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Year Ender 2023: बीजेपी ने ‘डबल हैट्रिक’ के साथ तैयार किया लोकसभा चुनाव-2024 में जीत का रोडमैप, नारीशक्ति और युवाओं ने 9 में से 6 चुनावों में PM Modi की गारंटी पर जताया भरोसा

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भारतीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य में साल 2023 भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस साल कल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इनमें से छह में बीजेपी ने जीत के साथ अपना परचम बुलंद किया। साल के शुरुआत में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में भाजपा गठबंधन को बहुमत मिला। साल के अंत में पांच राज्यों में से तीन में भाजपा ने ही जीत की हैट्रिक लगाई। इस हैट्रिक के साथ ही अब देश में 58 फीसदी इलाके और 57 फीसदी आबादी पर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन का शासन हो गया है। साल के शुरू और अंत में चुनावी नतीजों में बीजेपी की डबल हैट्रिक ने ये भी बता दिया कि विपक्ष का ओबीसी आरक्षण और जातिगत गणना का सियासी कार्ड भी नहीं चला है। चुनाव में मोदी की गारंटी ही घोषणा पत्र बनी और जीत के उदघोष की वजह भी बन चुकी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हैट्रिक इसलिए लग पाई, क्योंकि मोदी के नाम और काम पर कुल मिलाकर 35 फीसदी वोट पड़ा है। इस साल की इस डबल हैट्रिक ने एक तरह से बीजेपी के लिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का रोडमैप तैयार कर दिया है। कांग्रेस और विपक्ष जिस जाति गणना और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाकर बीजेपी को घेर रही है, वह सियासी कार्ड पीएम मोदी की गारंटी के आगे 2024 में भी फ्लॉप रहने वाला है।बीजेपी ने लगाई जीत की डबल हैट्रिक, तीन में गठबंधन और तीन में खुद की सत्ता
इस साल फरवरी-मार्च में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इसमें त्रिपुरा और नागालैंड में भाजपा गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला। नागालैंड में भाजपा गठबंधन को 37 और त्रिपुरा में 33 सीटें मिलीं। मेघालय में भी बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी और कांग्रेस हाथ मलती रह गई। इसके बाद दिसंबर में आए चुनाव परिणाम में बीजेपी ने फिर विजय की हैट्रिक लगाई। राजस्थान और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस के पंजे से मुक्त कराया और मध्य प्रदेश में भी भारी बहुमत से अपनी सत्ता बरकरार रखी। तीन-तीन राज्यों की डबल हैट्रिक में 2024 में बीजेपी के जीतने की हैट्रिक की गारंटी मानी जा रही है। इसे समझने के लिए हमने पीएम मोदी के विजनरी भाषण का सार समझना जरूरी है, इसमें उन्होंने साफ किया है कि हैट्रिक की गारंटी 2024 में इसलिए है, क्योंकि विपक्ष का जाति में बांटने का सियासी कार्ड चल नहीं पाया है। वह अगले साल भी इसी के भरोसे है। विपक्ष के पास अगर जातिगत जनगणना का कार्ड है तो राष्ट्रनिर्माण में चार जातियों के विकास की गारंटी का कार्ड बीजेपी के पास है। पीएम ने कहा कि उनके लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी जातियां हैं। ये जातियां हैं- नारी शक्ति, युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार। इन चार जातियों को ही सशक्त करने से ही देश सशक्त होने वाला है।मोदी की गारंटी:  तीन राज्यों की 519 में से 332 सीटों पर जीत हासिल की
साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनावी परिणाम सामने आए थे, जहां तीन राज्यों में पीएम मोदी की गांरटी को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई। खास बात यह कि इनमें से दो राज्यों में तो कांग्रेस की ही सरकारें थीं। कांग्रेस सरकारों को जन विरोधी कार्यों के चलते जहां एंटी इन्कंबेंसी की मार झेलनी पड़ी, वहीं मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार की डबल ताकत के साथ पीएम मोदी ने वापसी कराई। तीनों राज्यों में जहां भाजपा की सीटें बढ़ीं, वहीं पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी को 163 सीटें मिली हैं तो वहीं राजस्थान में 115 और छत्तीसगढ़ में 54 सीटें हासिल हुई हैं। इन नतीजों ने कई समीकरण भी ध्वस्त कर दिए। तीनों राज्यों में बीजेपी को कुल 519 सीटों में से 332 सीटें मिलीं। इसके बाद कांग्रेस केवल तीन राज्यों- कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश पर ही शासन कर रही है। यहां देश की आबादी का केवल 8.51 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। राजस्थान की हार और छत्तीसगढ़ में उलटफेर से कांग्रेस की शक्ति कमजोर होती दिख रही है, जिसका प्रभाव 2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को जरूर मिल सकता है। इन चुनावों ने उत्तर में भाजपा की ताकत को उजागर किया है।वोटर साधने को माइक्रो मैनेजमेंट और सांसद-मंत्रियों का लिटमस टेस्ट
इस साल बीजेपी की जीत के पीछे मोदी की गारंटी, यानि हर गारंटी पूरी होने की गारंटी का मूल मंत्र तो है ही। इसके साथ ही पीएम मोदी का दूरदर्शी विजन, हर वर्ग के लिए जन कल्याणकारी योजनाएं और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओँ से लेकर गठबंधन दलों के साथ शानदार प्रबंधन भी है। इसकी एक झलक इस साल के शुरू में हुई मेघालय के चुनावों में दिखी और बीजेपी यहां गठबंधन सरकार बनाने में सफल रही। साल के अंत में पांच राज्यों के चुनाव में भी बीजेपी की रणनीति कामयाब रही। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों तक को उतारकर बीजेपी ने दो लक्ष्य साधे। पहला, सांसद-केंद्रीय मंत्री उतारकर क्षेत्रीय स्तर पर किसी भी तरह की गुटबाजी को रोका गया। दूसरा, इससे इन तीनों राज्यों में 2024 का लिटमस टेस्ट यानी एक परीक्षण भी कर लिया गया। ये परीक्षण काफी हद तक सफल भी रहा। इन राज्यों में बीजेपी ने वोटर को साधने वाला माइक्रो मैनेजमेंट भी किया। वोटर लिस्ट के एक पन्ने पर तीस मतदाता का नाम होता है। ऐसी रणनीति तैयार हुई, जहां वोटर लिस्ट के एक पेज में शामिल 30 में से पांच लोगों को पन्ना समिति का सदस्य बनाया गया। यानी वोटर लिस्ट के हर पन्ने का छठा सदस्य बीजेपी की पन्ना समिति का सदस्य बना। इस तरह ज्यादा से ज्यादा वोटर तक पहुंचने का लक्ष्य भी बीजेपी की शानदार जीत का आधार बना।एमपी में दलित, आदिवासी और महिला वोटर बाहुल्य वाली सीटों पर फोकस
बीजेपी ने रणनीति के तहत मध्य प्रदेश में जिन सीटों पर लंबे अरसे से विधायक उम्मीदवार हार रहे थे, उन पर पहले ही कैंडिडेट घोषित करके फोकस किया गया। परिणाम बीजेपी के पक्ष में आए। मध्य प्रदेश में महिला वोटर बाहुल्य सीट पर ज्यादातर बीजेपी को जीत मिली। दलित वर्ग की 35 में से 26 सीट मध्य प्रदेश में बीजेपी जीती है। आदिवासी समुदाय की 35 में से 21 सीटों पर बीजेपी जीती है। ओबीसी वोटर वाली प्रमुख 18 में से 11 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है। जबकि पोस्ट पोल सर्वे कहता है कि ओबीसी वोट भी बीजेपी को कांग्रेस 24 फीसदी ज्यादा मिला है। ऐसा ही लगभग राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी रहा, जहां महिलाओं, आदिवासियों, ओबीसी वर्ग, दलित समुदाय का वोट प्रमुखता से हासिल करके बीजेपी जीती है।राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए अलग रणनीति, अगले साल हैट्रिक की तैयारी
छत्तीसगढ़ के लिए मध्य प्रदेश से अलग तरह की रणनीति बनाई गई। छत्तीसगढ़ में मारे गए भुवनेश्वर साहू के गरीब पिता ईश्वर साहू को उम्मीदवार बनाकर ओबीसी वर्ग के मजबूत वोटबैंक पर फोकस किया गया। इसके अलावा महतारी वंदन योजना के तहत हर साल बारह हजार रुपये देने के लिए लाखों फार्म भरवाने की बीजेपी की रणनीति ट्रंप कार्ड साबित हुई। राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत की जादूगरी का दांव था। महिलाओं को मुफ्त मोबाइल, छात्राओं को फ्री लैपटॉप-टैबलेट, 500 में सिलेंडर, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली समेत सात गारंटी दी गई। लेकिन राजस्थान में जादूगर का कोई डिजाइन नहीं चला, चली तो सिर्फ मोदी की गारंटी। पीएम मोदी ने इसके लिए राजस्थान में 14 रैली और 2 रोड शो करके अधिकांश सीटों को कवर किया। इसका नतीजा बीजेपी की सीटें बहुमत के आंकड़े को पार कर गईं।देश में 57 फीसदी आबादी पर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन का शासन
इस साल डबल हैट्रिक के साथ ही अब देश में 58 फीसदी इलाके और 57 फीसदी आबादी पर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन का शासन हो गया है। भाजपा की अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, गोवा, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार है। इसके अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, मेघालय, नागालेंड, त्रिपुरा और सिक्किम में भी भाजपा सहयोगी पार्टियों के साथ सरकार चला रही है। दूसरी ओर कांग्रेस अपने दम पर सिर्फ तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में ही सिमट गई है। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह साल राजनीतिक दृष्टि से बहुत अच्छा रहा। केंद्र में मोदी सरकार के चलते जहां देश-दुनिया में हमारी उपलब्धियों का डंका बजा, वहीं राज्यों में भी बीजेपी का परचम फहरा। यही वजह है कि बीजेपी की बार-बार हैट्रिक लगाने वाली जनता-जनार्दन 2014, 2019 के बाद 2024 में सत्ता की तीसरी जीत दिलाकर हैट्रिक लगवाएगी।

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