वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर अक्सर अपने बयानों और हरकतों से चर्चा में रहते हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर वे पूर्वाग्रह से ग्रसित भी रहते हैं। इसकी पुष्टि उन्होंने कई मौकों पर की है। लेकिन इस बार उनका पूर्वाग्रह उनके लिए भारी पड़ गया है। दरअसल बांग्लादेश में प्रधानमंत्री मोदी के एक भाषण पर टिप्पणी कर थरूर बुरे फंस गए। इस टिप्पणी के लिए थरूर को माफी मांगनी पड़ी है। आइये जानते हैं कि आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा था और इस बयान पर थरूर ने क्या टिप्पणी की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की स्वर्ण जयंती और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में बांग्लादेश की आजादी के लिए खुद सत्याग्रह करने की बात कही थी। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर शशि थरूर ने आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया कि सब जानते हैं कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया है।
थरूर को लगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश की आजादी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र ही नहीं किया। हालांकि जब उन्हें पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी ने इंदिरा गांधी का जिक्र किया था तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने अपने ट्वीट पर तुरंत माफी भी मांग ली। उन्होंने लिखा, “जब मैं गलत होता हूं तो इसको स्वीकारने में मुझको बुरा नहीं लगता है। कल मैंने जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर प्रतिक्रिया दी थी। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया। जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया। सॉरी!”
I don’t mind admitting when I’m wrong. Yesterday, on the basis of a quick reading of headlines &tweets, I tweeted “everyone knows who liberated Bangladesh,” implying that @narendramodi had omitted to acknowledge IndiraGandhi. It turns out he did: https://t.co/YE5DMRzSB0 Sorry!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 27, 2021
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल परेड स्क्वायर पर बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक है। उस वक्त मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी। मैंने अपने कई साथियों के साथ बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और समर्थन में गिरफ्तारी दी थी।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के इसी हिस्से पर थरूर ने टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय ज्ञान: हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फर्जी खबर का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया। थरूर का इशारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर था।
International education: our PM is giving Bangladesh a taste of Indian “fake news”. The absurdity is that everyone knows who liberated Bangladesh. https://t.co/ijjDRbszVd
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 26, 2021
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के लिए भारत के कोने-कोने से समाज के हर वर्ग ने समर्थन दिया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधीजी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पूरी दुनिया जानती है। उसी दौर में छह दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम इतिहास को नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं।