अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में गैर-मुस्लिम छात्र-छात्राएं आतंक के साये में पढ़ाई करने को मजबूर है। सीएए का समर्थन करने पर यूनिवर्सिटी के गुंडे छात्रों ने एक छात्रा को पीतल का हिजाब पहनाने की धमकी दी। लड़की को अभद्र मैसेज भेजा गया। इससे छात्रा काफी डरी हुई है। छात्रा ने अलीगढ़ के एसएसपी से आरोपी छात्र के खिलाफ कार्रवाई करने और अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है।
AMU की BTech छात्रा ने किया था CAA का समर्थन,सहपाठी ने दिया पीतल का हिजाब पहनाने की धमकी।छात्रा का आरोप है,उसे पहले भी अभद्र भाषा का सामना करना पड़ा।SM पर कॉलेज खुलने पर हिजाब पहनाने की धमकी पर FIR दर्ज हो गई है।मैंने माँ से बात की,काफ़ी डरी हुई हैं जल्द कार्रवाई करे पुलिस @dgpup
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) July 16, 2020
छात्रा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि होस्टल में गैर मुस्लिम लड़कियों को धमकाया जाता है और हिजाब पहनने और मुंह ढ़कने के लिए दबाव डाला जाता है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिन्दू लड़की को #CAA का समर्थन करने पर पीतल को हिजाब पहनाने की धमकी दी गयी है, छात्रा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि होस्टल में गैर मुस्लिम लड़कियों को धमकाया जाता है और हिजाब पहनने और मुँह ढ़कने की हिदायत दी जाती है.#नमस्तेभारत pic.twitter.com/N6aX3MJEn6
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) July 16, 2020
AMU की घटना पर सेक्युलर गैंग ने साधी चुप्पी
लेकिन हैरानी की बात है कि हिंदू संस्थानों और प्रतिष्ठानों से जुड़े छोटे से छोटे मामलों को तूल देने वाले नेता, अभिनेता, पत्रकार और छद्म धर्मनिरपेक्ष लोग इस घटना पर मौन है। ये लोग मुसलमानों द्वारा की गई बड़ी से बड़ी आपराधिक वारदात पर चुप्पी साध लेते हैं। इन लोगों को हिंदुओं के साथ हो रहे भेदभाव और उत्पीड़न दिखाई नहीं देते हैं।
नसीरुद्दीन शाह
देश के बड़े अभिनेता नसीरुद्दीन शाह खुद को मजलूम बताते हैं और कहते हैं कि उन्हें भारत में रहने में डर लगता है। नसीरुद्दीन ने बुलंदशहर हिंसा पर कहा कि देश में गाय की जिंदगी एक पुलिस अफसर की जान से ज्यादा हो गई है। जिस देश ने नसीरुद्दीन शाह को इतना प्यार दिया। इतनी शोहरत दी। वहां की एक घटना से उन्हें डर लगने लगा। लेकिन वहीं नसीरुद्दीन शाह एएमयू की घटना पर मौन है। हिन्दू छात्रा के साथ हो रहा अन्याय उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है।
आमिर खान
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने 2015 में देश में बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि कई घटनाओं ने उन्हें चिंतित किया है और उनकी पत्नी किरण राव ने यहां तक सुझाव दे दिया कि उन्हें संभवत: देश छोड़ देना चाहिए। लेकिन आमिर खान एएमयू की इस घटना पर मौन है। उन्हें इस घटना को लेकर कोई चिंता नहीं हो रही है।
जावेद अख्तर
कठुवा में बच्ची के साथ बलात्कार मामले में जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा था कि जो भी लोग महिलाओं के हित में और उनके लिए जस्टिस मांग रहे हैं उन्हें इस घटना को जानने के बाद स्टैंड लेना चाहिए और आवाज उठानी चाहिए। लेकिन एएमयू मामले में जावेद अख्तर आवाज उठाना उचित नहीं समझते हैं। उन्हें इस मामले में महिलाओं को हिता दिखाई नहीं देता है, क्योंकि पीड़िता एक हिन्दू है।
महिला उत्पीड़न पर क्यों चुप हैं अभिनेत्रियां
जम्मू के कठुवा में बच्ची के साथ बलात्कार मामले में कुछ फिल्मी सितारे देश को बदनाम करने का अभियान चला रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की इतनी अधिक आतुरता थी कि उन्हें भारतीय होने में भी शर्म आ रही थी। बॉलीवुड का यह धड़ा भारत को बलात्कारी देश तक कह रहा था। जब एएमयू में महिला का उत्पीड़न हो रहा है, तो उन्हें महिला हित दिखाई नहीं दे रहा है। उन्हें इस घटना पर शर्म नहीं आ रही है। महिला होकर भी ये अभिनेत्रियां इस मामले में चुप्पी साध रखी है। ये अभिनेत्रियां सिलेक्टिव हैं और अपनी सहूलियत के हिसाब से ही मुद्दे उठाती और भुनाती है।
फ्री स्पीच की दुहाई देने वाले लोगों की बोलती बंद
देश का सेक्युलर गैंग मौन है। बात-बात में फ्री स्पीच की दुहाई देने वाले लोगों की बोलती बंद है। #NotInMyName के नाम पर प्रदर्शन करने वाले घरों में दुबके हैं। साफ जाहिर है कि एएमयू की घटना उनके एजेंडे में फिट नहीं बैठता।
सेक्युलर पत्रकारों ने भी साधी चुप्पी
इनके अलावा तथाकथित सेक्युलरों पत्रकारों ने भी एएमयू की घटना पर चुप्पी साध ली है। ये सेक्युलर पत्रकार देश में हिंदुओं को तो संविधान और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन मुसलमानों के कुकर्मों पर हमेशा पर्दा डालने की कोशिश करते हैं। एएमयू पर इन लोगों की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आई है। मॉब लिंचिंग मामले को लेकर ट्वीट करने वाले एएमयू की इस घटना पर चुप हैं, क्योंकि यह घटना उनकी पत्रकारिता के एजेंडे में नहीं आती है।