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पश्चिम बंगाल में सच छुपाने का दौर, यौन पीड़ित महिलाओं को जमीन-पैसे से चुप करने की कोशिश, ममता के मंत्रियों पर भड़की महिलाएं बोली- इज्जत की कीमत मत लगाओ, कोर्ट ने दोबारा फटकारा

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पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल लाने वाले संदेशखाली में हुए महिला यौन उत्पीड़न के मामले को दबाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। राज्य की ममता बनर्जी की सरकार इन प्रयासों में लगी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पश्चिम बंगाल के दौरे से पहले किसी न किसी तरह यह मुद्दा दफन हो जाए। इसलिए पुलिस से लेकर प्रशासनिक अफसरों को विशेष हिदायतें दी गई हैं। यही वजह है कि एक ओर पुलिस पीड़ित महिलाओं की सुनवाई नहीं कर रही है, दूसरी ओर अस्थायी कैंपों में एक हफ्ते में 1300 से ज्यादा शिकायतें आई हैं। अफसरों का कहना है कि इनमें जमीन हड़पने की 400 से ज्यादा शिकायतें हैं। जब मीडिया उनसे महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों के बारे में पूछते हैं तो अफसर चुप्पी साध जाते हैं। उनका मौन बताता है कि यौन उत्पीड़न पर घिरी राज्य सरकार अब किस तरह इस सच को छिपाना चाहती है।महिलाओं ने ममता के मंत्रियों को घेरा, बोलीं- इज्जत की कीमत मत लगाओ?
संदेशखाली मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों में घिरीं ममता ने 10 मार्च को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की रैली बुलाई है। इस बीच सच पर पर्दा डालने के लिए सरकार के दो मंत्री रविवार को संदेशखाली के हालदारपाड़ा पहुंचे। जब बंगाल सरकार के दो मंत्री पार्थ भौमिक और सुजित बसु महिलाओं के बीच पहुंचे तो वे उन पर बुरी तरह बरस पड़ीं। दरअसल, मंत्रियों ने इन्हें मुआवजे के तौर पर कुछ राशि और जमीन का बकाया पैसा दिलाने का आश्वासन दिया तो महिलाएं आक्रोशित हो गईं। उन्होंने कहा कि क्या सरकार मामूली पैसा देकर हमारी इज्जत की कीमत लगा रही है? थोड़ी देर बाद जब टीएमसी का एक और नेता अजीत मैती पहुंचा तो लोग उसे मारने दौड़े। अजीत 4 घंटे एक घर में छिपा रहा। बाद में पुलिस ने उसे बचाया। अजीत मुख्य आरोपी शाहजहां शेख का स्थानीय गुर्गा है।पुलिस दर्ज नहीं कर रही शिकायतें, फैक्ट फाइंडिंग टीम को जांच से रोक दिया
सरकार, मंत्री और अफसरों के साथ ही पुलिस भी संदेशखाली के सच पर पर्दा डालने में जुट गई है। यौन उत्पीड़न की प्रताड़ित महिलाओं की शिकायतों को दर्ज करने पर एक अघोषित सी रोक लगा दी गई है, जिससे स्थानीय महिलाओं और लोगों में पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश है। इतना ही नहीं रविवार को तो इलाके का दौरा करने पहुंची स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों तक को पुलिस के अधिकारियों ने जबरन ही रोक दिया। टीम में पटना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जैसे नामी सदस्य भी शामिल हैं। इसके बावजूद स्वतंत्र टीम को पुलिस द्वारा रोकने से विवाद की नौबत आ गई। यहां तक कि विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में ले लिया। इस पर स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।अनुसूचित जनजाति आयोग को मिलीं यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर अफसर मौन
दूसरी ओर अधिकारियों की चुप्पी सारे मामले पर सरकार की भूमिका पर और संदेह बढ़ाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संदेशखाली के ब्लॉक- 1 के बीडीओ अरुण कुमार सामंत से जब यौन उत्पीड़न की शिकायतों के बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि यह तो मैं नहीं बता सकूंगा। कैंप खत्म होने का इंतजार कीजिए। जबकि एक दिन पहले अनुसूचित जनजाति आयोग ने बताया था कि उसके पास ही आदिवासी महिलाओं से यौन उत्पीड़न की 50 से ज्यादा शिकायतें आई हैं। कई और महिलाएं शिकायत लेकर भटक रही हैं। सामंत से जब इस बारे में पूछा तो वे नाराज ही गए और कहा कि तो आप आयोग से ही लिस्ट ले लो। लीजिए। फिलहाल कैंप में मौजूद कोई भी अफसर यौन उत्पीड़न के मामलों का आंकड़ा नहीं दे रहा। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने यौन उत्पीड़न के बारे में अफसरों को चुप रहने को कहा है। एक दिन पहले संदेशखाली पहुंचे सीएम ममता बनर्जी के मंत्रियों ने महिलाओं से मुलाकात के बाद अफसरों को चुप रहने के निर्देश दिए थे। यहां कई महिलाओं ने मंत्रियों का विरोध किया था।मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को कोर्ट ने जमानत दी तो भाग जाएगा लंदन
दूसरी ओर संदेशखाली के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील ने कोर्ट में कहा कि ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले का आरोपी मास्टरमाइंड और फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को अगर अग्रिम जमानत दे दी जाएगी, तो वह लंदन भाग सकता है। ईडी के वकील ने तर्क दिया कि शाहजहां शेख इतना प्रभावशाली है कि हमले के दिन उसने संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला शुरू करने के लिए केवल 15 मिनट के अंदर लगभग 3,000 लोगों की भीड़ जुटा ली थी। ईडी के वकील ने तर्क दिया, “बाद में हमें उसके मोबाइल फोन के टावर लोकेशन से पता चला कि वह उस वक्‍त अपने आवास पर था। हमला उसके सामने हुआ था। इससे पता चलता है कि वह इलाके में कितना प्रभावशाली है।” ईडी के वकील ने यह दलील भी दी कि अगर शाहजहां निर्दोष है, तो हमले के दिन से ही फरार क्यों है? दूसरी ओर उत्तर 24 परगना जिले में अशांत संदेशखालि के कुछ हिस्सों में फिर से विरोध प्रदर्शन हुए। आक्रोशित स्थानीय लोगों ने दोषियों के प्रति पुलिस की कथित निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन करने के अलावा आरोपी तृणमूल नेताओं की संपत्ति में आग लगाकर अपना गुस्सा व्यक्त किया। इसके बाद पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार मौके पर पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया।

संदेशखाली केस-हाईकोर्ट ने दूसरी बार बंगाल सरकार को फटकारा
कलकत्ता हाईकोर्ट से संदेशखाली के मामले में दूसरी बार फटकार मिली है। सोमवार को ममता बनर्जी सरकार से कहा कि संदेशखाली केस में TMC लीडर शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया जाए। पहले भी कोर्ट ने कहा था कि शाहजहां ही विवाद की जड़ है, उसको क्यों नहीं गिरफ्तार करते। हाईकोर्ट में एक वकील ने याचिका लगाई थी कि कई लोग संदेशखाली जा रहे हैं। कुछ को गिरफ्तार किया जा रहा है, तो कुछ को मालाएं पहनाई जा रही हैं। वकील ने अपील की कि हाईकोर्ट संदेशखाली की जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी गठित करे। कोर्ट ने कहा- हम ऐसा करेंगे, लेकिन हम चाहते हैं कि राज्य सरकार, पुलिस, CBI और ED कोर्ट में मौजूद रहे। साथ ही अब तक फरार चल रहा जिला परिषद अध्यक्ष शेख शाहजहां भी। उसने एंटीसिपेटरी बेल के लिए एप्लिकेशन दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने पुलिस को फटकारते हुए कहा- 4 साल पुराना मामला है। FIR को चार्जशीट में तब्दील होने में 4 साल लग गए?

शाहजहां को गिरफ्तार करो, TMC प्रवक्ता बोले, 7 दिन में करेंगे
कोर्ट की फटकार के कुछ घंटे बाद TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि शाहजहां शेख को 7 दिन के अंदर अरेस्ट कर लिया जाएगा। संदेशखाली में TMC नेता शेख और उसके 2 साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर महिलाओं के साथ गैंगरेप का आरोप है। पुलिस ने अब तक शिबू हाजरा और उत्तम सरदार समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि शाहजहां अब तक फरार है। शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर रेड की थी। तब शाहजहां के 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा था। तभी से शाहजहां शेख फरार है। हालांकि संदेशखाली के लोगों का कहना है कि वो कहीं नहीं गया, यहीं है।

स्मृति ईरानी ने कहा- राहुल गांधी ने इस मामले में अब तक कुछ नहीं कहा
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि संदेशखाली में जो हुआ वह किसी भी भारतीय की समझ से परे है। राहुल गांधी पर किए अपने कमेंट में स्मृति ने कहा- कांग्रेस के लोग संदेशखाली जाकर बात करना चाहते हैं, लेकिन शहजादा जो अभी भी राजनीति के चक्रव्यूह में खोए हुए हैं, उन्होंने इस मामले पर एक शब्द भी नहीं कहा है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जिन महिलाओं ने सालों तक ममता का समर्थन किया, आज उन्हें घरों से किडनैप कर उनका रेप किया जा रहा है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी संदेशखाली जाने के लिए एक बार फिर कलकत्ता हाईकोर्ट गई है। भाजपा नेताओं को बंगाल पुलिस ने संदेशखाली जाने की इजाजत नहीं दी थी। स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग टीम रविवार को संदेशखाली का दौरा करने गई थी, लेकिन टीम के सदस्यों को पुलिस ने रोक दिया। विवाद बढ़ा तो छह लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

जानिए, टीएमसी नेता शाहजहां कैसे मजदूर से माफिया बन गया
आरोपी शाहजहां संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था। सब्जी भी बेची। फिर ईंट-भट‌्ठे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा। सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में वो तृणमूल के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया। जिस राशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय शाहजहां को खोज रहा है, उसी केस में मलिक जेल में हैं। गांव वालों ने बताया कि शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्‌ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं। वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है।

 

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