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राजस्थान में आदिवासियों को हिन्दुओं से अलग करने की साजिश करने वालों को करारा जवाब, बीजेपी के मंच से कांग्रेस के तीन आदिवासी विधायकों ने हिन्दू होने किया ऐलान

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अंग्रेजों ने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का पालन करते हुए लंबे समय तक भारत पर शासन किया। आजादी के संघर्ष के बाद अंग्रेज तो देश छोड़कर चले गए, लेकिन अपनी इस नीति को विरासत के रूप में कांग्रेस को सौंपकर चले गए। यही वजह है कि कब, कितना और कहां फूट डालना है, यह कांग्रेस को पता है। सात दशकों से भी अधिक समय से कांग्रेस यही करती आई है। इसी राजनीति के बूते वह देश की सत्ता पर साठ वर्षों तक विराजमान भी रही है। कांग्रेस आज भी इस नीति का पालन करते हुए राजस्थान में आदिवासी समुदाय को हिन्दू धर्म से अलग करने की साजिश कर रही है। लेकिन इस साजिश को अब करारा जवाब मिलने लगा है।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा में आदिवासियों की एक सभा में सभी से हाथ खड़े करवाकर हिंदू होने का ऐलान करवाया। हाथ खड़े करने वालों में कांग्रेस के तीन आदिवासी विधायक भी शामिल थे। आदिवासी दिवस पर आयोजित सभा में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा और कांग्रेस विधायक मुरारी मीणा एक ही बैल गाड़ी पर साथ नजर आए। किरोड़ी लाल मीणा ने कांग्रेस विधायकों की मौजूदगी में गहलोत सरकार को आंदोलन की धमकी दी और सरकार को ललकारा।

दौसा के नांगल में आयोजित आदिवासियों की महापंचायत ने एक प्रस्ताव पारित कर ऐलान किया कि आदिवासी हिंदू हैं। हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं। भगवान राम की पूजा करते हैं। हजारों की संख्या में जुटे आदिवासियों में इस दौरान कांग्रेस के विधायक मुरारी मीणा, जौहरी मीणा और जीआर खटाना एक मंच पर नजर आए। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आदिवासी समुदाय के कुछ नेता आदिवासियों में यह भ्रम फैला रहे है कि वो हिंदू नहीं हैं उन्हें भड़का रहे हैं। मीणा ने कहा कि नांगल में भव्य मंदिर बनाएंगे जिनमें सभी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

बीजेपी नेताओं का आरोप है कि यह आदिवासियों को अलग-थलग करने की साजिश है। वहीं सनातनी आदिवासी संस्था के अध्यक्ष पंकज मीणा कहते हैं कि प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में कई मिशनरीज़ धर्मांतरण के काम को लेकर सक्रिय हैं। मीणा ने राजस्थान सरकार से धर्मांतरण रोकने के लिए राज्य में भी कठोर कानून बनाने और धर्मांतरण कराने वाले को सख्त सजा देने की मांग की है। पूर्व विधायक रमेश मीणा के मुताबिक आदिवासियों को दूसरे धर्म में लाने के लिए ईसाई मिशनरियों से पैसा आ रहा है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों से भी भारी मात्रा में इस पर पैसा खर्च किया जा रहा है।

इससे पहले कथित तौर पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने आमागढ़ फोर्ट पर फहराए गए भगवा झंडा को फाड़ दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि अगर फोर्ट में फिर झंडा लगाया जाएगा तो फिर हटवा देंगे। उनके इस बयान के बाद से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इसी बीच किरोड़ी लाल मीणा ने मीणा समाज का झंडा आमागढ़ किले पर फहरा दिया। किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस रोक पाती उससे पहले वो झंडा फहरा चुके थे। इस पूरे मामले में जयपुर पुलिस ने बीजेपी सांसद को हिरासत में ले लिया था।

गौरतलब है कि कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने दावा किया है कि आदिवासी हिन्दू नहीं है और उनका अलग धर्म है। उन्होंने अपनी मौजूदगी में जयपुर के आमागढ़ किले की प्राचीर से भगवा ध्वज को हटवाया दिया था। उन पर इसे फड़वाने का भी आरोप है। रामकेश मीणा राजस्थान आदिवासी मीणा संघ के अध्यक्ष भी हैं। कांग्रेस रामकेश मीणा को आगे रखकर हिंदुओं को टुकड़ों में बांटकर और अपमानित कर अपनी राजनीति तो चमका ही रही है, साथ ही हिंदुओं को इस देश से जड़ मूल से सफाये का बड़ा षडयंत्र भी रच रही है। हिंदुओं को जातियों और समुदाय में बांटने का कांग्रेस का यह षड्यंत्र कामयाब हो गया तो राजनीति तो अवश्य जीत जाएगी, लेकिन सनातन धर्म और भारत देश जरूर हार जाएगा।

 

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