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तीन साल बाद भी मोदी लहर बरकरार, चुनाव हुए तो फिर मोदी सरकार

सर्वे ने कहा पीएम मोदी अब भी हैं देश का मूड

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के तीन साल बाद जहां सरकार अपनी उपलब्धियों की बात कह रही है वहीं विपक्ष सरकार की कमियां निकालने में लगा है। इन सबके बीच एबीपी न्यूज-सीएसडीएस-लोकनीति ने सर्वे कराया है जिससे यह साफ है कि देश की जनता का भरोसा पीएम मोदी पर बना हुआ है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी लोकसभा के चुनाव होते हैं तो फिर से केंद्र में मोदी के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। सर्वे के अनुसार अभी चुनाव हुए तो एनडीए को 331 सीटें मिल सकती है। दूसरी तरफ नवभारत टाइम्स और टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड की 9 अन्य वेबसाइट्स पर किए गए महापोल में भी देश की जनता का मूड नरेंद्र मोदी ही हैं। 

पूर्वी भारत में एनडीए को बढ़त
बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, पूर्वोत्तर के राज्यों में एबीपी न्यूज CSDS-लोकनीति सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार बढ़त बनाई हुई है। मोदी सरकार के कामकाज से लोग खुश हैं। यदि अभी चुनाव हो तो पूर्वी भारत के 142 सीटों में एनडीए को 71, यूपीए को 25 और अन्य को 46 सीटें मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर कहें तो 2014 की तुलना में पूर्वी भारत में करीब 16 सीटें अधिक मिल सकती हैं।

पूर्वी भारत में वोट शेयर में बढ़ोतरी
एबीपी न्यूज CSDS-लोकनीति सर्वे के मुताबिक, एनडीए को 42 प्रतिशत, यूपीए को 23 प्रतिशत, अन्य को 35 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की उम्मीद है। इसमें सबसे अहम यह है कि पूर्वी भारत में एनडीए का वोट शेयर करीब 14 प्रतिशत बढ़ रहा है।

उत्तर भारत में वोट शेयर में इजाफा
एबीपी न्यूज CSDS-लोकनीति सर्वे के मुताबिक यूपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में एनडीए को 116, यूपीए को 15, अन्य को 20 सीटें मिलने की संभावना है। यदि अभी चुनाव हो तो सर्वे के मुताबिक एनडीए को 50 प्रतिशत, यूपीए को 18 प्रतिशत और अन्य को 32 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की संभावना है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि सर्वे के मुताबिक एनडीए का वोट शेयर तो 6 प्रतिशत बढ़ रहा है।

पश्चिम-मध्य भारत में एनडीए को 105 सीट
महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी, छत्तीसगढ़ में एबीपी न्यूज CSDS-लोकनीति सर्वे के मुताबिक एनडीए को 105, यूपीए को 12 और अन्य को एक सीट मिल सकती है। पश्चिम- मध्य भारत में वोट शेयर में एनडीए को हल्की बढ़त मिल सकती है। एनडीए को 56 प्रतिशत, यूपीए को 32 प्रतिशत और अन्य के हिस्से 12 प्रतिशत वोट जाने की उम्मीद है।

दक्षिण भारत में एनडीए को मेहनत की जरूरत
एबीपी न्यूज CSDS-लोकनीति सर्वे के मुताबिक, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, केरल मिलाकर कुल 132 सीटों में एनडीए को 39 सीट, यूपीए को 52 सीटें, अन्य को 41 सीटें मिलने की संभावना है। सर्वे के मुताबिक, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, केरल में एनडीए के वोट शेयर में बढ़ोतरी होती दिख रही है। एनडीए को 33 प्रतिशत, यूपीए को 34 प्रतिशत और अन्य के हिस्से 33 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की उम्मीद है।

पूरे देश में किस दल को कितनी सीटें?
यदि अभी चुनाव हो तो एबीपी न्यूज CSDS-लोकनीति सर्वे के मुताबिक, अभी भी पीएम मोदी का जादू चल रहा है। कुल 543 सीटों की बात करें तो एनडीए को 331, यूपीए को 104, अन्य को 108 सीटें मिलने की संभावना है। सर्वे के मुताबिक बीजेपी अभी भी पूर्ण बहुमत की सरकार बना सकती है।

किसे-कितनी सीटें

एनडीए-331 2014 में- 335

यूपीए-104 2014 में-60

अन्य-108 2014-148

पूरे देश में वोट शेयर
सर्वे के अनुसार एनडीए के वोट शेयर में करीब 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एनडीए को 45 प्रतिशत, यूपीए तो 27 प्रतिशत और अन्य को 22 प्रतिशत वोट मिल सकता है।

69 प्रतिशत लोगों को सरकार का काम पसंद
69 प्रतिशत लोग मोदी सरकार के काम को अच्छा या बहुत अच्छा बता रहे हैं। सर्वे के मुताबिक 23 प्रतिशत लोग तीन साल के मोदी के काम को बहुत अच्छा बता रहे हैं। जबकि 46 प्रतिशत लोग अच्छा बता रहे हैं।

मोदी सरकार के काम-काज पर लोगों की राय
पूरी तरह संतुष्ट -23
कुछ हद तक संतुष्ट-46
कुछ हद तक असंतुष्ट-9
पूरी तरह असंतुष्ट-15
कुछ कह नहीं सकते -7

मनमोहन सिंह के काम-काज पर लोगों की राय (2006)
पूरी तरह संतुष्ट -22
कुछ हद तक संतुष्ट-39
कुछ हद तक असंतुष्ट-9
पूरी तरह असंतुष्ट-9
कुछ कह नहीं सकते-21

मनमोहन सिंह के काम-काज पर लोगों की राय (2011)
पूरी तरह संतुष्ट-19
कुछ हद तक संतुष्ट-37
कुछ हद तक असंतुष्ट-11
पूरी तरह असंतुष्ट-14
कुछ कह नहीं सकते-19

लोकप्रियता में मोदी अव्वल
लोकप्रियता के मामले में भी मोदी अन्य नेताओं से काफी आगे हैं। पीएम मोदी 44 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं तो राहुल गांधी महज 9 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। 3 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को और 2 प्रतिशत लोगों ने मनमोहन सिंह को, जबकि नीतीश कुमार को महज 2 प्रतिशत लोग ही पीएम पद के लायक मानते हैं।

नरेंद्र मोदी 44

राहुल गांधी 9

सोनिया गांधी 3

मायावती 3

नीतीश कुमार 2

मनमोहन सिंह 2

अखिलेश यादव 2

ममता बनर्जी 1

अन्य नेता 10

कह नहीं सकते 24

बीजेपी के वोट बैंक में इजाफा
2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले बीजेपी के वोट बैंक में पिछले तीन सालों में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे जो सर्वे के मुताबिक, 2017 में 39 फीसदी हो गया है। वहीं बीजेपी सहयोगियों के वोट प्रतिशत में सिर्फ एक फीसदी का इजाफा हुआ है। 

ऐसे हुआ सर्वे
यह सर्वे 1 मई से 15 मई के बीच की गई है। 19 राज्यों की 146 विधानसभा सीटों की 584 पोलिंग के 11373 लोगों से बातचीत की गई है।


NBT सर्वे में भी सरकार का काम काज अच्छा
नवभारत टाइम्स और टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड की 9 अन्य वेबसाइट्स पर किए गए महापोल में मोदी लोकप्रिय बने हुए हैं। करीब 10 लाख पाठकों ने सरकार के कामकाज को लेकर संतोष जताया है और ज्यादातर का मानना है कि अभी चुनाव हुए तो मोदी सरकार बिना किसी मुश्किल के सत्ता में वापसी करेगी। 3 साल पूरे होने पर देशभर की जनता का मूड जानने के लिए 7 सवालों के साथ हमने एक सर्वे कराया। सर्वे में भाग लेने वालों ने आतंकवाद, कश्मीर और नक्सलवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार के कामकाज को लेकर नाखुशी जताई है, वहीं कई नई योजनाओं को भरपूर नंबर भी दिए हैं।

पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ा
NBT के सर्वे में भाग लेने वाले 74% लोगों का मानना है कि 3 साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ी है। इस मामले में हमारी तमिल समयम साइट के रीडर्स एकमात्र अपवाद हैं, जिनमें से ज्यादातर ने माना है कि मोदी की लोकप्रियता या तो पहले जैसी है या घटी है। सर्वे में एक अन्य सवाल के जवाब में 71% लोगों ने मोदी के कार्यकाल को बढ़िया बताया है, जबकि 18% की नजर में ये 3 साल कामचलाऊ रहे हैं। 11% लोगों ने खराब बताया है।
नोटबंदी सुपरहिट फैसला रहा
सर्जिकल स्ट्राइक से सरकार की वाहवाही हुई तो नोटबंदी की वजह से सरकार लगातार जनता के एक तबके और विपक्ष के निशाने पर रही। फिर भी एनबीटी के सर्वे में 56% लोगों की नजर में नोटबंदी ही सरकार का सबसे बड़ा फैसला रहा, जबकि सिर्फ 13% लोगों की नजर में सर्जिकल स्ट्राइक सबसे बड़ा फैसला रहा। 7% लोगों ने माना कि जनधन खाते खुलवाने और सब्सिडी सीधे खाते में ट्रांसफर करने जैसी योजनाएं मौजूदा सरकार के सबसे बड़े फैसले रहे।

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