पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ तेज होती जा रही है। हालांकि टीएमसी छोड़ने की शुरुआत बहुत पहले हो गई थी, लेकिन बीते दिसंबर में ममता बनर्जी के बेहद करीबी रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद इसमें काफी तेजी आई है। अब डायमंड हार्बर से दो बार के विधायक दीपक हलदर टीएमसी को झटका देकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। आज उन्होंने बारुईपुर की एक रैली में शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
West Bengal: Dipak Haldar, Diamond Harbour MLA, joins Bharatiya Janata Party (BJP) in presence of party leaders Mukul Roy and Suvendu Adhikari.
Dipak Halder had resigned from Trinamool Congress yesterday. pic.twitter.com/oogpRVcSes
— ANI (@ANI) February 2, 2021
दीपक हलदर ने सोमवार (1 फरवरी 2021) को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफ़ा स्पीडपोस्ट की मदद से पार्टी कार्यालय को भेजा। सोमवार दोपहर उनका इस्तीफ़ा कोलकाता के टोप्सिया स्थित पार्टी मुख्यालय ‘तृणमूल भवन’ पहुंच गया। हलदर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि मैं दो बार विधायक रह चुका हूं। लेकिन 2017 के बाद से मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं जनता के लिए काम नहीं कर पा रहा हूं। शीर्ष नेतृत्व को इस बारे में सूचित करने के बावजूद कोई बदलाव नज़र नहीं आया।
West Bengal: Trinamool Congress MLA Dipak Haldar from Diamond Harbour constituency resigns from the party. pic.twitter.com/PDqAZvsqU6
— ANI (@ANI) February 1, 2021
इससे पहले राजीव बनर्जी ने पिछले हफ्ते टीएमसी छोड़कर शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए थे। टीएमसी छोड़ने के बाद राजीव बनर्जी को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पश्चिम बंगाल में Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इसके अलावा राजीव बनर्जी को देशभर में Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। राजीव बनर्जी के साथ बैली से विधायक रहीं वैशाली डालमिया, उत्तरपारा विधायक प्रबीर घोषाल, हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती और पूर्व विधायक पार्थ सारथी चटर्जी बीजेपी में शामिल हुए थे।
ममता बनर्जी सरकार में खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी पिछले दिनों कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंत्री पद के साथ हावड़ा जिला अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया। पश्चिम बंगाल में इस साल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को झटके पर झटके लग रहे हैं।
इसके पहले भी टीएमसी के कई बड़े नेता ममता बनर्जी के तानाशाही रवैये के कारण पार्टी छोड़ चुके हैं-
राजीव बनर्जी ममता बनर्जी की कैबिनेट में वन मंत्री और हावड़ा में डोमजूर विधानसभा सीट से विधायक रहे राजीव बनर्जी ने 29 जनवरी को टीएमसी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद 30 जनवरी,2021 को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए थे।
वैशाली डालमिया बल्ली सीट से विधायक वैशाली डालमिया ने टीएमसी से इस्तीफा देकर राजीव बनर्जी के साथ 30 जनवरी,2021 को बीजेपी में शामिल हुईं। वैशाली ने भ्रष्टाचार समेत तमाम मुद्दों को लेकर टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वैशाली भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के कद्दावर अध्यक्ष रहे जगमोहन डालमिया की बेटी हैं।
प्रबीर घोषाल
हुगली के उत्तरपारा से टीएमसी विधायक प्रबीर घोषाल भी राजीव बनर्जी के साथ 30 जनवरी,2021 को दिल्ली में बीजेपी शामिल हुए थे। घोषाल पिछले कई दिनों से टीएमसी के कामकाज करने की तरीकों पर सवाल उठा रहे थे।
रथिन चक्रवर्ती हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती ने टीएमसी से इस्तीफा देकर 30 जनवरी, 2021 को राजीव बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में बीजेपी का दामन थाम लिया था। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
पार्थ सारथी चटर्जी
पूर्व विधायक और रानाघाट से पांच बार नगर निकाय प्रमुख रहे पार्थ सारथी चटर्जी भी टीएमसी से इस्तीफा देकर 30 जनवरी, 2021 को राजीव बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे।
अरिंदम भट्टाचार्य
दो दिन पहले ही 20 जनवरी, 2020 को नादिया के सांतिपुर से टीएमसी विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने बीजेपी का दामन थाम लिया। नई दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुए अरिंदम ने कहा कि बंगाल के युवा बेरोजगार हैं और सरकार में सही दृष्टिकोण की कमी है।
शुभेंदु अधिकारी
ममता बनर्जी के सबसे खास माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने 16 दिसंबर, 2020 को विधानसभा से इस्तीफा देने के अगले दिन पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप भी छोड़ दी। मिदनापुर जिले के बड़े नेता शुभेंदु अधिकारी साल 2006 से लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। उन्होंने 2006 में विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीते। 2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर परिवहन मंत्री बने। शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी भी विधायक और सांसद रह चुके हैं। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस तरह इनके परिवार का छह जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है। ऐसे में शुभेंदु अधिकारी का साथ छोड़ना ममता बनर्जी के लिए एक बड़ा झटका है।
जितेंद्र तिवारी
शुवेंदु अधिकारी के एक दिन बाद 17 दिसंबर, 2020 को पांडेबेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता में खूब सारा फंड है, लेकिन आसनसोल के विकास के लिए फंड नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि हमें स्मार्ट सिटी से वंचित रखा गया। हमें ठोस कचरा प्रबंधन से भी वंचित रखा गया। हमें कई विकास कार्यों से वंचित रखा गया है। ऐसी स्थिति के बीच काम करना बहुत कठिन हो रहा है। वे पार्टी के पश्चिम बर्धमान के जिला अध्यक्ष भी थे।
शीलभद्र दत्त
24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक शीलभद्र दत्त ने भी 18 दिसंबर, 2020 को ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया। शीलभद्र दत्त इसके पहले कई बार पार्टी में I-PAC प्रमुख प्रशांत किशोर के काम करने के तरीके को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
कबीरुल इस्लाम
शीलभद्र दत्त के साथ ही 18 दिसंबर, 2020 को टीएमसी के एक और नेता कबीरुल इस्लाम ने पार्टी की माइनोरिटी सेल के जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया।
मुकुल रॉय
ममता बनर्जी के राजनीतिक चाणक्य माने जाने वाले मुकुल रॉय टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। मुकुल रॉय को हाल ही में बीजेपी में उपाध्यक्ष बनाया गया है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की राजनीतिक रणनीति तय करने में मुकुल रॉय अहम भूमिका निभा रहे हैं।
लॉकेट चटर्जी
पश्चिम बंगाल की लोकप्रिय नेता लॉकेट चटर्जी साल 2015 में तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गई। लॉकेट अब लोकसभा चुनाव 2019 में जीतकर हुगली से बीजेपी की सांसद हैं।
सुभ्रांशु राय
बीजापुर से टीएमसी के विधायक सुभ्रांशु रॉय भी हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए। वे मुकल राय के बेटे हैं।
मोनिरुल इस्लाम
पश्चिम बंगाल के लबपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मोनिरुल इस्लाम भी ममता बनर्जी का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।
शोभन चटर्जी
ममता बनर्जी के करीबी शोभन चटर्जी भी टीएमसी का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।
मिहिर गोस्वामी
कूच बिहार दक्षिण से टीएमसी विधायक मिहिर गोस्वामी ने भी अब ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले महीने नवंबर, 2020 में वे टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।
अनुपम हाजरा
बोलपुर से टीएमसी सांसद रह चुके अनुपम हाजरा अब बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
अर्जुन सिंह
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अनबन के बाद 2019 में आम चुनाव से ठीक पहले टीएमसी छोड़ने वाले अर्जुन सिंह अब बैरकपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद हैं।
शंकु देब पांडा
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव रहे शंकु देब पांडा ने भी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।
सब्यसाची दत्ता
ममता बनर्जी के सबसे करीबी नेताओं में से एक सब्यसाची दत्ता टीएमसी के ऐसे नेता थे, जो उनके यहां ही रहा करते थे। राजारहाट सीट से विधायक रह चुके सब्यसाची दत्ता ने अक्टूबर 2019 में बीजेपी का दामन थाम लिया। ये ममता बनर्जी को लगा तगड़ा झटका था।
सौमित्र खान
ममता बनर्जी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक सौमित्र खान ने भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया। विष्णुपुर सीट से बीजेपी सांसद सौमित्र खान अब पश्चिम बंगाल में बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं।
इसके साथ ही पिछले साल टीएमसी के पूर्व विधायक गदाधर हाजरा, तृणमूल युवा विंग के प्रमुख आसिफ इकबाल और निमाई दास ममता बनर्जी की पार्टी का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं।