पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। डायमंड हार्बर से टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को भी पेश होने को कहा गया है। दोनों को अलग-अलग दिन पूछताछ के लिए बुलाया गया है। कोल ब्लॉक आवंटन के आरोपों को लेकर अभिषेक बनर्जी को 21 मार्च और रुजिरा बनर्जी को 22 मार्च को पूछताछ के लिए आने को कहा गया है। इसके पहले दोनों को पिछले साल 10 सितंबर, 2021 को समन जारी किए गए थे। ईडी के समन के खिलाफ अभिषेक और उनकी पत्नी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। समन को चुनौती देने वाली याचिका को हाई कोर्ट ने 11 मार्च को याचिका खारिज कर दी थी।
एजेंसी ने दावा किया कि अशोक मिश्रा ने अभिषेक बनर्जी के करीबी रिश्तेदार के लिए भारत से लंदन गैर-बैंकिंग चैनल के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किया था। थाईलैंड में ट्रांसफर हुई राशि रुजिरा बनर्जी से संबंधित थी।
इस मामले में नीरज सिंह के रिकॉर्ड और अन्य डिजिटल सबूतों के आधार पर दावा किया गया है कि अशोक मिश्रा को 2020 में केवल 109 दिनों में अवैध कोयला खनन के माध्मम से 168 करोड़ रुपये मिले। रिकॉर्ड्स से यह भी पता चलता है कि पिछले दो वर्षों में माझी ने अवैध कोयला खनन के माध्मम से 1352 करोड़ रुपये की रकम अर्जित की। इसके पहले सीबीआई ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली से पूछताछ की थी। साली मेनका गंभीर से मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई ने कुछ और रिश्तेदारों को जांच में शामिल होने का नोटिस जारी किया था।
जांच एजेंसी का मानना है कि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से संबंधित अवैध कोयला खनन हजारों करोड़ रुपये का है। एजेंसी को शक है कि इस अपराध से कमाए गए धन का कुछ हिस्सा हवाला के माध्यम से दूसरे देशों में भी भेजा गया था, जिसके चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी इस जांच में शामिल किया गया है। सीबीआई ने इससे पहले पिछले साल 28 नवंबर 2020 में देश में 45 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे थे।