्रों ने मोदी को मार्सेल प्राउस्ट द्वारा 1913 और 1927 के बीच प्रकाशित उपन्यासों की एक सीरीज- ए ला रीचेर्चे डु टेम्प्स पेर्डू (इन सर्च ऑफ लॉस्ट टाइम) भी गिफ्ट की है। इसे 20 वीं शताब्दी की शुरुआत के फ्रांसीसी साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

पीएम मोदी ने जो बाइडन को दिया अनमोल गिफ्ट- दृष्टसहस्रचंद्रो
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की 21-23 जून 2023 तक राजकीय यात्रा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को चंदन की लकड़ी के डिब्बे में दस चीजें भेंट की, जो कि सहस्र चंद्र दर्शनम की पूजा में इस्तेमाल होती है। ये सारे गिफ्ट मैसूर से मंगवाए गए चंदन की लड़की के डिब्बे में हैं। अंदर 10 चांदी की छोटी डिब्बियां हैं। इसके अलावा भगवान गणेश की मूर्ति और दीया भी तोहफे के तौर पर दिया गया है। इसे जयपुर के एक मास्टर शिल्पकार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। इस पर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं।


1000 पूर्ण चंद्रमा देखने वाले के लिए आयोजित होता है सतभिषेकम
सहस्र चंद्र दर्शनम का मतलब एक हजार चंद्रमाओं को देखना है। 1000 पूर्ण चंद्रमा देखने वाले के लिए सतभिषेकम आयोजित किया जाता है। एक साल में 12 पूर्ण चंद्रमा होते हैं। इस हिसाब से 80 साल में एक व्यक्ति 960 पूर्ण चंद्रामा को देख सकता है। इसके अलावा हर पांच साल में दो अतिरिक्त पूर्णिमा भी आती हैं। इस तरह से एक 80 साल का व्यक्ति 992 पूर्ण चंद्रमा देखता है। साथ ही 80 साल 8 महीने जीवित रहने वाला व्यक्ति 1000 पूर्ण चंद्रमा के दर्शन कर लेता है।

पीएम मोदी ने बाइडेन को उपहार में दिए दस दान राशि
पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में दस दान राशि हैं- गौदान (गाय का दान) के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है। भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज हैं। राजस्थान में हस्तनिर्मित 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में दिया गया है।

चंदन की लकड़ी के बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति भेंट की   
सनातन संस्कृति में किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की जाती है। चंदन की लकड़ी के बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति है। इस मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। बॉक्स में एक दीया (तेल का दीपक) भी है. इस चांदी के दीये को भी कोलकाता में पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।

पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति को भेंट किए ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’
पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्‍ट्रपति को एक ऐतिहासिक चीज भी उपहार में दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दी है। साल 1937 में, WB येट्स ने श्री पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया था। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित इस पुस्तक के पहले संस्करण की एक प्रति, ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’, पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन को उपहार में दी गई है।

पंजाब का घी और महाराष्ट्र का गुड़ भी भेंट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पंजाब का घी, झारखंड में हाथ से बुना हुआ तसर रेशम का कपड़ा, उत्तराखंड से लंबे दाने वाला चावल और महाराष्ट्र का गुड़ भी भेंट किया।

पीएम मोदी ने जिल बाइडेन को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट किया
अमेरिका की प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडेन को पीएम मोदी ने उपहार स्‍वरूप लैब में विकसित 7.5 कैरेट का हरे रंग का हीरा दिया। यह हीरा पृथ्वी से खोदे गए हीरों के रासायनिक और ऑप्टिकल गुणों को दर्शाता है। हीरा पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसके निर्माण में सौर और पवन ऊर्जा जैसे पर्यावरण-विविध संसाधनों का उपयोग किया गया है।

पीएम मोदी ने बाइडेन को दिए सनातन संस्कृति से जुड़े गिफ्ट
अज्यदान: पंजाब में तैयार किया गया घी, जिसे अज्यदान (घी का दान) के लिए चढ़ाया जाता है।
गुड़दानः महाराष्ट्र में तैयार किया गया गुड़ दिया गया जिसे गुड़दान (गुड़ का दान) के लिए प्रयोग किया जाता है।
धान्यदानः उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल, जिसे धान्यदान (अनाज का दान) के लिए चढ़ाया जाता है।
हिरण्यदानः राजस्थान में हस्तनिर्मित, यह 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का, जिसे हिरण्यदान (सोने का दान) लिए दिया जाता है।
लवणदानः गुजरात में तैयार नमक (नमक का दान), जो लवणदान के लिए दिया जाता है।
रौप्यदानः एक बॉक्स में 99.5 प्रतिशत शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है और इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में दिया किया जाता है।
तिलदानः तमिलनाडु के तिल (तिल के बीज का दान) दिए जिसमें तिलदान के तहत सफेद तिल के बीज चढ़ाए जाते हैं।
भूदानः मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा भूदान (भूमि का दान) के लिए दिया गया जो भूदान के लिए के लिए जमीन पर चढ़ाया जाता है।
गौदानः पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया जिसे गौदान (गाय का दान, गौदान) के लिए गाय के स्थान पर चढ़ाया जाता है।
भगवान गणेश की मूर्तिः बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति और दिया है। भगवान जिन्हें बाधाओं का विनाशक माना जाता है और किसी भी कार्य शुरू करने से पहले सभी देवताओं में सबसे पहले इनकी पूजा की जाती है। गणेश की यह चांदी की मूर्ति और चांदी का दिया कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित की गई है। 
ताम्र-पत्रः उत्तर प्रदेश में निर्मित तांबे की प्लेट, जिसे ताम्र-पत्र भी कहा जाता है। इस पर एक श्लोक अंकित है. प्राचीन काल में ताम्र-पत्र का व्यापक रूप से लेखन और रिकार्ड रखने के माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता था।

बाइडेन ने पीएम मोदी को खास किताब और विंटेज कैमरा भेंट किया
राष्ट्रपति बाइडेन की ओर से पीएम मोदी को प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली भेंट की गई। यह 20वीं सदी की शुरुआत की एक हस्तनिर्मित पुस्तक है। इसके साथ ही एक विंटेज अमेरिकी कैमरा भी गिफ्ट किया। कैमरे के साथ जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट का एक अभिलेखीय प्रिंट और अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी की एक किताब भी है। वहीं जिल बाइडेन ने पीएम मोदी को एक किताब ‘कलेक्टेड पोयम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट’ का प्रथम संस्करण गिफ्ट किया।

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