Home विशेष प्रधानमंत्री मोदी के ‘बेनामी बम’ से अघोषित संपत्तियों पर होगा प्रहार!

प्रधानमंत्री मोदी के ‘बेनामी बम’ से अघोषित संपत्तियों पर होगा प्रहार!

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भ्रष्टाचार और कालेधन पर प्रहार करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। बेईमानी के काले कारोबार में लिप्त कंपनियों, संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कदम लगातार उठाए भी जा रहे हैं। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने बेनामी सम्पत्ति कानून को धारदार और असरदार बना दिया है और इसके तहत ही देशभर में बेनामी संपत्ति पर जोरदार अटैक करने की तैयारी की जा रही है।

30 लाख से अधिक मूल्य की रजिस्ट्री पर नजर
आयकर विभाग उन लोगों के नाम खंगाल रहा है जिन्होंने 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एंटी बेनामी ऐक्ट के तहत 30 लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का टैक्स प्रोफाइल मिलाने में जुटा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति कानून के तहत किया जा रहा है।

एक्शन के लिए 24 यूनिट शुरू
केंद्र सरकार उन सभी रास्तों को बंद करने की कवायद कर रही है जिनका इस्तेमाल काले धन को सफेद करने में किया जाता है। कई तरह के स्नोतों से जानकारी खंगाली जा रही है। अगर किसी के पास बेनामी प्रॉपर्टी है या इन्होंने कोई ऐसा वित्तीय लेनदेन किया है, जिसका उनके टैक्स प्रोफाइल से मिलान नहीं है तो उनपर कार्रवाई की जा सकती है। सरकार ने बेनामी कानून का पालन करने के लिए 24 इकाइयां शुरू की हैं।

पैराडाइज पेपर्स मामले में भी होगी कार्रवाई
भारत सरकार का मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमडीजी) उन भारतीय नामों के संबंध में और अधिक जानकारी पाने की कोशिश कर रहा है जिनके नाम पैराडाइज दस्तावेजों से जुड़े हैं। दरअसल कर चोरी से जुड़े दस्तावेजों के लीक होने से पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संगठन आइसीआइजे को बड़ी संख्या में दुनिया भर के दौलतमंदों के नाम हाथ लगे थे। एमडीजी इसमें शामिल भारतीयों के मामले को लेकर जांच कर रहा है।

1833 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की गई

आयकर विभाग ने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई के तहत देशभर में अब तक 1833 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्तियां जब्त की है। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दी है। सीबीडीटी के अनुसार, 1800 करोड़ रुपये से अधिक की 621 संपत्तियां जब्त की गईं। 

इस तरह के सर्वाधिक 136 मामले अहमदाबाद में हुए। भोपाल में 93 मामले, कर्नाटक और गोवा में 76-76 मामले, चेन्नई में 72, जयपुर में 62, मुंबई में 61 और दिल्ली में 55 मामले सामने आए।

क्षेत्र संपत्ति
अहमदाबाद 136
भोपाल 93
कर्नाटक और गोवा 76
चेन्नई 72
जयपुर 62
मुंबई 61
दिल्ली 55

20 हजार से ज्यादा रिटर्न की जांच
आयकर विभाग 20 हजार से अधिक संदिग्ध आईटी रिटर्न की जांच कराएगा। नोटबंदी से पहले और बाद में इन लोगों के रिटर्न में भारी अंतर देखने को मिला है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। विभाग ने 20,572 आईटी रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। इनके अलावा विभाग ने कर चोरी की सबसे अधिक आशंका वाले एक लाख रिटर्न की भी पहचान की है, जिनकी जांच की जा सकती है।

23.22 लाख संदिग्ध खातों की पहचान
नोटबंदी के बाद 23.22 लाख खातों में से 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है। इनमें 3.68 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई। इन मामलों में संबंधित लोगों को नोटिस भेजा गया। इनमें से 11.8 लाख ने ऑनलाइन माध्यमों से जवाब दाखिल कर दिया है।

900 सर्च अभियान चलाए गए
आयकर विभाग ने 9 नवंबर 2016 से लेकर मार्च 2017 के बीच करीब 900 सर्च अभियान चलाए थे। इसमें 900 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी, जिसमें 636 करोड़ रुपये की नकदी शामिल है। इस दौरान 7961 करोड़ रुपये की ऐसी संपत्ति का पता चला जिसका खुलासा नहीं किया गया था।

दो लाख से ज्यादा फर्जी कंपनियों का पंजीकरण रद्द
नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने में लगी 2.24 लाख फर्जी (शेल) कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। 3.09 लाख शेल कंपनियों के निदेशकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है। नोटबंदी के बाद इन कंपनियों में नवंबर-दिसंबर 2016 के दौरान 1238 करोड़ रुपये नकद जमा हुए। देश में करीब 15 लाख कंपनियां रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 09 लाख कंपनियां आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करतीं।

नोटबंदी के बाद पैन आवेदनों की संख्या बढ़ी
सीबीडीटी के अनुसार नोटबंदी के बाद पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि बीते वर्ष नवंबर से पहले हर महीने लगभग ढाई लाख पैन आवेदन किए जाते थे, जबकि नोटबंदी के बाद हर महीने यह संख्या बढ़कर औसतन 7.5 लाख हो गई।

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