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मोदी सरकार की A to Z योजनाएं, देश में आई समृद्धि, विकसित भारत का मार्ग हुआ प्रशस्त

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के कार्यकाल में देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने एवं इसकी तस्वीर बदलने के लिए व्यापक सुधार कार्य किए गए हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान, भारत की छवि को बदल देने वाला मील का पत्थर सबित हो रहा है। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, गांवों में बिजली पहुंचाना, नल जल योजना, स्वच्छ भारत मिशन, सब्सिडी का डिजिटल ट्रांसफर, जन-धन योजना, आयुष्मान भारत, मुद्रा योजना, उड़ान आदि कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिसने भारत की तस्वीर बदली है और प्रगति के द्वार खोले हैं। पीएम मोदी की इन योजनाओं से लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने गरीबों, वंचितों, किसानों, महिलाओं, युवाओं हर तबके के कल्याण और उनकी समृद्धि के लिए कई योजनाएं शुरू की है। मोदी सरकार ने हर वर्ग को ध्यान में रखकर इतनी योजनाएं शुरू की हैं कि A to Z योजनाओं की लिस्ट बनकर तैयार हो गई है।

A

आयुष्मान भारत- 50 करोड़ भारतीयों को स्वास्थ्य बीमा
23 सितंबर 2018 को लॉन्च की गई यह स्वास्थ्य बीमा योजना है। इससे सीधे तौर पर गरीबों को लाभ हो रहा है। कैंसर और हार्ट संबंधी बीमारियों में भी 50 करोड़ भारतीयों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ मिलेगा जो वर्तमान में किसी भी सरकारी या निजी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर नहीं हैं। इस तरह भारत दुनिया की पहली व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने की दिशा में बढ़ रहा है। वर्तमान में 50 करोड़ से अधिक लोग (10.74 करोड़ परिवार) पहले से ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत कवर्ड हैं। यह योजना हर परिवार को 5 लाख रुपये का मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।

B

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
वर्ष 2011 की जनगणना में कन्या लिंगानुपात में कमी को ध्यान में रखते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी। केंद्र सरकार का उद्देश्य इस योजना द्वारा बेटियों के प्रति समाज में होने वाले नकारात्मक रवैये के प्रति जागरूकता फैलाना और विभिन्न योजनाओं के जरिए उनका कल्याण करना है। इसके अलावा बच्चियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर महिला सशक्तिकरण की ओर अग्रसर करना भी इस योजना का मकसद है। यह योजना उन महिलाओं की काफी मदद करती है, जो घरेलू या किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित हैं। इसमें महिलाओं को यह सुविधा दी गई है कि मदद के समय वे कभी भी पुलिस, कानून और चिकित्सा जैसी सुविधाएं ले सकती हैं। इसके लिए महिलाओं को टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करना होगा। जिसके बाद उन्हें सभी तरह की मदद प्रदान कराई जाएगी।

बायोगैस- प्रणाम योजना
प्रधानमंत्री प्रणाम योजना एक भूमि सुधार और वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने वाली योजना है। इस साल बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की शुरुआत की थी। PRANAM (प्रमोशन ऑफ ऑल्टरनेटिव न्यूट्रियन्ट्स फॉर एग्रीकलचर मैनेजमें स्कीम) योजना का मकसद कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल को रोकना है। इसके साथ ही कम रसायन वाले खाद्यान्नों के सेवन से लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनना है। इसी के साथ भारत की अपनी प्राकृतिक गैस आपूर्ति के साथ 5 प्रतिशत बायोगैस को मिश्रित करने की योजना से लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के आयात में काफी कमी आ सकती है, जिससे सालाना लगभग 1.17 अरब डॉलर की बचत होगी। भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

C

क्रेडिट फॉर ऑल- (मुद्रा, स्वनिधि)
मुद्रा योजना- 43 करोड़ लाभार्थियों को पीएम मुद्रा लोन
कई लोगों के पास हुनर तो है, लेकिन पूंजी की कमी की वजह से अपने हुनर का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देने और उनके हाथों को काम देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की थी। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 43 करोड़, 57 लाख, 60 हजार 741 लाभार्थियों को पीएम मुद्रा लोन दिए जा चुके हैं। इस वित्त वर्ष 2023-24 में 24 नवंबर तक 3 करोड़ 29 लाख 53 हजार 290 लोन को मंजूरी दी जा चुकी है। इस योजना के लाभार्थियों में ज्यादातर महिलाएं हैं।

स्वनिधि योजना- लाभार्थियों की संख्या 50 लाख के पार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम स्वनिधि योजना ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के लाभार्थियों की संख्या 50 लाख के पार हो गई है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की इस योजना की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए इस वर्ष 1 जुलाई, 2023 से एक अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के कारण पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों की संख्या 50 लाख के पार हो गई।

D

डिजिटल इंडिया (UPI, GeM, DeVINE)
UPI
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। दुनिया भी भारत की डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति देखकर हैरान है। पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन की वजह से आज UPI नित नए रिकार्ड बना रहा है। साल 2023 में यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या 100 अरब से भी ज्यादा रही। इस दौरान कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या 118 अरब से अधिक रही। यह साल 2022 से 60 प्रतिशत अधिक है। साल 2022 में यूपीआई के 74 अरब ट्रांजेक्शन हुए थे। साल 2023 में यूपीआई के माध्यम से कुल 182 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। यह साल 2022 के 126 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन से 44 प्रतिशत अधिक है।

GeM पोर्टल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अगस्त, 2016 को उन्होंने सरकारी ई-मार्केट GeM पोर्टल शुरू किया था। 2023-24 के सिर्फ आठ महीने में इस पोर्टल से खरीद का आंकड़ा दो लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। 2021-22 में इस पोर्टल से 1.06 लाख करोड़ की खरीद हुई थी। 2022-23 में यह आंकड़ा 2 लाख करोड़ को पार कर गया था और चालू वित्त वर्ष में यह 3 लाख करोड़ रुपये के पार निकल सकता है। जीईएम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से अधिक विक्रेता-सेवाप्रदाता हैं। फिलहाल, सरकारी विभागों, मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, राज्य सरकारों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को इस पोर्टल के माध्यम से लेनदेन की अनुमति है।

DeVINE ( North East)
पीएम मोदी ने अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान क्षेत्र के लिए अपनी गारंटी से कहीं अधिक काम किया है और इस दौरान कांग्रेस के शासन में दशकों की ‘उपेक्षा’ का सामना करने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र में ‘शांति और सुरक्षा’ बहाल हुई है। सड़क, रेलवे, जलमार्ग और हवाई संपर्क सहित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए नौ वर्षों में क्षेत्र के आठ राज्यों को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया है। हवाई अड्डों की संख्या नौ से बढ़कर 17 हो गई है। प्रधानमंत्री ने खुद रिकॉर्ड 64 बार यहां का दौरा किया है।

E

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले कुछ सालों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) पर विशेष रूप से ध्यान दिया है। सरकार ने करीब डेढ़ हजार गैर-जरूरी कानूनों को खत्‍म कर देश में बिजनेस करना और आसान बना दिया है। यही नहीं, पिछले दो सालों में 25 हजार से ज्यादा कंप्‍लायंस नियमों को वापस लिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए कारोबार को शुरू करने की सुगमता के मामले में भारत दुनिया की टॉप-5 इकोनॉमी में शामिल हो गया है। विश्व बैंक ने भी अपने सर्वे में कहा है कि भारत ने कई आर्थिक मोर्चों पर सुधार किया है और निर्माण के क्षेत्र में भारत की रैंकिंग अविश्वसनीय रूप से सुधरी है।

F

फाइनेंसल इनक्लूजन (JAM)- जनधन आधार मोबाइल
प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 51 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.08 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से तीन गुना (3.4) बढ़कर 29 नवंबर 2023 तक 51.04 करोड़ हो गई है।

G

गरीब कल्याण अन्न योजना
इस योजना की शुरुआत 17 दिसंबर 2016 को हुई और 7 जून 2021 को पीएम मोदी ने इसका विस्तार किया। इसके बाद 2023 में इसे अगले पांच साल तक विस्तार देने की घोषणा की गई। यह योजना 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो पसंदीदा दाल मुफ्त में देने के लिए बनी थी। इसके अलावा इसमें प्रत्येक परिवार को प्रति माह 1 किलो मुफ्त साबुत चना प्रदान किया जाता है।

H: Housing For All Scheme – AWAS

आवास योजना- 4 करोड़ गरीबों को मिला पक्का घर
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी और ग्रामीण को मिलाकर देश में करीब चार करोड़ बनाए जा चुके हैं और बनकर तैयार हो चुके घर पात्र गरीबों को सौंपा जा चुका है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों का जीवनस्तर ऊंचा हुआ है, जीवन आसान हुआ है और समग्र समृद्धि आई है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 75 फीसदी घर अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति या फिर अल्पसंख्यक आबादी के लिए बनाए गए हैं। इससे देश के वंचित समुदाय में भी समृद्ध के द्वार खुले हैं।

I: Insurance for all

फसल बीमा योजना
मोदी सरकार ने फसल बीमा योजना को 13 जनवरी, 2016 को लागू किया था। देश के किसानों को हर साल बाढ़, आंधी, तेज बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है। फसल बीमा योजना के तहत किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में हुई हानि पर बीमा कवर देने का प्रावधान किया गया है, यानि किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब होने पर प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक हुई हानि कम कराएगी। प्रीमियम राशि को प्रत्येक किसान की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए काफी कम रखा गया है। खरीफ पर 5 प्रतिशत और रबी पर मात्र 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि है। फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच के समान है। किसान के हिस्से के अतिरिक्‍त प्रीमियम का खर्च राज्य और केंद्र सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है। पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार ने 90 प्रतिशत प्रीमियम राशि प्रदान करती है।

सुरक्षा बीमा योजना
मोदी सरकार द्वारा पीएम सुरक्षा बीमा योजना (PM Suraksha Bima Yojana) वर्ष 2016 में शुरू किया गया। इस स्कीम को शुरू करने का उद्देश्य था कि अगर किसी परिवार के मुखिया के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है तो परिवार को आर्थिक मदद देना। इस स्कीम में सालाना 20 रुपये और हर महीने 2 रुपये का निवेश करना होता है। इतने कम निवेश में उन्हें 2 लाख रुपये तक का लाइफ इंश्योरेंस मिलता है।

जीवन ज्योति बीमा योजना
मोदी सरकार की ओर से लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाओं को शुरू किया गया है। इनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भी शामिल है। इस योजना के तहत केवल 436 रुपये और 20 रुपये प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर चार लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। इस योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी। योजना के तहत 18 से 50 साल तक के व्यक्ति को दो लाख रुपये तक बीमा दिया जाता है।

J

जनमन योजा
पीएम जनमन यानि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान योजना की शुरुआत खासतौर पर देश के कमजोर जनजातीय समूहों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और कई दूसरी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए की गई है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान योजना के तहत पीएम आवास योजना ग्रामीण की पहली किस्त का लाभ करीब 1 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में सुधार करना चाहती है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत सरकार इस पर करीब 24 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना की शुरुआत सरकार ने 15 नवंबर, 2023 को बिरसा मुंडा की जयंती के दौरान आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर की थी।

K

किसान सम्मान निधि
मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और आर्थिक मदद देने के लिए पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 24 फरवरी,2019 को की थी। यह किसानों के लिए अब तक की सबसे बड़ी योजना है और यह किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। गरीब किसानों के खाते में सरकार हर साल 6,000 रुपये कुल तीन किस्तों में ट्रांसफर करती है। सरकार किसानों को यह पैसे खेती से जुड़े खर्च के लिए देती है। कोई भी भूमिधारी किसान इस योजना का लाभ उठा सकता है। मगर वह किसी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। अभी इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें एक साल में दी जाती है। 8 करोड़ से ज्यादा किसान इस योजना के लाभार्थी हैं।

कुसुम योजना
मोदी सरकार ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान यानि KUSUM योजना शुरू की। इस योजना के तहत किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप मुहैया कराया जा रहा है। मोदी सरकार ने KUSUM योजना बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों को ध्यान में रख शुरू की। कुसुम योजना के जरिए किसान अपनी जमीन पर सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। कुसुम योजना की मदद से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए कर सकते हैं। किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांव में बिजली की निर्बाध आपूर्ति शुरू की जा सकती है।

L: Logistics and Economy

गतिशक्ति योजना
भारत के पोर्ट्स एवं अन्य भागों को डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए टाउनशिप से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक हब व आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड टाउनशिप में 1.10 लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने वाले हैं। यह टाउनशिप देश की इंडस्ट्रीज को ऐसी सुविधाएं देने का प्रयास है, जो प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त हो। देश व दुनिया के निवेशकों को सिर्फ अपना सिस्टम लगाना है और काम शुरू कर देना है। पीएम गति शक्ति पहल के तहत 52,000 करोड़ रुपये की सड़क और रेलवे की छह बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को सितंबर 2023 में मंजूरी देने की सिफारिश की गई। इससे पीएम गति शक्ति को शुरू करने के बाद से नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) द्वारा मूल्यांकन की गई परियोजनाओं की कुल संख्या 112 हो गई है, जिनकी कुल लागत करीब 11.53 लाख करोड़ रुपये है।

M

मातृ वंदना योजना
मातृ वंदना योजना जनवरी 2017 में शुरू की गई थी। तीन किस्तों में पहली और दूसरी बार मां बनने वाली महिलाओं को पांच हजार रुपये दिया जाता है। ताकि गर्भवती महिलाएं समय-समय पर जांच कराने के साथ ही पौष्टिक आहार ले सकें। बालिका प्रोत्साहन को लेकर सरकार ने एक और पहल की है। महिलाओं को प्रथम प्रसव पर मातृ वंदना योजना की सहायता राशि का लाभ दिया जाएगा। दूसरी संतान कन्या के रूप में होने पर दोबारा पांच हजार योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। महिलाओं को यह राशि प्रसव के नौ माह तक यानी 270 दिन की अवधि तक दी जानी है।

मिशन इंद्रधनुष योजना
मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत नियमित टीकाकरण के दौरान छोटे 5 साल तक के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं का 100 प्रतिशत टीकाकरण कराया जाता है। र्भवती महिलाएं और 5 साल से छोटे बच्चे जिनका नियमित टीकाकरण होना था, अगर किसी कारणवश छूट गया है तो उसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस विशेष योजना के अंतर्गत उसको टीकाकरण का लाभ मिलेगा। मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत अब स्वास्थ विभाग ऐसे छुटे लोगों को चिन्हित करेगा और फिर उनको टीकाकरण की इस योजना से लाभान्वित कराया जाएगा। इस अभियान के तहत ग्रामीण व शहरी मलिन बस्तियों, ईट भट्टे निर्माण स्थल प्रवासी,जैसे मछुआरे नदी के किनारे रहने वाले लोगों आदि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

N

नमामि गंगे योजना
मोदी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज गंगा दुनिया की 10 सबसे स्वच्छ नदियों में से एक बन गई है। कुंभ के आयोजन को लेकर देश-दुनिया से मिली प्रतिक्रिया और गंगा में जलीय जीवों की संख्या में वृद्धि इसे प्रमाणित करती है। गंगा नदी को स्वस्छ करने के लिए साल 2015 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया गया था। 2 साल नदी में प्रदूषण के स्तर का आकलन करने, इसके निस्तारण के लिए जरूरी कदमों की पहचान करने और आ‍वश्यक नीतियां बनाने में लग गए। गंगा की निर्मलता का कार्य वास्तव में वर्ष 2017 से शुरू हुआ। यह एक व्यापक कार्य है, क्योंकि गंगा 2,600 किलोमीटर में प्रवाहित होती है और इसके तटों पर कई शहर और करीब चार हजार गांव बसे हुए हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल 428 परियोजनाएं मंजूरी की गईं, जिनकी लागत कुल 36,512 करोड़ रुपये है। इनमें से 244 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 130 में कार्य प्रगति पर है और 37 परियोजनाएं निविदा के स्तर पर हैं। इस तरह, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल मंजूर परियोजनाओं में से अब तक 58 प्रतिशत पूरी हुई हैं।

O

वन नेशन वन राशन कार्ड
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना (ओएनओआरसी) अब पूरे देश में लागू हो गई है। यह योजना अगस्त 2019 में शुरू की गई थी। साल 2019 से लेकर अब तक राशन से जुड़े 71 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजैक्शन हुए हैं जिनके माध्यम से लोगों को राशन दिया गया है। इससे 40,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का अनाज वितरित किया गया है। राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के चलते श्रमिक वर्ग अपने काम वाले स्थान पर सब्सिडी वाले राशन पाते हैं। भले ही उनका राशन कार्ड किसी और प्रांत का क्यों न हो। इसी वर्ग को ध्यान में रखते हुए ओएनओआरसी की योजना शुरू की गई थी। श्रमिकों को अपने काम के सिलसिले में अक्सर राज्य बदलना होता है। इससे उनके राशन पर असर न पड़े इसीलिए सरकार ने यह खास स्कीम शुरू की।

P

Production Linked Incentive Scheme

PLI Scheme की घोषणा 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2021 में 14 क्षेत्रों के लिए की गई थी। इसमें दूरसंचार, ‘व्हाइट गुड्स’, चिकित्सकीय उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग, मोटर वाहन, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च क्षमता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन विज्ञान सेल बैटरी, ड्रोन और दवा शामिल हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर तक इलेक्ट्रानिक और दवा समेत आठ क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के तहत 4,415 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में अक्टूबर तक कुल 1,515 करोड़ रुपये वितरित किए गए, जबकि 2022-23 में 2,900 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इससे जहां भारत का विनिर्माण क्षेत्र मजबूत हो रहा है वहीं युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है।

Q

Quality Water For Households

जल जीवन मिशन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले के प्राचीर से जल जीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत 2024 तक हर घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। इस जल जीवन मिशन के तहत जनवरी 2023 से प्रतिदिन 86894 कनेक्शन दिए जा रहे हैं। योजना की प्रगति की निगरानी तथा भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी नल कनेक्शन उपभोक्ता के आधार नंबर से लिंक किए जा रहे हैं। अब तक 19.43 करोड़ ग्रामीण घरों में से 13.47 करोड़ अर्थात 70 प्रतिशत ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। इस मिशन की घोषणा होने के वक्त देश भर में 19.27 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ यानी सिर्फ 17 प्रतिशत घरों में ही पानी का कनेक्शन था।

R

Reservation for Women in Parliament
महिला आरक्षण संसद में सितंबर 2023 में पास हो गया। यह विधेयक लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देता है। इसी के साथ संसद और विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण की राह में बीते 27 साल से पड़ा सूखा खत्म हो गया और नए संसद भवन ने पहले ही सत्र में नारी शक्ति का वंदन करने का नया इतिहास रच दिया।

S

स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने स्वच्छता के लिए एक जन आंदोलन का रूप लेकर ग्रामीण भारत की तस्‍वीर बदल दी है। इसने 2 अक्टूबर, 2019 को देश के सभी गांवों, जिलों और राज्यों द्वारा खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषणा की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जिससे ग्रामीण भारत खुले में शौच की समस्‍या से पूरी तरह से मुक्‍त हो चुका है। 2 अक्टूबर, 2014 को एसबीएम (जी) की शुरुआत के समय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 38.7 प्रतिशत था, जो बढ़कर अब 100 प्रतिशत हो चुका है। 2 अक्टूबर, 2014 से अब तक 11.68 करोड़ से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है। खुले में शौच मुक्त गांवों की संख्या बढ़कर 6.03 लाख और जिलों की संख्या बढ़कर 706 हो गई है। खुले में शौच मुक्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 35 है।

T

TOPS Programme
मोदी सरकार ने एथलीटों की मदद के लिए 2014 में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम की शुरुआत की। इसी नीति का नतीजा है कि भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। भारत ने एक गोल्ड मेडल के साथ कुल 7 मेडल हासिल किए। इससे पहले लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 मेडल अपने नाम किए थे। यही नहीं एशियाई खेल 2023 में भारत ने 107 पदक जीते हैं। भारत ने पहली बार एशियाई खेल के किसी एक संस्करण में 107 पदक जीते हैं। इससे पहले एशियाई खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 70 पदक था, जो 2018 में जीते गए थे।

U

उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) से देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया में 1 मई 2016 को पहला उज्ज्वला कनेक्शन दिया था और 1 अप्रैल 2023 तक 9.59 लाख से ज्यादा कनेक्शन दिए जा चुके हैं। 1 अप्रैल 2014 तक देश में LPG कनेक्शन की संख्या जो 14.52 करोड़ थी, वो 1 अप्रैल 2023 तक बढ़कर 31.40 करोड़ हो चुकी है। उज्ज्वला योजना ने अब एक नई उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति खपत 3.01 से बढ़कर 3.71 हो गई है यानी उज्ज्वला योजना उपभोक्ताओं की 2019-20 में औसत एलपीजी खपत 3.01 रिफिल थी जो 2022-23 में बढ़कर 3.71 रिफिल हो गई। मोदी सरकार की इस योजना के चलते एलपीजी गैस के इस्तेमाल से 2019 में प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 1.5 लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है। इसके चलते घरेलू वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में लगभग 13 प्रतिशत की कमी आई। इतना ही नहीं उज्ज्वला योजना एयर क्वालिटी में सुधार और वायु प्रदूषण को कम करने में सफल रही है। इसका खुलासा एक रिसर्च से हुआ है।

V

विश्वकर्मा योजना
मोदी सरकार ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लांच की। इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यापारों को जोड़ा गया है। इस योजना के तहत मोची/जूता बनाने वाले कारीगर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, राजमिस्त्री, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, ताला बनाने वाले, पत्थर तराशने वाले, लोहार, सुनार, पत्थर तोड़ने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, अस्त्रकार, मूर्तिकार, फिशिंग नेट निर्माता और टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले लोग पात्र हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को टूलकिट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये देने का प्रावधान है। इसके तहत आधारभूत कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है और फिर रोजाना 500 रुपये स्टाइपैंड मिलता है और बिना सिक्योरिटी के पहले एक लाख और फिर 2 लाख रुपये का अतिरिक्त लोन दिया जाता है। अब तक 84 लाख आवेदन आ चुके हैं।

W

Women in Defense
भारत ने 75वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2024) की शुरुआत अपनी महिला शक्ति और सैन्य शक्ति के भव्य प्रदर्शन के साथ की, जिसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें, युद्धक विमान, निगरानी उपकरण और घातक हथियार प्रणालियां शामिल थीं। पहली बार, सेना की तीनों सेवाओं की संपूर्ण महिला टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया, जो देश की बढ़ती ‘नारी शक्ति’ को दर्शाता है। मोदी सरकार की पहल से आज जल-थल हो या नभ तीनों सेनाओं में महिलाएं बेहतर कार्य कर रही हैं और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। 2023 के अगस्त माह में लोकसभा में एक जवाब में सरकार ने बताया, सबसे ज्यादा महिलाएं सेना में कार्यरत हैं, कुल मिलाकर तीनों सेनाओं में 11414 महिलाएं तैनात हैं। इसमें अगर चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग सेवाओं को छोड़ दिया जाए तो तीनों सेनाओं में कार्यरत महिला कर्मियों की संख्या 4,948 है।

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Record CapeX Increase
नरेंद्र मोदी सरकार ने 2023-24 के बजट में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूंजीगत बजट को 43 प्रतिशत बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दिया है, जबकि 2022-23 में यह 3,500 करोड़ रुपये था। एजेंसी, जो भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है, ने पिछले कुछ वर्षों में अपने पूंजीगत बजट में तेजी से वृद्धि देखी है। रक्षा मंत्रालय (MoD) के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के बाद से BRO का पूंजीगत बजट दो वर्षों में दोगुना हो गया है।

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Yuva (Skill India)
स्किल इंडिया मिशन पहल युवा पीढ़ी को रोजगार के अवसर प्रदान करती है और उन्हें अपने एमएसएमई (MSME) को लागू करने में भी मदद करती है। यह बाजार में कदम रखने वाले नए व्यापारियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। सरकार देशभर में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने जा रही हैं। 16 देशों के साथ समझौता-करार कर चुका कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय दूतावासों के माध्यम से वहां के नियोक्ताओं को अपने साथ जोड़ रहा है और देशभर में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जा रहे हैं, जो गांव-कस्बों के युवाओं को कौशल, प्रशिक्षण, व्यक्तित्व विकास, वीजा से लेकर अच्छा वेतन तक दिलाना सुनिश्चित करेंगे।

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Zero Tolerance For Terror Attacks 
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद 70 प्रतिशत आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगी है। नागरिक मृत्यु में 81 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही सैनिक मृत्यु में 48 प्रतिशत की कमी आई है। 2020 में जम्मू-कश्मीर में पथराव की कोई घटना नहीं हुई, जबकि संगठित विरोध प्रदर्शन भी समाप्त हो गए हैं। 2010 में पथराव में 112 लोग मारे गए थे और 2020 में यह आंकड़ा शून्य है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद करने वालों पर नकेल कस दी गई है। आतंकवाद में शामिल लोगों की संपत्तियां कुर्क की जा रही हैं। उग्रवाद का समर्थन करने वाली पार्टियों पर बैन लगाया गया है। 

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