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केजरीवाल सरकार की आंखें बंद : दिल्ली पुलिस का खुलासा….‘मुफ्तखोर’ मुसलमानों की जहांगीरपुरी के साथ उत्तरी दिल्ली में भी दंगे कराने की थी साजिश

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फाइल फोटो

दिल्ली में केजरीवाल सरकार बंद आंखों से दंगों का तमाशा देखने में लगी है। दो साल पहले हुए दंगों में उसकी नींद नहीं खुली तो अब फिर जहांगीरपुरी में दंगे हो गए। दिल्ली सरकार की इंटेलिजेंस इस कदर फेल है कि उसे यह भी पता नहीं लग पाया कि जहांगीरपुरी दंगों की साजिश रचने वाले जहांगीरपुरी के साथ-साथ उत्तरी दिल्ली में दंगा करवाना चाहते थे। इसके लिए उत्तरी दिल्ली में एक जगह पर भारी संख्या में लोग एकत्रित कर लिए गए थे। लेकिन केंद्र के अधीन आने वाली पुलिस की सक्रियता के चलते साजिशकर्ता आगे कुछ नहीं कर पाए। वरना केजरीवाल सरकार तो जहांगीरपुरी इलाके में आरोपियों समेत कई लोगों को मुफ्त की योजनाओं का लाभ देने में लगी है।

जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी तबरेज आलम की राजनीतिक महत्वाकांक्षा थीं
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में पिछले महीने हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जहांगीरपुरी दंगों की साजिश रचने के आरोपी जहांगीरपुरी से बाहर भी दिल्ली में दंगा करवाना चाहते थे। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब जांच में खुलासा हुआ है कि अंसार के साथ जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी तबरेज आलम की राजनीतिक महत्वाकांक्षा थीं। वह कांग्रेस पार्टी का नेता है और कांग्रेस के बैनर पर दिल्ली नगर निगम के चुनाव लड़ना चाहता था। वह अंसार के साथ जहांगीरपुरी के लिए भोले-भाले लोगों को भड़काता रहता था।

पिता की मौत के बहाने उत्तरी दिल्ली में 500 लोगों को जमा किया था
अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि ये लोग चाहते थे कि सी-ब्लाक, जहांगीरपुरी होकर शोभा यात्रा न निकले। इसके लिए इन्होंने पूरी तैयारी कर ली थी। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी इसके साथ ही जहांगीरपुरी से बाहर भी हिंसा करने की साजिश रच रहे थे। ताकि पुलिक का ध्यान इधर के भटक सके। पुलिस के मुताबिक एक आरोपी के पिता की दंगों के समय उत्तरी दिल्ली में सदर बाजार के पास मौत हो गई थी। पिता की मौत का बहाना कर करीब 500 लोगों को एकत्रित कर लिया गया था। बताया जा रहा है कि समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया था। जहांगीरपुरी हिंसा के केस में अभी तक तीन नाबालिग समेत 37 लोग पकड़े जा चुके हैं।

जहांगीरपुरी हिंसा का आरोपी अंसार लोगों को धमकाकर करता था वसूली भी
पुलिस अधिकारी के मुताबिक वह जहांगीरपुरी में अंसार के साथ ही रहता था। अंसार इलाके के लोगों को धमकाकर उनसे उगाही करता था। वह लोगों को उनके अवैध निर्माण व अवैध गतिविधियों को बंद कराने के नाम पर धमकाता था। अंसार व तबरेज आलम दोनों ही स्थानीय नेता थे। अंसार व तबरेज ने इलाके के करीब दस लोगों के साथ जहांगीरपुरी हिंसा की साजिश रची थी। अपराध शाखा के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जहांगीरीपुरी हिंसा के एक और आरोपी अब्दुल (25) को गिरफ्तार किया गया है। अब्दुल को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया गया है। उसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज से हुई है और आरोपी अपने घर से फरार था। आरोपी अब्दुल ने जहांगीरपुरी दंगों में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

कुख्यात सट्टेबाज है अंसार, पहले से दर्ज हैं कई FIR
गिरफ्तार किया गया मास्टरमाइंड अंसार जहांगीरपुरी का कुख्यात सट्टेबाज है। उस पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने अपनी FIR में लिखा है कि अंसार ही डी-ब्लॉक जामा मस्जिद के पास शोभायात्रा पहुंचने पर इपने 4-5 अन्य लोगों के साथ पहुंचा था और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस की थी। इसके बाद ही हिंसा भड़की थी। दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में पुलिस ने सोमवार को एक और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही अब गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। पुलिस विभिन्न वीडियो की जांच कर आरोपियों को पहचानने और गिरफ्तार करने का काम कर रही है।

‘दंगा संयोजक’ केजरीवाल की दोगली राजनीति उजागर, आप नेता अंसार साजिशकर्ता

काबिले जिक्र है कि जहांगीरपुरी दंगों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कलई पहले ही खुल चुकी है।  केजरीवाल दंगे के लिए दूसरों को दोषी ठहरा रहे हैं और दंगे का मास्टर माइंड अंसार आम आदमी पार्टी का ही नेता है। जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता अंसार ने चुनावों में आप के लिए प्रचार भी किया था। केजरीवाल और उनकी पार्टी वोटों के लालच में जिन बांग्लादेशी रोहिंग्या मुस्लिमों का पक्ष लेते रहे हैं, उन्हें दिल्ली में बसाते रहे हैं…अब जहांगीरपुरी की हिंसा के दौरान यही बांग्लादेशी मुसलमान अन्य लोगों के साथ हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा पर पथराव करते नजर आए। इस पर केजरीवाल ने होंठ सिल लिए हैं। इस दौरान फायरिंग और आगजनी की घटनाएं भी हुईं, जिनके वीडियो वायरल हो रहे हैं। इस बीच दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 48 घंटे के भीतर फिर से पथराव हुआ है। दिल्‍ली पुलिस की टीम वहां सोनू चिकना उर्फ इमाम को पकड़ने गई थी। एक महिला से टीम बात कर ही रही थी कि अचानक ईंट-पत्‍थर चलने लगे। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

दंगे के आरोपी का नाम सामने आते ही केजरीवाल की बोलती बंद
दिल्ली विधानसभा में राज करने के लिए दिल्ली हमारी है….का दंभ भरने वाले केजरीवाल अब अपनी आदत के मुताबिक दिल्ली दंगों के लिए केंद्र को दोषी ठहराने में लगे हैं। केजरीवाल विधानसभा में चीख-चीखकर दिल्ली के मालिक होने का दावा करते हैं, लेकिन जब दिल्ली को सांप्रदायिक दंगे में झोंकने सवाल आता है तो वो बगलें झांकने लगते हैं। दो साल पहले भी उन्होंने ऐसा ही किया था और इस बार भी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ध्यान रहे कि इसके पहले दिल्ली दंगा 2020 में भी आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन का नाम सामने आया था जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी। आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेता उसका बचाव कर रहे थे, जबकि अब सबूत सामने आ चुके हैं कि उसके घर से हिंसा की साजिश रची गई थी और उसके घर से विस्फोटक सामान और पत्थर मिले थे जिससे हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया गया था। ताहिर हुसैन इस समय जेल में बंद है और मुकदमे का सामना कर रहा है।

दिल्ली दंगों के साजिशकर्ता ने विधानसभा चुनाव में आप पार्टी के लिए किया था प्रचार
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता अंसार आम आदमी पार्टी का नेता है। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता सारिका जैन ने ट्वीट कर कहा कि अंसार ने आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव में प्रचार तक किया है। वह दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप पार्टी के विधायक के लिए चुनाव प्रचार का काम करता रहा है। अब वह क्षेत्र के एक प्रभावशाली आम आदमी पार्टी के नेता के विशेष सहयोगी के रूप में क्षेत्र में काम कर रहा है। उन्होंने अंसार की दो फोटो भी शेयर किया है जिसमें अंसार आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए चुनाव प्रचार कर रहा है। इसमें उसके साथ पार्टी के कुछ अन्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं। भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी का अपराधियों से कनेक्शन सामने आ गया है और अब जनता को समझना चाहिए कि वह दिल्ली सरकार की मुफ्त की योजनाओं की किस रूप में कीमत चुका रही है।

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 इमाम ने स्वीकारा शोभायात्रा के दौरान की थी फायरिंग, पुलिस ने किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस जहांगीरपुरी हिंसा मामले में वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है। 17 अप्रैल को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें 28 साल का सोनू नीले कुर्ते में फायरिंग करता दिख रहा था। वीडियो के आधार पर पुलिस ने आरोपी की तलाश कर उसे दबोच लिया है। सोनू ने कबूल किया है कि 16 अप्रैल को उसने कुशल चौक के पास गोलियां चलाई थीं। हिंसा के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। इसके चलते दिल्ली पुलिस ने अमन कमेटी के सदस्यों के साथ जहांगीरपुरी इलाके में शांति मार्च निकाला। पुलिस और अमन समिति ने लोगों से अपील की कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखें।

 

मस्जिद की छत से शुरू हुई पत्थरबाजी, सरकारी राशन की गाड़ी लूटी
पुलिस का दावा है कि शुरुआती जांच के मुताबिक पत्थरबाजी की शुरुआत मस्जिद की छत से हुई थी। घटनाक्रम के मुताबिक, जहांगीरपुरी में डी ब्लॉक के लोगों ने ये शोभायात्रा जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन के पास से शुरू की थी और सी ब्लॉक होते हुए कुशल सिनेमा के पास पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, उसी दौरान उन पर अचानक एक मस्जिद से बड़ी संख्या में पत्थर बरसने शुरू हो गए। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने न केवल पत्थरबाजी की बल्कि गाड़ियों में आगजनी करते हुए सरकारी राशन की गाड़ी को भी लूटा। पथराव और फायरिंग से हिंसा भड़काने की कोशिश की गई। पुलिस के मुताबिक, 14 गिरफ्तार आरोपियों के अलावा लगभग 30 लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया है।

पत्थरबाजी करने में उपद्वियों को बच्चों का इस्तेमाल करने में भी कोई शर्म नहीं
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान उपद्वियों के हौंसले अब इतने बुलंद हो गए हैं कि पथराव के बाद अब वे फायरिंग तक पर उतारू हो गए हैं। हालांकि पुलिस ने हिंसा के मास्टरमाइंड माने जा रहे अंसार और फायरिंग करने वाले इमाम समेत कुल 25 लोगों गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नाबालिग भी हैं। यानी शोभायात्रा पर पत्थरबाजी करने में उपद्वियों को बच्चों का इस्तेमाल करने में भी कोई शर्म महसूस नहीं हुई। गिरफ्तार आरोपियों में से एक असलम की पहचान घायल सब इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा को गोली मारने वाले के तौर पर हुई है। उससे एक देशी पिस्टल भी बरामद की गई है। पथराव व आगजनी के अन्य आरोपियों की भी पहचान हो रही है।

 

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