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पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए पत्रकार अवनि डायस ने संविधान को लेकर बोला झूठ, ABC News ने गलती कबूली

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लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए भारतीय विपक्षी पार्टियों और विदेशी ताकतों ने तमाम तरह के जतन किए और चुनाव संपन्न होने के बाद भी इनका अभियान जारी है। 4 जून को चुनाव के नतीजे आने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रहे थे उस दौरान भी फेक न्यूज फैलाया गया। आस्ट्रेलियाई मीडिया ABC News की पत्रकार अवनि डायस ने 5 जून को फेक न्यूज फैलाया कि भारत के मूल संविधान में सेकुलर’ शब्द पहले से मौजूद था। अब एबीसी न्यूज ने इसे लेकर अपनी सफाई दी है। एबीसी ने माना है कि अवनि डायस ने भारत के संविधान के बारे में दर्शकों को गुमराह किया। एबीसी न्यूज ने स्वीकार किया कि अवनि डायस ने ‘भारत की आजादी के साथ ही ‘सेकुलर’ शब्द संविधान का हिस्सा है’ का जो दावा किया था, वो झूठा है। एबीसी न्यूज ने सफाई देते हुए कहा कि ‘नरेंद्र मोदी पर बने डॉक्यूमेंट्री, जिसे 5 जून को पब्लिश किया गया था, उसमें ‘भारत के मूल संविधान में सेकुलर’ होने का दावा गलत था।’

फेक न्यूज पर एबीसी न्यूज ने दिया स्पष्टीकरण
एबीसी न्यूज ने फेक न्यूज पर 27 जून को अपने स्पष्टीकरण में लिखा, ‘भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1960 के दशक के दौरान पुष्टि की थी कि धर्मनिरपेक्षता भारत के 1950 के संविधान की एक बुनियादी विशेषता है, इस शब्द को 1976 में एक संवैधानिक संशोधन में जोड़ा गया, जिससे भारत का वर्णन “संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य” से बदलकर “संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य” हो गया।’

भारत विरोधी शक्तियां पीएम मोदी को बदनाम करने में जुटीं
इस विवाद की शुरुआत 5 जून को हुई थी, जब एक तरफ पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे, तो दूसरी तरफ भारत विरोधी शक्तियां भारत सरकार और खासकर मोदी सरकार को बदनाम करने के प्रयास में लगातार जुटी हुई थीं। इन्हीं प्रयासों में एक है ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) की पत्रकार अवनि डायस द्वारा झूठ फैलाने का प्रयास, जिसमें अवनि ने 5 जून 2024 को भारत के संविधान के बारे में फर्जी बातें प्रसारित की। इससे साफ है कि भारत विरोधी शक्तियां भारत को बदनाम करने में आज भी जुटी हुई हैं।

फेक न्यूज फैलाने के लिए अवनि ने बनाया था वीडियो
अवनि ने दावा किया था कि ‘धर्मनिरपेक्षता’ भारतीय संविधान का अहम हिस्सा है, वो भी अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद यानी 1947 से। अवनि ने ‘नरेंद्र मोदी से पहले के भारत की कहानी’ हेडलाइन के साथ एक वीडियो बनाकर ये बताने की कोशिश की कि भारत में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की धर्मनिरपेक्षता किस तरह के खतरे में है। वीडियो में अवनि डायस ने कहा, “आपको बता दें कि जब 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारत की स्थापना हुई थी, तो इसके संविधान में लिखा गया था कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसका मतलब है कि धर्म के आधार पर देश में सभी को आजादी होनी चाहिए।” अवनि ने दावा किया था कि भारत के संविधान में सेक्युलर शब्द पेज नंबर 33 पर बड़े अक्षरों में लिखा है।

अवनि ने 1947 में ही लागू करवा दिया संविधान
अपने एजेंडे के दौरान पत्रकार अवनि ये भूल गई कि भारत का संविधान 1947 में लागू नहीं हुआ और जब भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, तब सेक्युलर शब्द उस संविधान का हिस्सा ही नहीं था। भारत का संविधान 1947 में नहीं, बल्कि तीन साल बाद 1950 में लागू हुआ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा 1976 में (आपातकाल के काले दिनों के दौरान) बनाया गया।

अवनि डायस ने वीजा नहीं मिलने का झूठ फैलाया
पहले भी विवादों में रही अवनि डायस ने अप्रैल 2024 में ट्विटर पर दावा किया था कि मोदी सरकार ने उनका वीजा नहीं बढ़ाया, जिसकी वजह से उन्हें भारत छोड़ना पड़ा। अवनि ने दावा किया कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि उनकी रिपोर्टिंग सरकार को पसंद नहीं आ रही थी। हालांकि ये पूरी तरह से झूठ था, क्योंकि उन्होंने जैसे ही वीजा के लिए अप्लाई किया, उनका वीजा 2 माह के लिए बढ़ा दिया गया था। लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह भारत से आस्ट्रेलिया चली गई थी।

अवनि ने हरदीप निज्जर पर भी बनाई थी डॉक्यूमेंट्री
इससे पहले अवनि डायस ने कनाडा में हरदीप निज्जर की हत्या को भारत से जोड़ने की कोशिश करते हुए एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिस पर भारत सरकार रोक लगा चुकी है। ये डॉक्यूमेंट्री न सिर्फ तथ्यात्मक रूप से गलत थी, बल्कि भारत के संवेदनशील सीमाई इलाकों में गलत तरीके से फिल्माई गई थी। उन लोकेशन पर शूट करने के लिए गलत तरीके से अनुमति हासिल की गई थी, जिसका बीएसएफ ने भी विरोध किया था।

अयोध्या पर गलत रिपोर्टिंग की हुई थी आलोचना
अवनि डायस अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुई थी। हालांकि, अवनी ने अयोध्या में जो रिपोर्टिंग की, उसमें गलत तथ्यों को लेकर भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समुदाय ने उनकी आलोचना की थी। सोशल मीडिया पर भी उनकी गलतियों को बताया गया लेकिन अवनि ने यह मानने से इनकार कर दिया कि उन्होंने कोई गलती की है।

भारत विरोधी और सनातन विरोधी है अवनि डायस
अवनि डायस भारत विरोधी, सनातन विरोधी लेखों के लिए जानी जाती है। उसने कई बार प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की, लेकिन हर बार एक्सपोज होती रही। मार्च 2024 में अवनि डायस ने ब्रिसबेन में स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों के हमले को नकारते हुए कट्टरपंथियों को क्लीनचिट देने की कोशिश की थी। उसने इसे हिंदू समूहों का ही हमला करार दे दिया था। उनके दावों को खुद ऑस्ट्रेलियन हिंदू मीडिया ने एक्सपोज कर दिया था।

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