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आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड की इष्ट देवी का किया अपमान, लोगों का फूटा गुस्सा, केजरीवाल से की माफी की मांग

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को दूसरों की भावनाओं का थोड़ा भी ख्याल नहीं है। अपनी क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार है। इसका प्रमाण उन्होंने फिर दिया है। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में भारत का सबसे बड़ा कूड़े का ढेर है, जो एक पहाड़ का रूप ले चुका है। केजरीवाल की पार्टी ने इसकी तुलना उन पवित्र पर्वतों से की है, जिसकी लोग पूजा करते हैं।

आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट किया, जिसमें तीन पर्वतों की तस्वीर के साथ कूड़े के ढेर की तस्वीर भी पोस्ट की गई है। साथ ही लिखा है कि सिक्किम में कंचनजंघा सबसे बड़ा पर्वत है। इसके बाद उत्तराखंड में नंदा देवी और कामेट पर्वत सबसे ऊंचा है। लेकिन गाजीपुर के कचरे के पहाड़ की तस्वीर भी डालकर लिखा है कि इसे भाजपा के एमसीडी ने बनाया है।

आम आदमी पार्टी ने अपने ट्वीट में जिन पर्वतों का जिक्र किया, वो न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए पवित्र हैं बल्कि पूरा देश उन पर गर्व करता है और उन्हें पूजता है। भारत में हिमालय को भी देवता माना गया है, जिसके घर मां पार्वती का जन्म हुआ था। ऐसे में AAP का ये मजाक लोगों को नागवार गुजरा। उत्तराखंड में तो नंदा देवी का विशेष महत्व है। ‘सनातन टाइम्स’ ने पूछा कि जिस मां नंदा देवी की हम पूजा करते हैं, उनका अपमान करना कहां तक उचित है? उसने AAP को सलाह दी कि वो देवभूमि को अपनी गन्दी राजनीति से दूर रखे।

भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी नेहा जोशी ने कहा कि AAP और अरविन्द केजरीवाल ने हमेशा उत्तराखंड और यहां के निवासियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि नंदा देवी उत्तराखंड की इष्ट देवी हैं और उनके अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने केजरीवाल से इस मामले में माफ़ी मांगने को कहा।

बता दें कि नंदा देवी का अर्थ है वो देवी, जो आनंद प्रदान करती हैं। 1983 में ही नंदा देवी और इसके चारों तरफ की पहाड़ियों को पर्वतारोहण के लिए बंद कर दिया था, क्योंकि स्थानीय लोगों के लिए इसका बड़ा ही धार्मिक महत्व है। नंदा देवी नेशनल पार्क तो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिजेट में आता है। इसे उत्तराखंड में सुनंदा देवी के नाम से भी पुकारते हैं।

वहीं, पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में कचरे का पहाड़ 40 फुटबॉल पिच से भी अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। आवारा कुत्ते और गाय वहां घुमते रहते हैं। जानवर बीमार पड़ते हैं। एक साल पहले ही इसकी ऊंचाई 213 फ़ीट थी। ऊंचाई में ये इस्लामी आक्रांताओं द्वारा बनाए गए ताजमहल और कुतुब मीनार को टक्कर दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट तो यहां तक कह चुका है कि कुछ दिनों बाद वहां से गुजरने वाले हवाई जहाजों के लिए अलर्ट जारी करना पड़ेगा।

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