प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार दिन-रात जनता की भलाई के लिए काम में जुटी हुई है। मोदी सरकार पार्ट-2 ने तो कामकाज के सभी रिकॉर्ड़ तोड़ दिए हैं। 30 मई को शपथ लेने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्री कामकाज में जुट गए। बिना आराम के सभी मंत्री और अधिकारी देशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने में लगे हैं। राज्यसभा का 249वां सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले 17 साल के 52 सत्रों में सबसे ज्यादा कामकाज और बैठकें इस सत्र में हुईं। राज्यसभा में इस सत्र की 32 बिल पास किए गए। उनमें जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, तीन तलाक बिल, मोटरयान संशोधन विधेयक, आरटीआई संशोधन बिल, यूएपीए बिल और नेशनल मेडिकल कमीशन बिल सबसे अहम हैं। इससे पहले 2002 में 35 विधेयक पारित हुए थे। इस बार सदन की प्रोडक्टिविटी 104.90 प्रतिशत रही है।
In terms of legislative output, the 249th Session with 32 Bills passed is the best of the 52 Sessions of the last 17 years and the fifth best in the last 41 years. 35 Bills were passed during the 197th Session in 2002. #RajyaSabha
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) August 7, 2019
With a productivity (utilization of the available time) of 104.92%, this Session is the best of the last 17 Sessions with the House reporting 100% or more productivity for the first time in the last five years. #RajyaSabha
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) August 7, 2019
17वीं लोकसभा के पहले सत्र में भी स्थापित हुआ कीर्तिमान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में कई नए कीर्तिमान स्थापित हुए। इस सत्र में 37 दिनों के कामकाज में 35 बिल पास हुए। इस दौरान 280 घंटे तक काम हुआ और लोकसभा अपने नियमित समय से 70 घंटे 45 मिनट ज़्यादा देर तक बैठी। उत्पादकता की दृष्टि से इस दौरान लोकसभा में 125 प्रतिशत काम हुआ। 17 जून से शुरू हुए सत्र के दौरान लोकसभा में 35 बिल पारित किए गए। कुछ और अहम बिल जो लोकसभा ने पारित किए उनमें तीन तलाक, मोटरयान संशोधन बिल और नेशनल मेडिकल कमीशन बिल शामिल हैं। इस मामले में इस सत्र में 1952 में गठित पहली संसद का रिकॉर्ड तोड़ा, उस दौरान 32 बिल पेश किए गए जबकि 24 पारित किए गए थे।
सत्रहवीं लोक सभा का प्रथम सत्र काफी यादगार रहा। सभी माननीय सदस्यों के सहयोग से इस सत्र की समग्र उत्पादकता 125 प्रतिशत रही और 1952 के बाद सबसे अधिक 36 बिल पास करके सदन का मान बढ़ा। तारांकित प्रश्नो पर चर्चा के मामले में भी सत्रहवीं लोकसभा का प्रथम सत्र सर्वश्रेष्ठ रहा।
— Lok Sabha Speaker (@loksabhaspeaker) August 6, 2019
लोकसभा ने बनाया इतिहास, पिछले 20 साल में पहली बार आधी रात तक चली बहस
लोकसभा में गुरुवार 11 जुलाई, 2019 की तारीख संसदीय इतिहास में दर्ज हो गई। पिछले 20 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा में देर रात तक चर्चा हुई। रेलवे की अनुदान मांगों पर चर्चा रात में करीब 12 बजे तक चली। इस चर्चा के दौरान विपक्ष के संसद सदस्य भी मौजूद रहे। 11 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही लगातार 13 घंटे तक मध्यरात्रि 11 बजकर 59 मिनट तक चली।
- इसके पहले वर्ष 1998 में 8 जून को शुरू हुई संसद की कार्यवाही दूसरे दिन सुबह 6:40 बजे तक चली थी। उस समय नीतीश कुमार रेल मंत्री और जीएमसी बालयोगी लोकसभा के स्पीकर थे।
- इससे पहले 1996 में जब एचडी देवगौड़ा की सरकार में रामविलास पासवान रेल मंत्री थे, उस समय 26 जुलाई को 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही 27 जुलाई की सुबह सवा सात बजे तक लगातार 20 घंटे चली थी। इस दौरान 111 सदस्यों ने अपनी बात रखी थी।
देर रात तक सदन की हुई बैठक
- 09 जुलाई 2019- लोकसभा में बजट पर चर्चा के लिए देर रात तक कार्यवाही चली।
- 20 जुलाई 2018- मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा रात 11.15 तक चली।
- 29 दिसम्बर 2011- लोकपाल और लोकायुक्त बिल, 2011 के लिए मध्यरात्रि तक चली राज्यसभा की कार्यवाही।
मध्यरात्रि में सदन की बैठक
- 14-15 अगस्त 1947- देश को स्वतंत्रता मिलने पर।
- 14-15 अगस्त 1972- स्वतंत्रता की 25 वीं वर्षगांठ।
- 14-15 अगस्त 1997- स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ।
- 30 जून-01 जुलाई 2017-जीएसटी को लागू करने के लिए।
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