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बज गया लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल, मतदान और नतीजे की तारीखों का ऐलान, 7 चरणों में होगी वोटिंग

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लोकसभा चुनाव की प्रतीक्षा की घड़ियां खत्म हो चुकी हैं। चुनाव आयोग ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आम चुनाव का बिगुल बजा दिया है। पूरे देश में सात चरणों में मतदान कराने का ऐलान किया है। चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत 20 मार्च से होगी। 19 अप्रैल से 1 जून तक मतदान होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे। इसके साथ ही पूरे देश में आदर्श चनाव आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ-साथ चार राज्यों ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा की है। तारीखों के ऐलान से पहले ही राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करना शुरू कर दिया था। बीजेपी उम्मीदवार घोषित करने में सबसे आगे रही है।

2024 में सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव 

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, नवनिर्वाचित चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने आज (16 मार्च, 2024) को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। सात चरणों में मतदान होंगे। 20 मार्च, 2024 को पहले चरण की अधिसूचना जारी होगी। 27 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीख और 30 मार्च को उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी। 19 अप्रैल से मतदान की शुरुआत होगी। 4 जून, 2024 को नतीजे आएंगे। 19 अप्रैल को पहला चरण, 26 अप्रैल को दूसरा, 7 मई को तीसरा चरण, 13 मई को चौथा चरण, 20 मई को पांचवा चरण, 25 मई को छठा चरण और 1 जून को सातवां चरण होगा। 19 अप्रैल को सिक्किम, 19 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश और 13 मई को आंध्र प्रदेश में एक चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं ओडिशा में चार चरणों 13 मई, 20 मई, 25 मई, 1 जून को मतदान होगा। देश के कई राज्यों के 26 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे।

लोकसभा चुनाव में 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक इस चुनाव में 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जो कुछ महाद्वीपों के संयुक्त मतदाताओं से भी अधिक है। युवा मतदाताओं की संख्या 19.74 करोड़ है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए पूरे देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 2100 पर्यवेक्षक चुनाव प्रकिया पर नजर रखेंगे। चुनाव प्रक्रिया में 1.5 करोड़ मतदान अधिकारी और सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे। मतदान के लिए 55 लाख से अधिक ईवीएम और 4 लाख वाहन इस्तेमाल किए जाएंगे।

पहला चरण : 19 अप्रैल को 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान

अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी की कुल 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

दूसरा चरण : 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 89 सीटों पर मतदान

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होगा।

तीसरा चरण : 7 मई को 12 राज्यों की 94 सीटों पर मतदान

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दादर नागर हवेली और दमन दीव की कुल 94 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

चौथा चरण : 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान

आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 96 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

पांचवां चरण : 20 मई को 8 राज्यों की 49 सीटों पर मतदान

छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रेदश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, लद्दाख की 49 सीटों पर मतदान होगा।

छठ चरण : 25 मई को 7 राज्यों की 57 सीटों पर मतदान

बिहार, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की कुल 57 सीटों पर मतदान होगा।

सातवां चरण : 1 जून को 8 राज्यों की 57 सीटों पर मतदान

बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़ की कुल 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू

चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुका है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार के तहत चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता विकसित की है, जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए मानदंड स्थापित करती है। इसका उद्देश्य सभी दलों को चुनाव लड़ने के लिए एक जैसे ही अवसर देना है। इसके लागू होते ही सरकारी घोषणाओं पर रोक लग गई है। इसके तहत मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने पर प्रतिबंध लग गया है। अब सिविल सेवकों को छोड़कर, मंत्री या नेता शिलान्यास करने और परियोजनाओं या योजनाओं की शुरुआत नहीं कर सकते हैं। सरकारी या सार्वजनिक उपक्रमों में एड हॉक नौकरियां, जो सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है, उस पर भी रोक लग गई है। चुनाव में विवादित बयान देने, फर्जी खबरों, जाति और धर्म के आधार पर मतदान के लिए अपील करने पर रोक लगाई गई है।

उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में बीजेपी सबसे आगे

राजनीतिक दलों ने आम चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है। बीजेपी अब तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है।  कांग्रेस ने चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दो सूचियां जारी की हैं। अब तक बीजेपी 267 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। इसके बाद कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 39 और दूसरी लिस्ट में 43 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं।

2019 में सात चरणों में हुए थे लोकसभा चुनाव

पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव की घोषणा 10 मार्च को की गई थी। चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में करवाए गए थे। जबकि 23 मई को रिजल्ट आया था। उस चुनाव के वक्त देश में 91 करोड़ से ज्यादा वोटर्स थे, जिनमें 67 प्रतिशत ने वोट डाला था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की थी। बीजेपी ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, एनडीए ने 353 सीटें हासिल की थीं। बीजेपी को 37.7 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि एनडीए को 45 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए थे। कांग्रेस ने 2014 की तरह ही खराब प्रदर्शन किया और 52 सीटों से संतोष करना पड़ा।

2014 में नौ चरणों में हुए थे लोकसभा चुनाव

2014 में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 5 मार्च को हुआ था। चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई तक 9 चरणों में हुए थे। चुनाव मैदान में 8,251 उम्मीदवार थे। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया था। वह स्वतंत्र भारत के 67 साल के इतिहास में जादुई संख्या को पार करने वाली पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी बनी थी। कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं और मान्यता प्राप्त विपक्ष बनने के लिए लोकसभा में 10 प्रतिशत यानी 55 सीटें हासिल नहींं कर पाई थीं।

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